The Lallantop

NEET मामले में जांच कहां तक पहुंची? प्रिंसिपल से लेकर पत्रकार के अरेस्ट तक की पूरी कहानी

NEET Paper Leak: Sanjeev Mukhiya को इस मामले का 'सरगना' बताया जा रहा है. वो अपने गिरोह को किसी फर्म की तरह चलाता है. उसके लिए वो लोगों को सैलरी और बाइक भी देता है. और क्या पता चला है अब तक, सबकुछ जानिए.

Advertisement
post-main-image
NEET मामले के आरोपी. (तस्वीर साभार: PTI/इंडिया टुडे)

NEET पेपर लीक (NEET Paper Leak case update) मामले में पुलिस ने कई लोगों की गिरफ्तारी की है. झारखंड के एक स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की गिरफ्तारी भी हुई है. साथ ही CBI ने हजारीबाग के एक पत्रकार को दो लोगों की मदद करने के आरोप में पकड़ा है. इससे पहले बिहार के नालंदा जिले के ‘सॉल्वर गिरोह’ के 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. संजीव मुखिया फिलहाल फरार है. जिसे इस मामले का ‘मास्टरमाइंड’ बताया जा रहा है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement
Sanjeev Mukhiya कौन है?

नालंदा के रहने वाले संजीव मुखिया को इस मामले के ‘सॉल्वर गैंग’ का प्रमुख बताया जा रहा है. पुलिस ने बताया है कि संजीव का गिरोह बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और गुजरात के साथ कई अन्य राज्यों में भी फैला है. जांच एजेंसी CBI को संदेह है कि संजीव नेपाल भाग गया है. उसने पटना की एक अदालत में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी. लेकिन संजीव के फरार होने के कारण मामले की सुनवाई शुरू नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें: NEET और UP कॉन्स्टेबल भर्ती के पेपर लीक आपस में कैसे जुड़े हैं?

Advertisement

UP कॉन्स्टेबल पेपर लीक मामले सहित कई अन्य पेपर लीक मामलों में भी संजीव मुखिया का नाम आया है. उसकी पत्नी ममता देवी 2016 से 2021 तक नालंदा के भुतखार पंचायत की मुखिया रही हैं. इसी कारण संजीव को लोग ‘मुखिया’ कहते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ममता करीब एक दशक से जनता दल (यूनाइटेड) से जुड़ी हुई हैं.

इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, संजीव अपने गिरोह को किसी फर्म या कंपनी की तरह चलाता है. उसने इसके लिए कई लोगों को सैलरी पर रखा है. नालंदा और पटना जिले में संजीव मुखिया के करीब 30 पेड कर्मचारी हैं. इस काम के लिए उसने अपने करीबी लोगों को बाइक भी दे रखी थी. रिमांड और जेल में बंद आरोपियों से भी संजीव मुखिया की लोकेशन के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई. CBI की टीमें फिलहाल 6 राज्यों में जांच कर रही हैं.

Baldev Kumar को मिली थी PDF

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के मुताबिक, बलदेव कुमार उर्फ चिंटू बिहार शरीफ का रहने वाला है. उसपर संजीव का मुख्य सहयोगी होने का संदेह है. जांच अधिकारियों को संदेह है कि बलदेव को 4 मई की देर रात को NEET-UG परीक्षा का हल किया गया पेपर मिला था. पेपर PDF फॉर्म में उसके मोबाईल पर आया था. इस PDF को उसने अपने साथियों के नंबर पर भेजा. इन सिम कार्ड्स के लिए बलदेव और उसके साथियों ने जाली दस्तावेज का इस्तेमाल किया था.

Advertisement

ये भी पढ़ें: NEET पर बात की तो राहुल गांधी का 'माइक बंद कर दिया', कांग्रेस का आरोप, ओम बिरला ने दिया जवाब

Nitish Kumar और Amit Anand ने बांटे पेपर

आरोप के अनुसार, बलदेव ने PDF को दो लोगों के पास भेजा था. उनके नाम है- नीतीश कुमार और अमित आनंद. दोनों पटना में रह रहे थे. कथित तौर पर नीतीश और अमित ने इसका फोटो कॉपी कराया. फिर पटना के खेमनीचक इलाके में गिरोह द्वारा किराए पर लिए गए एक प्ले स्कूल में रहने वाले परीक्षार्थियों तक पहुंचाया. नीतीश और अमित को 22 जून को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया गया था.

इसके बाद पटना पुलिस ने 5 मई को 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें दो अन्य बिचौलिए रोशन कुमार और अवधेश कुमार शामिल थे. ये भी पटना के रहने वाले हैं. इन दोनों पर अमित आनंद के करीबी सहयोगी होने का आरोप है. गिरफ्तार किए गए लोगों में चार परीक्षार्थी और उनके माता-पिता शामिल थे. पटना निवासी सिकंदर यादवेंदु ने कथित तौर पर चार परीक्षार्थियों को बिचौलियों नीतीश और अमित से मिलवाया था. चारों बिचौलियों ने चारों आरोपी परीक्षार्थियों के लिए खेमनीचक स्कूल में रहने की व्यवस्था की. चारों आरोपी परीक्षार्थियों को 4 मई की देर रात हल की गई पीडीएफ दी गई.

ये भी पढ़ें: NEET UG में इस 'गड़बड़' के चलते बन गए 67 बच्चे टॉपर, अधिकारी ने सब बता दिया!

Mukesh Kumar भी गिरफ्तार हुआ

22 जून को देवघर से ही मुकेश कुमार नाम के शख्स की गिरफ्तारी हुई थी. उसपर आरोप है कि उसने 4 आरोपियों को अपनी कार में बैठाया और एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया. मुकेश बिहार शरीफ के मुरौरा गांव का रहने वाला है जो फिलहाल पटना के अगम कुआं में रहता था. कई और आरोपी भी यहीं रह रहे थे.

किसने दिलाया फर्जी सिम?

नालंदा जिले के ही तीन लोगों पर फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने का आरोप है. EOU ने 22 जून को पंकू कुमार, परमजीत सिंह उर्फ ​​बिट्टू और राजीव कुमार उर्फ ​​कारू को इस मामले में आरोपी बनाया. इस साल की शुरूआत में एक दूसरे पेपर लीक मामले में भी ये तीनों आरोपी हैं.

स्कूल प्रिंसिपल गिरफ्तार

झारखंड के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक और उनके वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम को CBI ने 28 जून को गिरफ्तार कर लिया. इन दोनों को NTA ने NEET-UG की परीक्षा के लिए हजारीबाग जिला कोऑर्डिनेटर बनाया था. जांच एजेंसी को संदेह है कि इस मामले की शुरूआत उनके स्कूल से हुई थी.

Journalist Mohd Jamaludin पर भी लगा आरोप

29 जून को हजारीबाग के पत्रकार मोहम्मद जमालुद्दीन को CBI ने गिरफ्तार कर लिया. इन पर ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की मदद करने का आरोप है. जमालुद्दीन एक प्रमुख हिंदी अखबार में काम करते हैं. CBI ने कथित तौर पर उनके खिलाफ महत्वपूर्ण तकनीकी सबूत मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया है.

ये भी पढ़ें: NEET UG परीक्षा 2024 का रिजल्ट जारी होते ही हंगामा, NTA पर क्या आरोप लगे?

Gujarat से भी हुई गिरफ्तारी

21 मई को गुजरात के गोधरा में जय जलाराम स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा को गिरफ्तार किया गया था. इस स्कूल में NEET की परीक्षा हुई थी. और पुरुषोत्तम 5 मई की परीक्षा के लिए अधीक्षक बनाए गए थे. उन पर स्कूल के एक भूगोल शिक्षक तुषार भट्ट सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर कुछ उम्मीदवारों को नकल करने में मदद करने का आरोप है. आरोप के अनुसार, OMR सीट में जो सवाल छात्रों ने खाली छोड़ दिए थे, इन लोगों ने कथित तौर पर सील होने से पहले खुद ही उन सवालों के जवाब भर दिए. तुषार भट्ट को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.

तुषार भट्ट पर आरोप है कि उसने उन छात्रों की 'फाइनल लिस्ट' तैयार की थी, जिनके साथ कथित तौर पर डील तय हुई थी. तुषार के पास दो मोबाइल फोन थे, जिनमें व्हाट्सएप चैट थी, जिसमें परीक्षा में नकल करने के लिए आए 30 में से 16 उम्मीदवारों की एक लिस्ट थी.

तुषार के एक परिचित आरिफ वोहरा को भी 12 मई को गिरफ्तार किया गया था. गोधरा का निवासी आरिफ गुजरात के उन उम्मीदवारों के संपर्क में था- जिनमें से कुछ से CBI पूछताछ कर रही है. आरिफ पर तुषार को 7 लाख रुपए देने का आरोप है. 5 मई को छापेमारी के दौरान ये रकम जब्त की गई थी. परशुराम रॉय नाम के एक व्यक्ति पर तुषार की मदद करने का आरोप है. परशुराम वडोदरा स्थित ‘एजुकेशन इमिग्रेशन कंपनी’ रॉय ओवरसीज का मालिक है. परशुराम पर झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक और अन्य राज्यों के छात्रों को गोधरा को अपना परीक्षा केंद्र चुनने का निर्देश देने का आरोप है. क्योंकि वहां तुषार ओएमआर सीट को सील किए जाने से पहले उनके साथ छेड़छाड़ कर सकता था. परशुराम उन 19 लोगों में शामिल है, जिन्हें 2023 गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड जूनियर क्लर्क परीक्षा के पेपर लीक होने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.

परशुराम के साथ मिलकर काम करने वाले शिक्षा सलाहकार विभोर आनंद को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. इस व्यक्ति पर झारखंड और ओडिशा में NEET-UG उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क करके डील फाइनल करने का आरोप है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: ओम बिरला और राहुल गांधी की लोक सभा में NEET पर तगड़ी बहस, धनखड़ बोले…

Advertisement