भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक पैनल ने कुछ बढ़िया सुझाव दिए हैं, बढ़िया इसलिए क्योंकि आपके बेहद काम के हैं. इनमें केवाईसी ना होने पर खाता बंद ना करना, पेंशनर्स को किसी भी ब्रांच में लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की सहूलियत देना, फर्जी ट्रांजैक्शन की शिकायत के लिए विशेष पोर्टल की सुविधा और सर्विस चार्ज में कटौती जैसे कई सुझाव शामिल हैं. ये पैनल RBI ने साल 2022 में बनाया था. इसका काम बैंकों की कस्टमर सर्विस को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देना था.
बैंक में इन 12 कामों के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, RBI पैनल ने ऐसा जुगाड़ कर दिया है!
नॉमिनी, पेंशनर्स, फर्जी ट्रांजैक्शन की शिकायत, KYC और ATM से जुड़ी तमाम परेशानियां, अब दूर हो सकती हैं
1- इस समय पेंशनर्स को जीवन प्रमाणपत्र उस ब्रांच में ही जमा करना होता है जहां उनका खाता खुला है. लेकिन RBI के पैनल का कहना है कि पेंशनर्स उस बैंक की किसी भी ब्रांच में अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके अलावा पेंशनर्स को जिस महीने चाहें उस महीने अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सहूलियत मिले.
2- अगर RBI के किसी संस्थान से किसी ग्राहक की प्रॉपर्टी के कागजात खो जाते हैं, तो वो संस्थान न सिर्फ अपने पैसे से कागजात की प्रमाणित रजिस्टर्ट कॉपी ग्राहक को उपलब्ध कराएं बल्कि, इस काम में जो भी खर्चा आएगा उसकी भरपाई भी ग्राहक को करें.
3- इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) किसी मृत खाताधारक के नॉमिनी के लिए अकाउंट की रकम क्लेम करने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर काम करे. क्लेम के लिए जिन कागजों की जरूरत होगी, उसकी जानकारी पोर्टल पर दी जा सकती है. नॉमिनी की तरफ से जरूरी कागजात जमा होते ही क्लेम तुरंत जारी कर दिया जाए.
4- नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी के लिए मृतक के खाते पर दावा करने की प्रक्रिया ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए. सभी जरूरी कागजात ऑनलाइन जमा कराए जाएं और उनका वेरिफिकेशन भी ऑनलाइन हो. दावे का आवेदन जमा होने के 30 दिनों के अंदर क्लेम सेटल हो जाना चाहिए.
5- रिजर्व बैंक के अंतर्गत आने वाले बैंक, एनबीएफएस और अन्य संस्थान अपनी सेवाओं के बदले जो शुल्क लेते हैं, उन्हें कम किया जाना चाहिए.
6- अगर बैंकों या एनबीएफसी के लोग ग्राहकों को कोई थर्ड पार्टी प्रोडक्ट बेचते हैं तो ऑडिट के दौरान उन प्रोडक्ट्स की जांच होनी चाहिए. ताकि, लोगों को बहला-फुसला कर कोई गलत प्रोडक्ट ना बेचा जाए.
7- जमाखाता के लिए नॉमिनी भरने की प्रक्रिया अनिवार्य की जा सकती है. ताकि खाताधारक की मौत होने पर बिना किसी झमेले के पैसा सीधे नॉमिनी को भेज दिया जाए. पैनल ने कहा है कि इस समय कई ऐसे खाते हैं जिनमें कोई नॉमिनी नहीं है और उन खातों में हजारों करोड़ रुपये पड़े हुए हैं. आरबीआई के अंदर आने वाले सभी संस्थानों को ऐसे खातों के लिए जल्द से जल्द नॉमिनी भरवाने की पहल शुरू करनी चाहिए.
8- RBI से जुड़े संस्थानों को सभी खाताधारकों को केवाईसी अपडेट हो, ये सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करना चाहिए. लेकिन, केवाईसी ना होने की स्थिति में खाता नहीं बंद करना चाहिए.
9- खाताधारकों की रिस्क प्रोफाइलिंग करने के लिए एक सुलझा हुआ तरीका लाया जा सकता है. मिसाल के तौर पर सैलरी पाने वाला खाताधारक, भले ही वो कितनी भी अधिक तनख्वाह क्यों ना पाता हो, अगर उसके खाते में लगातार पैसे आ-जा रहे हैं तो जरूरी नहीं है कि उसे हाई रिस्क वाला प्रोफाइल माना जाए. इसी तरह जरूरी नहीं कि छात्रों को कम रिस्क वाले खाताधारक की तरह देखा जाए.
10- RBI को एक ऐसा कॉमन शिकायत पोर्टल विकसित करना चाहिए जहां ग्राहक एक-एक संस्थान से शिकायत करने की बजाय सीधे पोर्टल पर शिकायत रजिस्टर करा सकें. RBI बाद में उन शिकायतों को संबंधित संस्थान को ट्रांसफर कर दे. इस पोर्टल पर ग्राहकों को अपनी शिकायत की स्थिति जानने की भी सुविधा दी जानी चाहिए.
11- सभी एटीएम के लिए एक जैसा इंटरफेस तैयार करना चाहिए. एटीएम इस्तेमाल करना आसान बना दिया जाए. इतना आसान कि बुजुर्गों के साथ अलावा जिन लोगों का हाथ तकनीक में तंग है या जो दिव्यांग हैं, वो भी झट से पैसा निकाल सकें. इसके लिए एटीएम में कई भाषाओं को सपोर्ट करने वाले सॉफ्टवेयर, चैटबॉट, टेक्स्ट टू स्पीच सॉफ्टवेयर दिए जा सकते हैं.
12- बीते कुछ समय में फर्जी ट्रांजैक्शन की शिकायतें बढ़ गई हैं, लेकिन ग्राहकों को शिकायत दर्ज करने की एक कारगर प्रकिया की जानकारी नहीं है. इसलिए धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन की शिकायत करने के लिए एक इंडियन साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल बनाना चाहिए. इस पर जैसे ही शिकायत दर्ज हो, तुरंत ट्रांजैक्शन रोक दिया जाए.
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