इस साल 6500 अमीर लोग देश छोड़ सकते हैं. दुनियाभर में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखने वाली कंपनी हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट की ताजा रिपोर्ट में ये बात कही गई है. आगे बढ़ने से पहले यह समझते हैं कि एचएनआई क्या होते हैं. भारत में एचएनआई उन्हें कहते है जिन लोगों के पास निवेश करने के लिए कम से कम 10 लाख डॉलर हैं. रुपये में कहें तो यह रकम 8 करोड़ 20 लाख रुपये के आसपास बैठती है. इस पैसे में घर और कार, फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन और दूसरे घरेलू चीजों को शामिल नहीं किया जाता है.
हज़ारों अमीर लोग भारत क्यों छोड़ रहे हैं?
भारत चीन के बाद दूसरा ऐसा देश है जहां से सबसे ज्यादा अमीर लोग देश को अलविदा कर दूसरे देशों में बसने जा रहे हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत चीन के बाद दूसरा ऐसा देश है जहां से सबसे ज्यादा अमीर लोग देश को अलविदा कर दूसरे देशों में बसने जा रहे हैं. देश छोड़ने वालों अमीर लोगों में सिर्फ चीन ऐसा देश है जहां भारत से ज्यादा अमीर लोग देश छोड़ने की तैयारी में हैं. साल 2023 में चीन से साढ़े तेरह हजार अमीर लोग देश छोड़कर जा सकते हैं. देश छोड़कर जाने वाले अमीरों के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर ब्रिटेन है. इस साल ब्रिटेन से 3200 एचएनआई देश छोड़कर जा सकते हैं. वहीं, रूस इस मामले में चौथे नंबर पर है . रूस से इस साल तीन हजार अमीर लोग देश छोड़कर जा सकते हैं. साल 2022 में रूस से 8500 अमीर देश छोड़कर गए थे.
अब जानते हैं कि भारत छोड़कर जाने वाले अमीर भारतीय के पसंदीदा देश कौन से हैं. एक तरफ जहां चीन, भारत, ब्रिटेन, रूस और ब्राजील से अरबपतियों की जमात अपना अपना देश छोड़ने की तैयारी कर रही है वहीं ये अमीर दुनिया के 5 देशों में बसने के लिए सबसे मुफीद मान रहे हैं. इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई, सिंगापुर, अमेरिका और स्विट्जरलैंड का नाम सबसे ऊपर है. इन देशों में दुबई और सिंगापुर अमीर भारतीय परिवारों के लिए पसंदीदा स्थान बने हुए हैं. दुबई सरकार की तरफ से चलाया जा रहा "गोल्डन वीजा " प्रोग्राम भारत के अमीर लोगों को काफी लुभा रहा है. गोल्डन वीजा के तहत इसके तहत दुबई सरकार इंवेस्टर्स, रिसर्चर्स, स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स को यूएई में 5 से 10 साल तक रहने का परमिट देती है. गोल्डन वीजा लेना काफी आसान भी है. हेनले की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत से 7500 एचएनआई देश छोड़कर गए थे.
अब सवाल ये कि अमीर लोग भारत छोड़कर क्यों जा रहे हैं. हेनले एंड पार्टनर्स कंपनी में अमीरों के पैसे की देखभाल करने वाले ग्रुप हेड डोमिनिक वोलेक का कहना है कि अमीर लोगों के अपना देश छोड़कर दूसरे देश में बसने की अलग अलग वजहें हैं. कई लोग सेफ्टी और सिक्योरिटी की वजह से दूसरे देश में बसना चाहते हैं. कुछ देशों के अमीर लोग बच्चों की बेहतर पढ़ाई-लिखाई और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए विदेशों में शिफ्ट हो रहे हैं. कुछ लोगों को अपने देश का अब मौसम रास नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं कुछ अमीर लोग इसलिए दूसरे देशों में बसना चाहते हैं क्योंकि वहां क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता मिली हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत से अमीरों के छोड़ने की एक और प्रमुख वजह भारत में टैक्स को लेकर कानून काफी कड़े हैं और उनमें जटिलताएं हैं. हेनले एंड पार्टनर्स के सीईओ ज्यूर्ग स्टीफेन बताते हैं कि दुनिया के ज्यादातर लोग इसलिए अपने देश को छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि जिन देशों में वह बसने जा रहे हैं वहां राजनीतिक स्थिरता है. उन देशों में टैक्स काफी कम है और निवेश के मौके खूब सारे हैं. इसके अलावा ये अमीर लोग निजी स्वंत्रतता, अच्छी जीवन शैली और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी देश छोड़ रहे हैं. अब समझते हैं कि इन अमीरों का भारत छोड़ना देश के लिए कितनी चिंता वाली बात है. ग्लोबल वेल्थ इंटेलिजेंस फर्म न्यू वर्ल्ड वेल्थ प्रोजेक्ट का मानना है कि 2031 तक भारत में अमीरों की जमात काफी तेजी से बढ़ेगी. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले करीब 8 साल में भारत में एचएनआई की संख्या में 80 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है.
इस तरह से भारत दुनियाभर में इकलौता ऐसा देश होगा जहां लोगों की संपत्ति में इतनी तेज वृद्धि देखने को मिलेगी. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भले ही काफी संख्या में लोग भारत छोड़ रहे हैं लेकिन कई अमीर लोग तेजी से वतन वापसी भी कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बेहतर होती वित्तीय और स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते लोग भारत लौट रहे हैं और आगे भी बड़ी संख्या में धनी व्यक्तियों के भारत वापस आने का अनुमान लगाया गया है.
आपको बता दें कि 2022 के आखिर तक भारत दुनिया के 10 सबसे अमीर देशों में से एक था. भारत में 3 लाख 44 हजार 600 एचएनआई, 1,078 सेंटी मिलियनेयर हैं. सेंटी मेलियनेयर उन्हें कहते हैं जिनकी संपत्ति 800 करोड़ से ज्यादा है. इसके अलावा देश में 123 अरबपति हैं. इन अरबपतियों की संपत्ति 8,200 करोड़ रुपये से अधिक है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2022 में 2 लाख 25 हज़ार भारतीयों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है. साल 2011 से 2022 तक नागरिकता छोड़े जाने के मामले में ये नंबर सबसे ज्यादा है.
वीडियो: खर्चा पानी: मोदी सरकार ने चीनी मोबाइल कंपनियों के खिलाफ क्या कदम उठाया है?