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UPPSC: PCS परीक्षा की नई तारीख जारी, जानिए किस दिन होगा एग्जाम

RO/ARO परीक्षा दो दिन कराए जाने का मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है. अभी भी तमाम छात्र प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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PCS परीक्षा पहले 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होनी थी. (फोटो- X)

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने PCS प्री परीक्षा की नई डेट घोषित कर दी है. PCS-24 की प्रारंभिक परीक्षा अब 22 दिसंबर को आयोजित की जाएगी. ये परीक्षा अब एक ही दिन होगी. छात्रों के लगातार प्रदर्शन (UPPSC Protest) के बाद आयोग ने 14 नवंबर को PCS परीक्षा एक दिन में कराने की मांग मान ली थी. पहले ये परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को प्रस्तावित थी.

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PCS Pre परीक्षा की पहली शिफ्ट में सामान्य अध्ययन और दूसरी में CSAT का पेपर होगा. पहले इस परीक्षा का आयोजन सात और आठ दिसंबर को होना था, लेकिन छात्रों के आंदोलन के बाद आयोग ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया था. इसके बाद एक दिन में ही परीक्षा कराने पर सहमति बनी थी. दो पालियों में होने वाली परीक्षा का पहला पेपर सुबह 9:30 बजे से 11:30 तक होगा. जबकि दोपहर 2:30 बजे से 4:30 तक दूसरा पेपर देना होगा.

बता दें RO/ARO परीक्षा दो दिन कराए जाने का मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है. अभी भी तमाम छात्र प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.

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मालूम हो कि यूपी के प्रयागराज में UPPSC मुख्यालय के बाहर RO/ARO और PCS परीक्षाओं के सैकड़ों प्रतियोगी छात्र 11 नवंबर से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग थी कि एक दिन में परीक्षा आयोजित कराई जाए और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को समाप्त किया जाए. 14 नवंबर को UPPSC सचिव अशोक कुमार ने प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की. इस मसले पर CMO का बयान आया है. इसके अनुसार,

“आयोग एक दिन में PCS की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करेगा. RO/ARO (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग ने एक समिति का गठन किया है. कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी.”

विरोध क्यों हो रहा था?

बता दें कि PCS परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को आयोजित होनी थी. जबकि RO/ARO परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को प्रस्तावित थी. छात्रों के विरोध की शुरुआत हुई 5 नवंबर से जब UPPSC ने परीक्षाओं को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था. नोटिफिकेशन जारी होते ही एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. उसी दिन सड़कों पर उतर गए. वजह थी परीक्षा का आयोजन एक दिन के बदले दो दिन में करना. और इसके कारण होने वाले नॉर्मलाइजेशन का विरोध.

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जब एक ही एग्जाम अलग-अलग दिन होंगे तो उसके लिए अलग-अलग प्रश्न पत्र होंगे. इसमें ज्यादा आशंका है कि एक के मुकाबले दूसरा प्रश्न पत्र कठिन या आसान हो. इसी अंतर को पाटने के लिए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसका उद्देश्य है कि अलग-अलग प्रश्न पत्र होने के कारण किसी छात्र को फायदा या नुकसान ना हो. लेकिन छात्रों का आरोप है कि सरकार ने जो प्रक्रिया अपनाई है वो साइंटिफिक नहीं है. छात्रों को डर था कि नॉर्मलाइजेशन से पारदर्शिता शून्य हो जाएगी, और इससे पता ही नहीं चलेगा कि उन्हें कितने नंबर मिले.

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