The Lallantop

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के बाद BHU में फीस बढ़ने की खबर आई, छात्रों ने दिया धरना

यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक कई कोर्सेस की फीस में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा रही है.

post-main-image
BHU प्रशासन ने कहा कि फीस वृद्धि के बारे में छात्रों का दावा ‘झूठा और निराधार’ है (फोटो- आज तक)

BHU यानी बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने अगले एकेडमिक सेशन से फीस बढ़ाने की योजना बनाई है. फीस बढ़ोतरी के खिलाफ बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, BHU प्रशासन ने फीस बढ़ोतरी को लेकर कहा है कि इससे यूनिवर्सिटी में पहले से पढ़ रहे स्टूडेंट्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यानी फीस नई आने वाली बैचेस के लिए बढ़ाई जा रही है. BHU प्रशासन की ओर से कहा गया कि फीस में नाममात्र की बढ़ोतरी की जा रही है. इसको लेकर साल 2019 एकेडमिक सेशन शुरू होने से पहले ही निर्णय ले लिया गया था. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक, कई कोर्सेस की फीस में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा रही है.

ABVP BHU के कैंपस सेक्रेटरी पुनीत मिश्रा ने बताया,

विद्यार्थी परिषद विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रखेगा जब तक फीस बढ़ोतरी को वापस नहीं लिया जाता. हमने फीस वृद्धि के खिलाफ शनिवार (15 अक्टूबर) से अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. जब तक प्रस्ताव वापस नहीं लिया जाता तब तक धरना जारी रहेगा. हमें सभी विभागों और कोर्स के स्टूडेंट्स का समर्थन भी मिला है.

पुनीत ने आगे बताया कि फीस वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दो महीने पहले शुरू किया गया था. इसके लिए हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से छात्रों का समर्थन भी प्राप्त किया गया है.

वहीं NSUI की BHU विंग के अध्यक्ष राणा रोहित ने बताया,

BHU की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के छात्रों की पढ़ाई के लिए की थी. अगर फीस में इस तरह से बढ़ोतरी की जाएगी तो गांव से आने वाले छात्रों को नुकसान होगा. गांव के रहने वाले छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाएंगे.

राणा ने आगे कहा कि ये लड़ाई किसी बैच के लिए नहीं है, ये लड़ाई शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ है. जो छात्र अभी बीए या बीएससी कर रहे हैं वो भी कभी न कभी मास्टर्स की डिग्री के लिए पढ़ाई करेंगे. और जो छात्र मास्टर्स में हैं वो आगे की पढ़ाई करना चाहेंगे. ये लड़ाई वर्तमान या आगे वाले बैच के लिए नहीं है. हम फीस बढ़ोतरी के खिलाफ लड़ रहे हैं.

इस पूरे मामले पर BHU की तरफ से भी बयान जारी किया गया. 15 अक्टूबर से चल रहे विरोध प्रदर्शन पर BHU प्रशासन ने कहा कि फीस वृद्धि के बारे में छात्रों का दावा ‘झूठा और निराधार’ है. फीस वृद्धि 2022-23 एकेडमिक सेशन में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर लागू होगी. ये यूनिवर्सिटी में पहले से पढ़ रहे स्टूडेंट्स पर लागू नहीं होगी. यूनिवर्सिटी ने कहा कि फीस वृद्धि का ये फैसला कोई नया नहीं है. ये फैसला साल 2019-20 में ही ले लिया गया था. लेकिन कोविड के कहर की वजह से यूनिवर्सिटी ने छात्रों को राहत देने के लिए फीस बढ़ोतरी उस वक्त नहीं की थी.

BHU प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की गलत सूचना और झूठ के झांसे में न आएं. इससे यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल हो रही है और कैंपस में पढ़ाई के माहौल पर असर पड़ रहा है. ये सब उस वक्त हो रहा है जब यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर परीक्षा चल रही है. 

रंगरूट. दी लल्लनटॉप की एक नई पहल. जहां आपको खबर मिलेगी पढ़ाई-लिखाई, कॉलेज-यूनिवर्सिटी, कैंपस से लेकर प्लेसमेंट और करियर तक की. सरकारी भर्तियों का हाल भी और स्टार्ट अप्स की कहानियां भी यहीं मिलेंगी. अपने सुझाव और सवाल हमें लिखिए rangroot@lallantop.com पर. रंगरूट से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें.फेसबुकयूट्यूबट्विटर