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RBI ने 2000 का नोट वापस लिया था, वाकई में अब तक कितना आया, पता चल गया

RBI ने बताया अब कितनी कीमत में 2000 रुपये के नोट बाजार में चल रहे हैं.

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दो हजार के 87% नोट लोगों ने बैंकों के पास जमा कराए हैं, जबकि, 13% नोटों को बदलवाया है. (तस्वीर साभार- इंडिया टुडे)

बाजार में मौजूद दो हजार के नोटों का 76 फीसदी वापस बैंकों के पास आ चुका है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सोमवार, 3 जुलाई को इसकी जानकारी दी. इसके मुताबिक ज्यादातर नोट डिपॉजिट के रास्ते बैंकों के पास आए हैं. बीती 19 मई को देश के केंद्रीय बैंक ने इस बारे में नोटिस जारी किया था. इसमें कहा गया था कि बाजार में मौजूद दो हजार के सभी नोट वापस लिए जाएंगे. इसके लिए ग्राहकों को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. RBI ने कहा था कि लोगों के पास जो दो हजार के नोट हैं उन्हें या तो बैंकों मे जमा कर सकते हैं या उन्हें एक्सचेंज करा सकते हैं.

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RBI की घोषणा के बाद से बैंकिंग सिस्टम में जमा हुए दो हजार के नोटों की कीमत से जुड़े आंकड़े जारी हुए हैं. इनके मुताबिक 30 जून, 2023 तक बैंकों के पास 2.72 लाख करोड़ रुपये के नोट आ चुके हैं. इस हिसाब से तरह 30 जून को कारोबार बंद होने तक बाजार में 0.84 लाख करोड़ रुपये की कीमत वाले दो हजार के नोट सर्कुलेट हो रहे हैं. ये जानकारी RBI के बयान में ही दी गई है.

इसी बयान में आगे कहा गया है कि 19 मई, 2023 तक दो हजार के जितने नोट सर्कुलेशन में थे उसमें से 76 फीसदी बैंकों के पास आ चुके हैं. RBI ने ये भी बताया कि दो हजार के 87 फीसदी नोट लोगों ने डिपॉजिट कराए हैं, जबकि 13 फीसदी नोटों को बदलवाया है. RBI ने बड़े बैंकों के पास जमा नोटों के आंकड़ों का आंकलन करके ये जानकारी दी है.

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सोमवार को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने दो हजार के नोट वापस लेने वाले फैसले के खिलाफ दायर PIL खारिज कर दी. इस याचिका को वकील रजनीश भास्कर गुप्ता ने दायर किया था. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि सेंट्रल बैंक के पास दो हजार के नोट वापस लेने का कोई अधिकार नहीं है. इस बारे में कोई भी फैसला लेने का अधिकार सिर्फ भारत सरकार के पास है. रजनीश ने याचिका में कहा कि इस फैसले का आम आदमी पर क्या और कितना असर होगा, इसका आकलन किए बिना ही केंद्रीय बैंक ने नोट वापस लेने का फैसला ले लिया.

हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि नोटों को वापस लेने का सरकार का फैसला पूरी तरह नीतिगत फैसला है. कोर्ट को सरकार के फैसलों पर अपीलीय प्राधिकरण की तरह बैठकर सुनवाई नहीं करनी चाहिए.

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