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मैसेज आया फिर अनंत सिंह सरेंडर करने वाले थे, लेकिन..., गिरफ्तारी के पीछे की कहानी पता लगी

Anant Singh Arrest: बिहार चुनाव से ठीक पहले दुलारचंद यादव हत्याकांड और अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने राज्य की सियासत गरमा दी है. इस बीच अनंत की गिरफ्तारी की इनसाइड स्टोरी भी सामने आई है.

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पुलिस के साथ जाते हुए अनंत सिंह की प्रतीकात्मक तस्वीर. (Photo: ITG/File)
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शशि भूषण कुमार

मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए अनंत सिंह को जेडीयू आलाकमान की तरफ से पहले ही मैसेज दे दिया गया था कि उनकी गिरफ्तारी होने वाली है. इसके बाद अनंत सिंह ने सरेंडर करने का भी मन बना लिया था. लेकिन वह सरेंडर करते, इसके पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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आजतक को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दुलारचंद हत्याकांड में नाम सामने आने के बाद जेडीयू शीर्ष नेतृत्व ने उनसे कह दिया था कि वह कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. सूत्रों की मानें तो यह मैसेज मिलने के बाद अनंत सिंह 2 नवंबर को खुद ही सरेंडर करने वाले थे. यही वजह थी कि वह अंडरग्राउंड नहीं हुए और 1 नवंबर को मोकामा में चुनाव प्रचार कर रहे थे. हालांकि 1 नवंबर की रात ही पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा बाढ़ पहुंच गए और अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया.

क्या है मामला?

मालूम हो कि 30 अक्टूबर को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह और जन सुराज के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी. झड़प के बाद दुलारचंद यादव का शव मिला था. दुलारचंद जन सुराज के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे. दुलारचंद के परिवार ने अनंत सिंह को हत्या का दोषी ठहराया था और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

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कौन थे दुलारचंद यादव?

80 और 90 के दशक में दुलारचंद यादव की मोकामा के ताल इलाके में तूती बोलती थी. 90 के दशक में वह राजद सुप्रीमो लालू यादव के संपर्क में आए थे और एक बार मोकामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, चुनाव में उनकी हार हो गई थी. बाद के दिनों में दुलारचंद अलग-अलग पार्टी और प्रत्याशियों के पक्ष में काम करते रहे.

यह भी पढ़ें- दुलारचंद की हत्या, अनंत सिंह गए जेल... अब मोकामा की चुनावी जंग किसके पक्ष में दिख रही?

14 दिन की न्यायिक हिरासत में अनंत सिंह

पुलिस ने दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया है. अनंत के साथ उनके सहयोगी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम में दुलारचंद के शव पर चोट के निशान मिले थे और उन्हें गोली भी मारी गई थी. गिरफ्तारी के बाद पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने अनंत सिंह को 14 दिनों कि न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. उन्हें बेउर जेल में रखा गया है.

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वीडियो: अनंत सिंह, सूरजभान... दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा की जनता क्या बोली?

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