ग्रेजुएशन पूरा हो चुका है. अब मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहते हैं और करियर (Career in Management) बनाना चाहते हैं. लेकिन समझ नहीं आ रहा है MBA में एडमिशन लें या PGDM में? MBA और PGDM में क्या अंतर है (difference between PGDM and MBA)? MBA के अलावा मैनेजमेंट में क्या ऑप्शन है (career options in Management without MBA)?
MBA और PGDM में अंतर क्या होता है?
आमतौर पर जब हम मैनेजमेंट की बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में MBA ही आता है. लेकिन मैनेजमेंट के टॉप इंस्टीट्यूट्स जैसे IIM, XLRI और SP Jain आदि में PGDM की पढ़ाई होती है. अगर आप मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहते हैं तो MBA और PGDM में अंतर समझ लीजिए.

ये सवाल हमसे ऋषभ ने पूछा. लेकिन ये सवाल अकेले ऋषभ का नहीं है. ये सवाल UG के बाद मैनेजमेंट की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों के मन में आता है. क्योंकि आमतौर पर जब हम मैनेजमेंट की बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में MBA (Master of Business Administration) ही आता है. लेकिन मैनेजमेंट के टॉप इंस्टीट्यूट्स (Top Management College) जैसे IIM, XLRI और SP Jain आदि में PGDM (Post Graduate Diploma in Management) की पढ़ाई होती है. तो अगर आप भी मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहते हैं तो MBA और PGDM में अंतर समझ लीजिए.
#डिग्री और डिप्लोमा का अंतरMBA कोर्स, यूनिवर्सिटीज या उनसे जुड़े कॉलेजेस ऑफर करते हैं और पढ़ाई पूरी होने के बाद इसमें MBA की डिग्री मिलती है. जैसे दिल्ली यूनिवर्सिटी का FMS (Faculty of management Studies, Delhi University), MBA की डिग्री देता है. जबकि PGDM कोर्स, ऑटोनामस इंस्टीट्यूट्स द्वारा ऑफर किए जाते हैं और यहां डिप्लोमा सर्टिफिकेट मिलते हैं. क्योंकि ऑटोनॉमस इंस्टीट्यूट्स को डिग्री देने का अधिकार नहीं होता. जैसे- 2017 तक IIM (Indian Institute of Management Studies) भी PGDM ही देते थे. 2017 में IIM को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा मिला. जिसके बाद यहां से भी डिग्री मिलने का रास्ता साफ हुआ. हालांकि अभी भी कई सारे IIM, MBA की बजाय PGDM कोर्स ही ऑफर करते हैं.
ज्यादातर ऐसा होता है कि MBA के लिये कॉलेज के सिलेबस को यूनिवर्सिटी डिजाइन करती हैं. इसी कारण से MBA ऑफर करने वाले दो कॉलेजों के सिलेबस में आप समानता देख सकते हैं. लेकिन PGDM का कोर्स और सिलेबस हर एक इंस्टीट्यूट अपने लेवल पर खुद डिसाइड करता है. यानी PGDM ऑफर करने वाले इंस्टीट्यूट्स के पास सिलेबस चुनने की आजादी होती है.
इसी कारण PGDM को लोग ज्यादा पसंद करते हैं. क्योंकि यहां कोर्स में फ्लेक्सिबिलिटी होती है और सिलेबस इंडस्ट्री के हिसाब से हर साल बदला जा सकता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि MBA का सिलेबस, PGDM के मुकाबले अच्छा नही होता. दोनों ही इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से बनाये जाते हैं.
PGDM इंस्टीट्यूट्स में एग्जामिनेशन अप्रूव करने वली बॉडी AICTE यानी ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन है. वहीं MBA ऑफर करने वाले इंस्टीट्यूट्स में एग्जाम यूनिवर्सिटी द्वारा कराये जाते हैं.
#फीस स्ट्रक्चरPGDM की तुलना में MBA की फीस कम होती है. UGC द्वारा मिलने वाले ग्रांट की वजह से यहां फीस कम होती है. जबकि PGDM कोर्सेज में फीस ज्यादा लगती है. क्योंकि ये ऑटोनॉमस इंस्टीट्यूट्स द्वारा ऑफर किए जाते हैं.
जाते-जाते एक बात और. 2017 के बाद से देश के कुछ IIM भी MBA डिग्री ऑफर करने लगे हैं. जैसे- IIM अहमदाबाद, IIM बेंगलुरु, IIM इंदौर, IIM जम्मू. जबकि IIM अमृतसर, IIM बोधगया, IIM कोझिकोड, IIM लखनऊ, IIM नागपुर PGDM कोर्स ऑफर करते हैं.
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