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एक जैसी सैलरी, एक जैसा क्रेडिट स्कोर... फिर होम लोन पर अलग-अलग ब्याज क्यों? RBI ने उठाए सवाल

RBI ने बैंकों और NBFC को चेताया है कि एक जैसी सैलरी और क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों से अलग-अलग ब्याज दर वसूलना गलत है. लोन पॉलिसी में पारदर्शिता लाने की सख्त हिदायत दी गई है. Gen-Z स्टाइल में कहें तो RBI ने इस भेदभाव पर ‘रेड फ्लैग’ दिखा दिया है और बैंकों से कहा है - अब ‘मुंह देखी पंचायत’ बंद करो.

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बैंकों ने होम लोन के अलग-अलग जोन बना रखे हैं

आपने होम लोन लिया हुआ है और तय समय पर EMI भर रहे हैं. आपके पड़ोसी ने भी होम लोन लिया है और वो भी ईएमआई तय समय पर भर रहे हैं. आप दोनों ही अच्छा काम कर रहे. लेकिन एक जैसा काम करके भी आपको कम फायदा हो सकता है. मुमकिन है कि एक जैसे लोन पर आप ज्यादा ब्याज दे रहे हों और पड़ोसी कम. ना-ना, इसमें क्रेडिट स्कोर का कोई रोल नहीं है. इसके पीछे तो बैंक और NBFC की कारिस्तानी है. आपने इसकी भनक भी नहीं मगर RBI को जरुर है.

इसलिए RBI ने बैंकों और NBFC को अलग-अलग ब्याज दरों और लोन पॉलिसी में भेदभाव पर सख्त चेतावनी दी है. Gen-Z स्टाइल में कहें तो 'रेड फ्लैग' लहरा दिया गया है. कह दिया है कि मुंहदेखी लोन डील अब नहीं चलेगी. जानिए पूरी बात, ताकि आप फालतू ब्याज न चुकाएं.

अलग-अलग प्रोफाइल

आपका क्रेडिट स्कोर है 890 और मेरा भी इतना ही है. दोनों ही बढ़िया सैलरी पर काम (मान लेते हैं) कर रहे हैं. लेकिन बैंक वाले आपकी अलग प्रोफ़ाइल बना रहे हैं. माने आपको अलग ब्याज पर लोन दे रहे और मुझे अलग. अब ये अंतर थोड़ा बहुत है तो समझ भी आता है मगर ऐसा नहीं है. एकदम मुंह देखी पंचायत वाला मामला है. जानी, हमें आपके बालों में लगे तेल की खुशबू पसंद नहीं आई तो हम आपकी फिल्म नहीं करने वाले. कुछ ऐसा ही, मतलब चेहरे को देखकर इन्टरेस्ट रेट फिक्स किया जा रहा है. केन्द्रीय बैंक ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है. बढ़िया लेकिन आपका क्या जो लोन ले चुके हैं. चिंता ना करो, हम बताते आपको क्या करना है.

लोन का कच्चा-चिट्ठा खोलिए

होम लोन ले लिया और समय से ईएमआई भरने से काम नहीं चलेगा. ऐसा करने से सिर्फ बैंक का फायदा होगा. अपना फायदा करना है तो अमास-पूनो (समय-समय) पर अपने लोन का स्टेटमेंट बारीकी से चेक कीजिए. RBI ने रेपो रेट घटाया है तो आपकी ईएमआई या लोन की अवधि कम होनी चाहिए. ऐसा नहीं हुआ है तो बैंक में जाकर बात कीजिए.

आप समय से लोन चुका रहे तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता जाता है. इसलिए क्रेडिट स्कोर पर नजर रखिए और अपने बैंक को भी बताते रहिए. इसके बदले में आप ब्याज दर में कटौती से लेकर दूसरे फायदे की डिमांड कर सकते हैं.

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होम लोन के स्टेटमेंट पर बारीकी से नजर रखिए 

शायद आपको लगेगा कि ये सब तो खुद से हो जाना चाहिए. काश, ऐसा होता. RBI के रेपो रेट बढ़ाते ही बैंक और NBFC आपसे वसूली करने में तो तनिक भी देरी नहीं करते मगर कम होने पर उसका फायदा आपको ट्रांसफर करने में आलसी करते हैं. इसलिए अपने स्टेटमेंट पर नजर रखिए. किसी वित्तीय एक्सपर्ट से मदद लेने में भी कोई गुरेज नहीं. थोड़ी सी कन्वर्सेशन फीस देकर आप अपने लोन का बड़ा अमाउन्ट कम करवा सकते हैं.

अगर बैंक आपकी नहीं सुनता तो बैंक ही बदल डालिए. आप ठीक पढ़े. नए ग्राहकों को कम ब्याज पर लोन मिल रहा है और पुराने को घर की मुर्गी दाल बराबर समझा जा रहा है. सूचना समाप्त. इस शनिवार आपको क्या करना है, आपको पता है. जो आपको लग रहा हो कि हमने क्रेडिट स्कोर 890 क्यों लिखा था तो भाई 900 होता ही नहीं. किसी का नहीं होता लक्षमन. किसी का भी नहीं.  

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