कुछ रोज पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपने कैंपेन की शुरुआत की. उन्होंने इस आगाज के लिए “शीशमहल विवाद” (Sheesh Mahal Controversy) को चुना. अब इस मामले में CAG की ऑडिट रिपोर्ट सामने आई है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Home) के सीएम रहते हुए सीएम निवास में कई बदलाव किए गए थे. इसी को लेकर विपक्षी दल ‘शीशमहल’ कहकर उन पर तंज कसते हैं. CAG की ऑडिट रिपोर्ट से पता चला है कि उस सरकारी आवास के रेनोवेशन पर प्रस्तावित लागत से तीन गुना से भी अधिक रुपये खर्च किए गए. इसमें फ्लैग स्टाफ रोड स्थित आवास के साथ-साथ कार्यालय के रेनोवेशन का खर्च भी शामिल है.
96 लाख के पर्दे, टाइल्स, टीवी, मिनीबार पर करोड़ों खर्च, केजरीवाल के CM वाले घर की सरकारी रिपोर्ट आ गई
Arvind Kejriwal Home Renovation: 96 लाख के पर्दे, 39 लाख का किचेन का सामान, 20 लाख का टीवी, 18 लाख का ट्रेडमील और जिम का सामान, 16 लाख का कारपेट, 4 लाख का मिनीबार... लिस्ट लंबी है.

इंडियन एक्सप्रेस ने CAG जनरल गिरीश चंद्र मुर्मू की रिपोर्ट के हवाले से इस मामले को रिपोर्ट किया है. केजरीवाल के CM रहते इस आवास के रेनोवेशन का काम ‘लोक निर्माण विभाग’ (PWD) ने किया था. रिपोर्ट है कि इस काम के लिए 7.91 करोड़ रुपये की लागत का प्रारंभिक अनुमान लगाया गया. लेकिन 2020 में इसके लिए 8.62 करोड़ रुपये का बजट दिया गया. लेकिन 2022 में जब PWD ने इसे पूरा किया, तो कुल लागत 33.66 करोड़ रुपये थी.
96 लाख के पर्दे और 39 लाख का किचेन का सामानCAG रिपोर्ट में बताया गया है कि इस आवास में 96 लाख रुपये के पर्दे और 39 लाख के किचेन के उपकरण लगाए गए हैं. साथ ही 20.34 लाख रुपये का टीवी कन्सोल, 18.52 लाख रुपये के ट्रेडमिल और जिम उपकरण और 16.27 लाख रुपये के सिल्क कारपेट लगाए गए हैं. 4.80 लाख रुपये खर्च करके एक इस आवास में एक मिनीबार भी बनाया गया है.
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दीवारों पर संगमरमर के पत्थर लगाने के लिए 20 लाख रुपये का बजट पास किया गया था. लेकिन इस पर 66.89 लाख रुपये खर्च किए गए. फ्लोर पर टाइल्स लगाने के लिए 5.5 लाख रुपये का बजट आवंटित हुआ था. लेकिन इस पर 14 लाख रुपये की लागत आई.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि आवास से जुड़े स्टाफ ब्लॉक और कैंप ऑफिस को बनाने के लिए 3.86 करोड़ रुपये खर्च किए गए. साथ ही साफ-सफाई की चीजें, फर्नीचर और जिम उपकरणों की मरम्मत या रखरखाव पर 1.87 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
पर्दे | 96 लाख |
किचेन उपकरण | 39 लाख |
टीवी कन्सोल | 20.34 लाख |
ट्रेडमिल और जिम उपकरण | 18.52 लाख |
सिल्क कारपेट | 16.27 लाख |
मिनीबार | 4.80 लाख |
संगमरमर | 66.89 लाख |
फ्लोर टाइल्स | 14 लाख |
इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू 20 नवंबर, 2024 को अपने पद से रिटायर हो गए. इससे एक सप्ताह पहले उन्होंने इस रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर किए थे. AAP संयोजक केजरीवाल 14 फरवरी, 2015 से 21 सितंबर, 2024 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद वो शराब घोटाला मामले में जेल गए और उन पर भ्रष्टाचार के सवाल उठे. इसके कारण उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद अक्टूबर महीने में उन्होंने इस आवास को खाली कर दिया.
ऐसे में BJP ने एक बार फिर से उनकी छवि पर निशाना साधा है. इस विवाद में सिर्फ भाजपा ने ही सवाल नहीं उठाया है, बल्कि लोकसभा चुनाव में AAP के साथ गठबंधन में रही कांग्रेस ने भी समय-समय पर सवाल पूछे हैं.
AAP ने क्या कहा?इन आरोपों पर सवाल पूछे जाने के बाद, AAP के एक प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि चुनावों से कुछ दिन पहले BJP ध्यान भटकाने के लिए ये सब कर रही है. क्योंकि उनके पास मुद्दे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एक ऐसी पार्टी से आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास के बारे में सुनना अजीब लगता है, जिसका निर्माण PWD ने किया था. उन्होंने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी पार्टी का नेता 2700 करोड़ रुपये के घर में रहता है, 8400 करोड़ रुपये के विमान में यात्रा करता है और 10 लाख रुपये का सूट पहनता है.
AAP ने कई मौकों पर कहा है कि ये आवास केजरीवाल की निजी संपत्ति नहीं है और CM आवास के तौर पर भविष्य में इसे दूसरे लोगों को आवंटित किया जाएगा.
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CBI ने दर्ज की थी FIRCBI ने सितंबर 2023 में इस मामले में प्रारंभिक FIR दर्ज की थी. इसके बाद भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता की शिकायत के बाद 6 दिसंबर, 2024 को दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने जांच के एक और आदेश दिए.
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