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UP में RO-ARO पेपर लीक मामले में सरकार का एक्शन, जांच के दिए आदेश

UPPSC RO-ARO परीक्षा पेपर लीक मामले में आयोग ने STF से जांच कराने का फैसला किया है. पूरे प्रदेश में 11 फरवरी को RO-ARO की प्रीलिम्स परीक्षा कराई गई थी.

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उत्तरप्रदेश सरकार ने UPPSC RO-ARO परीक्षा की जांच कराने कराने का फैसला लिया है (फोटो: X)

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) RO-ARO परीक्षा पेपर लीक मामले में आयोग ने एक्शन लिया है. आयोग ने इस मामले की जांच STF से कराने का फैसला किया है. UPPSC की तरफ से STF से जांच के लिए शासन को सिफारिश भेजी गई है. पूरे प्रदेश में 11 फरवरी को RO-ARO की प्रीलिम्स परीक्षा कराई गई थी. इस दौरान पेपर लीक होने और प्रश्न पत्र की सील टूटे होने जैसे आरोप लगे थे.

इस भर्ती परीक्षा में 10,69, 725 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. यह परीक्षा राज्य के 58 जिलों के 2387 केंद्रों पर आयोजित कराई गई थी. इस दौरान गाजीपुर के एक परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों ने पेपर आउट का आरोप लगाते हुए खूब हंगामा किया था. अभ्यर्थियों ने सुबह वाली पाली में एग्जाम से पहले पेपर की सील टूटे होने का आरोप लगाया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.

वहीं, प्रतापगढ़ जिले के राम अंजोर मिश्र इंटर कॉलेज में एक अभ्यर्थी के नकल करते रंगे हाथों पकड़े जाने की बात सामने आई थी.  प्रवीण कुमार पटेल नाम के अभ्यर्थी के पास से  एक ब्लूटूथ डिवाइस बरामद किया गया था. 

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विपक्ष ने साधा था निशाना 

इस पूरे मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

“उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी का पेपर भी लीक हो गया. यह अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ भाजपा सरकार की साजिश ही लगती है, क्योंकि ये सरकार बेरोजगारों नौकरी ही नहीं देना चाहती है.”

वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मामले को लेकर यूपी सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा,

“कई वर्षों के इंतजार के बाद संसद में पेपर लीक के खिलाफ कानून पास हुआ और उधर यूपी में समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का पर्चा लीक हो गया.सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या करने जा रही है? क्या यूपी में नये कानून के तहत निष्पक्ष कार्रवाई होगी या ये सिर्फ दिखावा साबित होगा?”

5 फरवरी को प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए लोक परीक्षा विधेयक, 2024 संसद में पास हो गया. इसके मुताबिक परीक्षा में अनियमितता और गड़बड़ी पर अधिकतम 1 से 10 साल तक की जेल और 3 से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है.

बात RO/ARO भर्ती परीक्षा की करें तो इसमें दो पेपर होते हैं- पहला सामान्य अध्ययन (ऑब्जेक्टिव टाइप), जो कुल 140 अंकों के लिए दो घंटे का एग्जाम होता है. वहीं दूसरा पेपर सामान्य हिंदी (प्रारंभिक परीक्षा) का होता है. इसमें ऑब्जेक्टिव टाइप 60 सवाल होते हैं. जिसके लिए 1 घंटा मिलता है.  कुल मिलाकर दोनों पेपर में 200 सवाल होते है. हर सवाल 1 मार्क्स का होता है. और ये एग्जाम कुल मिलाकर तीन घंटे का होता है. 

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