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शेयर मार्केट से मोटा पैसा कमाने की टिप्स देने वाले इन्फ्लुएंसर्स का सच जानते हैं?

कई लोग फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स के चक्कर में पड़कर अपनी मेहनत की कमाई लुटा रहे हैं.

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शेयर मार्केट टिप्स के नाम पर लोग बन रहे बेवकूफ. (सांकेतिक तस्वीर)

कई लोग फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स के चक्कर में पड़कर अपनी मेहनत की कमाई लुटा रहे हैं. सेबी और आरबीआई ने अब तक इन लोगों को लेकर कोई कानून नहीं बनाया है. इसी का गलत फायदा कई फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स उठाकर निवेशकों के साथ धोखा कर रहे हैं. 

फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स क्या होते हैं?

ये ऐसे लोग हैं जो लोगों को पैसे कमाने का 'जुगाड़' बताते हैं. अक्सर ऐसे लोग दूसरों को निवेश की सलाह देते हैं. ये लोग इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों को वित्तीय सलाह देते हैं.

इस तरह की सलाह सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अलावा मोबाइल फोन के मैसेज, व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भी भेजी जाती हैं. अक्सर ऐसी सलाहों में मोटे रिटर्न की बात की जाती है और जल्द मुनाफा पाने का लालच दिया जाता है. कई बार इस तरह की सलाह एक फ्रॉड का हिस्सा होती है. कई बार किसी शेयर में जानबूझकर तेजी लाई जाती हैं और बाद में साजिशकर्ता अपना पूरा निवेश बेचकर निकल जाता है और बाकी लोग स्टॉक में फंस जाते हैं. 

हाल ही में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जिनमें इन इन्फ्लुएंसर्स ने निवेशकों को शेयरों की कीमतों में उतार चढ़ाव और आईपीओ को लेकर गलत सलाह दी.

इस बारे में सेबी का नियम क्या है?

सेबी के नियम के मुताबिक अगर कोई आदमी शेयरों के बारे में सलाह देना चाहता है तो उसके लिए उस आदमी को सेबी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. जबकि सोशल मीडिया में इस तरह की सलाह देने वाले ज्यादातर लोग सेबी में रजिस्टर्ड नहीं होते हैं. कई बार इस तरह के लोग पहले खुद या किसी करीबी के जरिये किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं फिर सोशल मीडिया के जरिये अपने हजारों फॉलोअर्स के बीच उस कंपनी से जुड़ी अच्छी बातें फैलाते हैं. उनकी सलाह पर हजारों लोग उस कंपनी का शेयर खरीदते हैं. डिमांड बढ़ते ही उस कंपनी का शेयर चढ़ जाता है. उसके बाद फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स उस कंपनी के शेयरों को बेचकर मोटा मुनाफा कमा लेते हैं.

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स को लेकर चिंता व्यक्त की थी. बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि जहां कुछ असली विशेषज्ञ हैं जो निवेश और बचत पर ठोस सलाह देते हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जो लोगों को गुमराह करते हैं या उन्हें ज्यादा रिटर्न का वादा करने वाले संदिग्ध ऐप में फंसाते हैं. लेकिन वास्तव में ये पोंजी स्कीम हैं.

वित्त मंत्री ने कहा था कि निवेशकों को ऐसे फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स से सावधान रहना चाहिए. उन्होंने बाद में इसे लेकर ट्वीट भी किया था,

"अगर 3-4 लोग हमें सही सलाह दे रहे हैं, तो 10 में से 7 ऐसे भी लोग हैं जिनका उद्देश्य वास्तव में कुछ और है. अभी बहुत सारे सोशल इन्फ्लुएंसर्स और फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स देखने को मिल रहे हैं, लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना है कि उनकी सलाह को क्रॉसचेक करें. मेहनत से कमाए गए अपने पैसे को बचाने के लिए भीड़ का हिस्सा बनकर किसी चीज के पीछे न भागें."

वित्त मंत्री ने ये भी कहा था कि उनके पास इन फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर्स को रेगुलेट करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

मतलब सरकार इसको लेकर कोई नियम कायदा बनाने नहीं जा रही है. ऐसे में निवेशकों को ही सावधानी बरतनी होगी. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि सबसे पहले निवेशक सोशल मीडिया पर दिए गए टिप्स के आधार पर स्टॉक मार्केट में निवेश कतई न करें. आप उन कंपनियों के शेयर पर फोकस रहें जिनमें आपने पूरी रिसर्च और भरोसे के साथ निवेश किया है. 

निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं. कोशिश करें कि किसी भरोसेमंद वित्तीय सलाहकार की सलाह पर ही शेयर मार्केट में पैसा लगाएं. 

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