कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक महिला का वीडियो वायरल हुआ था. इसमें वो पेट्रोल पंप पर एक सेल्समैन के सीने पर रिवॉल्वर ताने दिख रही थी. बताया गया कि युवती और उसका परिवार पेट्रोल पंप पर CNG भरवाने आया था. इस दौरान सेल्समैन ने परिवार की सेफ्टी देखते हुए उन्हें गाड़ी से बाहर निकलने के लिए कहा. आरोप है कि इस बात से नाराज परिवार सेल्समैन से लड़ने लगा. इस बीच युवती रिवॉल्वर लेकर कार से उतरी और कथित तौर पर शख्स को मारने की धमकी देने लगी. खैर वो पूरे मामले को आप इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं.
CNG भरवाते समय कार से बाहर निकलने के लिए क्यों कहा जाता है?
Compressed Natural Gas (CNG), पेट्रोल और डीजल के मुकाबले किफायती है. लेकिन पेट्रोल पंप पर CNG भरवाते समय कार के अंदर बैठना खतरनाक हो सकता है. क्योंकि एक गलती की वजह से कार में रखा सिलेंडर फट सकता है या आग लग सकती है.

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लेकिन अब सवाल आता है कि CNG भरवाने के दौरान कार से उतरने के लिए सेल्समैन ने क्यों कहा? पेट्रोल और डीजल डलवाते समय गाड़ी से उतरने के लिए कोई नहीं कहता, तो CNG भरवाते वक्त ऐसा क्यों होता है? चलिए इसका जवाब जानते हैं.

Compressed Natural Gas (CNG), पेट्रोल और डीजल के मुकाबले किफायती है. लेकिन पेट्रोल पंप पर CNG भरवाते समय कार के अंदर बैठना खतरनाक हो सकता है. क्योंकि एक गलती की वजह से प्रेशर बर्स्ट हो सकता है या आग लग सकती है.
200 बार का दबावदरअसल, जब आप गाड़ी में CNG भरवाते हैं, तो पाइप 200 बार से ज्यादा दबाव डालता है. अब 200 बार प्रेशर कितना ज्यादा है, उसको समझने के लिए आपको थोड़ा 'प्रेशर' लेना होगा. मतलब इसका गुणा-गणित समझ लीजिए. बार एक इकाई है जिसका इस्तेमाल प्रेशर मापने के लिए होता है. 200 बार प्रेशर मतलब 2900 PSI का दबाव. अब ये PSI कहां से आ गया. PSI मतलब Pound per square inch. माने हर स्क्वायर इंच पर पड़ने वाला दवाब.
गणित में आपको नहीं उलझाते बल्कि एक उदाहरण से सब साफ करते हैं. एक गाड़ी के टायर में 30 से 35 PSI का दबाव होता है. अगर वो फटे तो क्या होगा, सभी को पता है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो दिख ही जाते हैं. ऐसे में अगर 2900 PSI के दबाव में कुछ हुआ तो अंदाजा आप लगा लीजिए. बड़ा नुकसान होगा. इसलिए गाड़ी से उतरने के लिए कहा जाता है. पेट्रोल और डीजल के साथ ऐसी कोई दिक्कत नहीं होती है.
CNG फ्लेमेबल होती है. एक छोटी सी लीक या गलत तरीके से लगाई गई नोजल से आग लग सकती है. इसलिए CNG फिलिंग के समय इंजन बंद करना चाहिए. पंप पर आग के जोखिम को कम करने के लिए ये जरूरी है.
ज्यादा गैस भर जानाCNG मीटर में गड़बड़ी होना आम बात है. ये मेंटेनेंस ना होने की वजह से या ह्यूमन एरर की वजह से हो सकती है. इसके बाद CNG भरती रहती है, भरती रहती है और किसी को पता नहीं लगता. जिसके चलते बोनट में रखा सिलेंडर फट सकता है.
अब आपके मन में सवाल आ सकता है कि पेट्रोल और डीजल भरवाते समय कार से बाहर निकलने के लिए क्यों नहीं कहा जाता? तो बता दें कि इन दोनों में ही लिक्विड फ्यूल का कम प्रेशर होता है. ये CNG के मुकाबले कम फ्लेमेबल भी होते हैं. लेकिन उन्हें भरवाते समय भी कुछ सेफ्टी गाइडलाइंस का ध्यान रखने की जरूरत है. नहीं तो अनहोनी हो सकती है.
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