ED यानी प्रवर्तन निदेशालय ने विंजो ऐप (WinZO App) के फाउंडर्स सौम्या सिंह राठौर और पावन नंदा को गिरफ्तार किया है. ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेशंस से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले में इनकी गिरफ्तारी हुई है. दोनों उद्यमियों को बुधवार 26 नवंबर को बेंगलुरु में ईडी के ज़ोनल ऑफिस में पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया. बाद में उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया. अदालत ने ईडी को एक दिन की कस्टडी दी है.
Winzo App के मालिक अरेस्ट, ED ने पकड़ी बड़ी 'धोखाधड़ी', 505 करोड़ की संपत्ति फ्रीज
ED ने WinZO App के फाउंडर्स सौम्या सिंह राठौर और पावन नंदा को गिरफ्तार किया है. ईडी ने इस कंपनी के मालिकों की 505 करोड़ की संपत्ति फ्रीज़ की है. WinZO एक ऑनलाइन गेमिंग और रियल-मनी गेमिंग (RMG) मोबाइल ऐप है. इस ऐप के जरिए लोगों को कई तरह के गेम खेलने की सुविधा मिलती है.


क्या करती है कंपनी ?
WinZO एक ऑनलाइन गेमिंग और रियल-मनी गेमिंग (RMG) मोबाइल ऐप है. इस ऐप के जरिए लोगों को कई तरह के गेम खेलने की सुविधा मिलती है. इसमें कैज़ुअल गेम, क्विज़, स्पोर्ट्स गेम, कार्ड गेम, लूडो, कैरम वगैरह शामिल हैं. जो लोग ये गेम खेलते हैं उनको पैसे लगाकर खेलने और जीतने पर कैश रिवार्ड भी मिलता है. WinZO पर डेवलपर्स अपने गेम इस प्लेटफॉर्म पर लॉन्च कर सकते हैं और रेवेन्यू शेयरिंग के जरिये पैसे कमाते हैं. WinZO इन गेम्स में हिस्सा लेने वालों से एंट्री फीस लेकर कमाई करती है. ये कंपनी विदेशों में जैसे कि ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में भी गेमिंग सर्विसेज देती है.
क्या हैं आरोप?
बिजनेस स्टैंडर्ड की पत्रकार एपेक्सा राय की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी का दावा है कि WinZO ने 22 अगस्त 2025 को देशभर में रियल-मनी गेमिंग पर बैन लगने के बाद भी अपना कामकाज जारी रखा. एजेंसी ने पहले के बयान में आरोप लगाया कि कंपनी ने इन गेम्स में हिस्सा लेने वाले लोगों को करीब 43 करोड़ रुपये वापस करने के बजाय रोक लिए थे. इस पूरे मामले की जांच करने वाली ईडी की टीम का कहना है कि लोगों को ऐसे गेम खिलाए गए जिसमें वे असली खिलाड़ियों के बजाय सॉफ्टवेयर बेस्ड एल्गोरिदम से कंट्रोल खिलाड़ियों (ग्राहकों) से खेल रहे थे लेकिन इसकी जानकारी उनको नहीं दी गई. ईडी का आरोप है कि इस तरीके से कंपनी ने उन खिलाड़ियों से गलत तरीके से पैसा कमाया क्योंकि कई खिलाड़ियों ने इन गेम्स में पैसे गवाएं. अधिकारियों का यह भी कहना है कि WinZO ने ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में भी यही RMG प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराया, जबकि इसका पूरा बैकएंड ऑपरेशन भारत से चलाया जा रहा था.
505 करोड़ की संपत्ति फ्रीज़
पिछले हफ्ते WinZO और गेमक्रॉफ्ट (Gamezkraft) के ठिकानों पर छापे के दौरान, ईडी ने PMLA यानी प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत वित्तीय अनियमितताएं पाने का दावा किया था. एजेंसी ने लगभग 505 करोड़ रुपये कीमत की एसेट्स जैसे कि बॉन्ड, म्यूचुअल फंड्स और फिक्स्ड डिपॉज़िट फ्रीज कर दी हैं. जांच टीम ने ये भी दावा किया है कि WinZO से जुड़े करीब 55 मिलियन डॉलर भारतीय मुद्रा में करीब 490 करोड़ रुपये एक अमेरिकी शेल कंपनी में रखे गए थे, जबकि असल ऑपरेशन और बैंकिंग भारत से ही नियंत्रित हो रहे थे. कुछ फंड्स को सिंगापुर भी भेजा गया, जिन्हें विदेशी निवेश के रूप में दिखाया गया.
बता दें कि शेल कंपनी सिर्फ कागज पर बनी कंपनी होती है और इस कंपनी का असल काम किसी तरह का बिजनेस करना नहीं होता है बल्कि सिर्फ पैसे इधर से उधर करने के लिए होता है. ईडी ने इसी तरह के आरोप Gamezkraft के खिलाफ भी लगाए हैं और जांच जारी है.
उधर, इन आरोपों पर सफाई देते हुए WinZO के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी निष्पक्षता, पारदर्शिता और गेम में हिस्सा लेने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. कंपनी के अनुसार वह सभी लागू कानूनों का पालन करती है और जांच में पूरी तरह सहयोग करेगी.
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