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'टोंटी' और 'चिलम' पर अखिलेश ने योगी को घेरा, फिर साधु-संतों पर ये बोल गए

यूपी में सपा के आने पर चिलम लीगल कर देंगे अखिलेश?

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अखिलेश यादव ने बीजेपी पर पॉलिटीकल शिष्टाचार खत्म करने का आरोप लगाया.

देश के 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले दी लल्लनटॉप का ‘जमघट’ लग चुका है. इसमें हम चर्चित नेताओं का इंटरव्यू कर उनसे आपसे जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछते हैं. और बात करते हैं चुनावी सियासी सरगर्मी की. जमघट में इस बार लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav Lallantop Interview) का इंटरव्यू किया. इसमें मौजूदा शासन, राजनीतिक वादों और चुनावी रणनीति से जुड़े कई सवाल पूछे गए.

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यूपी के सीएम योगी और अखिलेश एक दूसरे को सीधे नाम लेकर नहीं संबोधित करते हैं. इसके लिए 'बाबा', 'बबुआ' जैसे शब्दों का सहारा लिया जाता है. वहीं 'टोंटी' और 'चिलम' को लेकर दोनों एक-दूसरे पर तंज भी कसते रहते हैं.

इसी को लेकर हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने अखिलेश यादव पर सवाल दागा. 

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राजनीति में एक दौर था जब विपक्षियों से मेल-जोल और एक दूसरे की मदद करना आम था, लेकिन अब वो दौर नहीं रहा. अब जब बीजेपी के नेता आपके बारे में बात करते हैं तो व्यक्तिगत आक्षेप होते हैं. आपने घर खाली किया तब टोंटी के इर्दगिर्द नैरेटिव चला. फिर आपकी बात आती है तो आप भी कभी बाबा मुख्यमंत्री कभी चिलमजीवी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. कुल मिलाकर जैसे मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री को एक-दूसरे को संबोधित करना चाहिए, वैसे नहीं होता है. इसे लेकर आपको क्या लगता है?

इसके जवाब में अखिलेश यादव ने अपना बचाव किया और सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बीजेपी पर निशाना साधा. पॉलिटिकल शिष्टाचार खत्म होने को लेकर अखिलेश ने कहा, 

आपको क्या लगता है ये किसने किया? बीजेपी इतने निचले स्तर पर क्यों आई? सबसे ज्यादा पॉलिटिकल शिष्टाचार को खत्म जिसने किया है वो बीजेपी है. आज बीजेपी के लोग गाली देने वालों को पैसा देते हैं, कि विपक्ष के लोगों को आप गाली दीजिए. और जहां तक व्यक्तिगत आक्षेप का सवाल है तो मुख्यमंत्री आवास किसने गंगाजल से धुलवाया? आज योगी सीएम हैं, कल जब वो हटेंगे और फिर गंगाजल से सीएम आवास धुलवाया जाए तो उन्हें कैसा लगेगा? मैंने तो ऐसा नहीं किया था. योगी जी ने सुबह 8 बजे प्रेस को बुलाया ये सब दिखाने के लिए. ये सब स्क्रिपटेड काम हैं, और इन्हें कोई करता है तो वो बीजेपी है. ये सब बदनाम करने के लिए था. अभी तो चुनाव है, बीजेपी कुछ भी कर सकती है.

सवाल- जब इस तरह की चीजें होती हैं तो एक राजनेता के तौर आपकी भी तो कोई रणनीति रहती है कि विपक्षी के वार को कैसे संभालें?

इसलिए स्वाभाविक है जब आपने (सीएम योगी) टोंटी की बात की तो मैंने चिलम की बात की. ये सच है मेरे गांव में, हरिद्वार या बनारस के घाटों पर कई बाबा चिलम पीते हैं और इसमें कोई खराब बात भी नहीं है. हां गंगाचल से घर धुलाना खराब बात है, चिलम लेना नहीं. तो बीजेपी को इसका बुरा क्यों लगता है?

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अमेरिका के कई राज्यों में चिलम लीगल है, इसे लेकर सौरभ द्विवेदी ने जब अखिलेश से पूछा कि क्या यूपी में सपा के आने पर चिलम लीगल कर देंगे तो अखिलेश ने कहा- ये बहस तो लंबी है इसमें मैं नहीं फंस सकता. चिलम हमारे साधु-संतों के बीच की परंपरा है, वो किसी बात को लेकर नाराज ना हो जाएं. 

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