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BJP सांसद वरुण गांधी को सपा देगी टिकट? अखिलेश के एक जवाब ने बहुत कुछ कह दिया

Varun Gandhi बीजेपी में रहकर भी अपनी पार्टी को घेरने से नहीं चूकते. इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार उनका पत्ता पीलीभीत सीट से कट सकता है. और इस बीच उन्हें इसी सीट से समाजवादी पार्टी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा गर्म है.

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वरुण गांधी को मिल सकता है समाजवादी पार्टी से टिकट.

15 साल पुरानी बात है. वरुण गांधी (Varun Gandhi) चुनावी सियासत में नए-नए आए थे. पहली बार सांसदी का चुनाव लड़ रहे थे. बीजेपी के टिकट पर. मुकाबला था समाजवादी पार्टी से. हाथ में माइक थामे बहुत कुछ बोल गए. समाजवादी वादी के प्रत्याशी को ‘आतंकी ओसामा बिन लादेन’ बता डाला था. लेकिन इन 15 सालों में बहुत कुछ बदल गया. अब ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं कि क्या पता वरुण गांधी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हों. 

दरअसल, बीजेपी में रहकर भी वरुण गांधी अपनी ही पार्टी को घेरने से नहीं चूकते. उनके इन्हीं तेवरों के चलते कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी की पीलीभीत सीट से इस बार बीजेपी उनका टिकट काट सकती है. और फिर एक सवाल ने समाजवादी पार्टी से उनकी उम्मीदवारी के दावे को तूल दे दिया.

हुआ यूं कि मंगलवार को एक व्यापार सभा की बैठक थी. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी इस बैठक में हिस्सा ले रहे थे. इस दौरान उनसे एक रिपोर्टर ने पूछा कि वरुण गांधी भी सपा में शामिल हो सकते हैं और क्या वरुण उनसे संपर्क में हैं. इस पर अखिलेश यादव ने जवाब दिया,

दूसरी पार्टी का मैं क्या जानूं कि किसको टिकट मिल रहा है और किसका टिकट कट रहा है. लेकिन हमारा संगठन तय करेगा कि क्या करना है इस विषय पर.

अखिलेश के बयान से लगता है कि वरुण के लिए दरवाजे खुले हुए हैं. इंडिया टुडे से जुड़े सौरभ पांडे ने जब इस बारे में पीलीभीत से सपा के जिला अध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा से बात की तो उन्होंने बताया कि 6 से ज्यादा उम्मीदवारों के बारे में चर्चा हुई, जिनमें वरुण गांधी का नाम भी शामिल है. वरुण गांधी इस सीट से दो बार के सांसद हैं. 2009 और 2019 में वो इस सीट से जीते, 2014 में वो सुल्तानपुर सीट से सांसद बने थे. राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण और उनकी मां मेनका गांधी का पीलीभीत सीट से खास रिश्ता है. वरुण से पहले उनकी मां यहां से सांसद रहीं.

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मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर जब लल्लनटॉप ने वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से बात की तो उन्होंने बताया,

दरअसल वरुण गांधी अब तक किसी क्षेत्रीय दल में जाने से बच रहे थे. उनके पास ये विकल्प काफी साल से था लेकिन वो हमेशा से किसी राष्ट्रीय पार्टी या बड़ी पार्टी में शामिल रहना चाहते थे. क्योंकि उनका विज़न रहा है कि गांधी परिवार का सदस्य होने के नाते उनका एक राष्ट्रीय महत्व है और राष्ट्रीय रोल है.

बातचीत के दौरान किदवई ने वरुण गांधी की कांग्रेस में जाने को लेकर अहम जानकारियां दीं. उन्होंने कहा,

कई बार वरुण गांधी की तरफ से कोशिश हुई. अलग-अलग समय में, कभी कमलनाथ के जरिए तो कभी रामविलास पासवान के ज़रिए जो सोनिया गांधी के पड़ोसी भी थे. उन्होंने कोशिश की कि कांग्रेस में जाने को मिले. लेकिन सोनिया गांधी और कांग्रेस का विवेक हमेशा ये रहा कि मेनका गांधी के रहते हुए ये संभव नहीं है. ये पूरी पृष्ठभूमि रही. अब अगर वरुण गांधी भाजपा से हट के अपना कोई कदम उठाएंगे तो वो दल सपा होगा. ये तो आने वाला समय बताएगा.

पीलीभीत यूपी की उन 8 सीटों में से एक है जहां पहले चरण में चुनाव होना है, नामांकन शुरू हो चुके हैं. पिछले कुछ वक्त से वरुण गांधी, बीजेपी में रहते हुए मोदी और योगी सरकार पर सवाल उठाते रहे हैं. यही वजह है कि उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है. वहीं चर्चा है कि बीजेपी, कांग्रेस छोड़कर आए जितिन प्रसाद को पीलीभीत से उतार सकती है. नामांकन की आखिरी तारीख 27 मार्च है. ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी से एक गांधी का टिकट कटेगा या उनके बने रहने की गुंजाइश बाकी है. एक हफ्ते में ये तस्वीर साफ हो जाएगी.

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