IIIT यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी. IIT और NIT की तरह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए देश के प्रीमियम इंस्टीट्यूट्स में से एक. लेकिन जरा सोचकर देखिए कि अगर किसी IIIT में, जहां अगले कुछ दिनों में क्लासेज शुरू होने वाली हों वहां कैंपस के नाम पर केवल टीन शेड हो. वो भी निर्माणाधीन यानी 'कार्य प्रगति पर है' वाले मोड में. चलिए कल्पना से बाहर आइए. IIIT सूरत की हकीकत है ये. IIIT सूरत के कुछ छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपने कैंपस की तस्वीरें शेयर की हैं. जिसे देखकर हर कोई हैरत में है.
टिन शेड के नीचे इंजीनियरिंग क्लासेज, IIIT सूरत का कैंपस देख माथा पीट लेंगे
IIIT सूरत की स्थापना 2017 में हुई थी. लेकिन अभी तक एकेडमिक और हॉस्टल फैसिलिटी नही तैयार हो पाई है.

IIIT सूरत की स्थापना साल 2017 में की गई थी. इसकी शुरुआत सूरत स्थित SVNIT यानी सरदार वल्ल्भाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के साथ मेंटरशिप में की गई थी. IIIT सूरत के छात्र SVNIT के कैंपस में जाकर पढ़ाई करते थे. यानी कि IIIT का कोई कैंपस नही था. संस्थान में पढ़ रहे तीसरे वर्ष के एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
पहले बैच की सारी क्लासेज SVNIT में शुरू की गई थी. इसके लिये SVNIT और IIIT के बीच एक समझौता भी हुआ था. लेकिन ये समझौता इस साल तक ही मान्य था, यानी साल 2022 तक. और अभी तक IIIT का कैंपस तैयार नही हो पाया है. हम इस दुविधा में हैं कि अब हमारी क्लासेज कैसे होंगी. हमारा फ्यूचर दांव पर लगा है.

संस्थान ने हाल ही में एक नोटिस जारी कर छात्रों से कहा था कि 8 अगस्त 2022 से क्लासेज शुरू की जाएंगी. बता दें कि सूरत स्थित कामरेज में IIIT का कैंपस बनना था. इसके लिये जमीन की पहचान तीन साल पहले कर ली गई थी. लेकिन अभी तक एकेडमिक और हॉस्टल फैसिलिटी नही तैयार हो पाई है. कैंपस तैयार होने में हो रही देरी के पीछे कोराना, लॉकडाउन जैसी वजहें बताई जा रही हैं. तीसरे वर्ष के एक दूसरे छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया,
तथाकथित कैंपस में बस कुछ टीन शेड रखे हुए हैं. ऐसे में कैसे पढ़ाई होगी और हॉस्टल में कैसे रहेंगे. ऊपर से संस्थान ने नोटिस जारी कर 50 हजार से ज्यादा एकेडमिक फीस भरने को कहा है. जिसमें खाने की और हॉस्टल की फीस शामिल नही है. उसके लिए अलग से 35 हजार रुपये देने होंगे.

IIIT सूरत के छात्रों ने बताया कि हमें इस अधूरे बने संस्थान में पढ़ने के लिए बुलाया जा रहा है. रहने के लिये 12 किलोमीटर दूर वलठान स्थित एक स्कूल के हॉस्टल की व्यवस्था की गई है. वहां भी एक कमरे में 5 छात्रों को एक साथ रहने की व्यवस्था है. तीसरे वर्ष में हमें प्लेसमेंट की भी तैयारी करनी होती है. ऐसे में एक साथ इतने लोग रहेंगे तो कैसे पढ़ाई हो पाएगी? और क्या इसका असर हमारी प्लेसमेंट पर नहीं पड़ेगा?
छात्रों ने कहा कि संस्थान के डायरेक्टर जेएस भट्ट को भी इस मामले के बारे में अवगत कराया पर कोई रिस्पांस नही मिला. कैंपस की स्थिति को लेकर कई बार सरकार को मेल किया. मंत्रियों को भी कॉल किया. लेकिन कोई जवाब नही मिला.
डायरेक्टर ने क्या कहा?कैंपस की स्थिति को लेकर जब हमने IIIT सूरत के डायरेक्टर से बात की तो उन्होंने कहा,
हम पूरी तरह तैयार हैं. कैंपस को बनाने का काम तेजी से चल रहा है. 7 मई से इसे बनाने की शुरुआत CPWD द्वारा की गई थी. ये प्रेजेक्ट 75 दिनों में पूरा होना है. बारिश आने की वजह से थोड़े दिनों का विलंब हुआ है, पर काम जारी है. इसमें प्री-फैब्रीकेटेड मटीरियल का यूज किया जा रहा है, जो कि बनने में ज्यादा समय नही लेता है. हमारी पूरी कोशिश है कि छात्रों का कोई नुकसान न हो और पढ़ाई जारी रहे.
छात्रों का कहना है कि उनके पैरेंट्स इस कैंपस को देखकर भौचक्के रह गए. ट्विटर पर शेयर किये गये वीडियो में दिख रहा है कि कैंपस के नाम पर सिर्फ टीन शेड है. वहीं हॉस्टल में भी कोई व्यवस्था नही है. ऊपर से बारिश की वजह से पानी भरा हुआ है. IIIT सूरत के छात्र बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं जिससे उन्हें पढ़ाई के लिए अनुकूल माहौल मिल सके. राष्ट्रीय महत्व का संस्थान होने के नाते छात्रों को जरूरी सुविधाएं मिल सकें.
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