अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम ( Arunachal Pradesh and Sikkim ) में विधानसभा चुनाव की मतगणना की तारीखें बदल दी गई हैं. चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी देते हुए वजह भी बताई है. 16 मार्च को चुनाव आयोग ने आगामी 2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था. आयोग ने लोकसभा के साथ चार राज्यों के विधानसभा और कुछ उपचुनावों का भी ऐलान किया था.
इन 2 राज्यों में बदल गई वोट गिनने की तारीख, बड़ी 'दिक्कत' हो जाती अगर न बदलते, कैसे?
इन राज्यों में 2 दिन पहले ही चुनाव नतीजे आ जाएंगे, अगर 4 जून को नतीजे आते तो बड़ी 'दिक्कत' हो जाती, क्यों इन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लग जाता?

शनिवार 16 मार्च को चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि देश में लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे. वोटों की गिनती के लिए 4 जून का दिन मुकर्रर हुआ था. लेकिन जैसा हमने आपको शुरुआत में ही बताया कि अरुणाचल और सिक्किम में वोटों की गिनती की तारीख बदल दी गई है. अब 4 जून की जगह 2 जून को ही अरुणाचल और सिक्किम में वोटों की गिनती हो जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि 2 जून को दोनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में अगर गिनती 4 जून को होती तो, दो दिन तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा. इस स्थिति से बचने के लिए आयोग ने ये फैसला लिया है.
क्या है चुनाव की स्थिति?दोनों ही राज्यों में लोकसभा के पहले चरण (19 अप्रैल, 2024) के साथ ही विधानसभा की भी वोटिंग होनी है. बीजेपी ने अरुणाचल की सभी 60 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. इस चुनाव में पार्टी ने 16 नए चेहरों को मौका दिया है. वहीं तीन मौजूदा मंत्रियों के टिकट काट दिए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 'मुक्तो' विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं.
ये भी पढ़ें: 5 राज्यों के रिजल्ट से ज्यादा इन उपचुनावों के नतीजे चौंकाने वाले
वहीं सिक्किम में 32 विधानसभा सीटें हैं. जिसमें से मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की पार्टी 'सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा' के पास 17 विधायक हैं. 25 साल तक सिक्किम की प्रमुख पार्टी होने के बावजूद सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) पिछले चुनाव में 15 सीटें ही जीत पाई थी. SDF ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने 6 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है.
वीडियो: हरीश साल्वे ने CAA पर फिलिस्तीन का ज़िक्र कर अमेरिका को घेर लिया