पुरानी गाड़ी खरीदते समय हम कई बातों का ध्यान रखते हैं. जैसे कि गाड़ी की कंडीशन, इंजन की परफॉर्मेंस, फीचर्स का सही से काम करना आदि. लेकिन पुरानी गाड़ी खरीदते समय कई लोगों का पहला सवाल होता है कि गाड़ी कितने किलोमीटर चली है? मतलब इससे पता लग जाता है कि इंजन की परफॉर्मेंस शानदार होने वाली है या हमें बीमार इंजन मिलेगा. इसके अलावा गाड़ी किसी एक्सीडेंट से तो नहीं गुजरी इसलिए कई लोग पेंट और बोनट भी चेक करते हैं. ताकि गाड़ी खरीदने के चार दिन बाद ही इसे मैकेनिक की दुकान पर ना लेकर जाना पड़े.
पुरानी कार खरीदने से पहले ज़रूर चेक करें ये 3 दस्तावेज़, वरना जेब हो जाएगी खाली!
पुरानी गाड़ी खरीदते समय नंबर प्लेट तो पहले से मिलेगा. क्योंकि कार शोरूम से बाहर ही नंबर प्लेट के साथ जाती है. लेकिन पुरानी गाड़ी लेते समय ये ही प्लेट आपको भारी जेब खर्च से बचा सकती है. आप बस जो गाड़ी खरीद रहे हैं, उसके नंबर को एक वेबसाइट पर चेक कर लीजिए. इससे पता लग जाएगा कि गाड़ी के ऊपर कहीं कोई कोर्ट केस तो नहीं चल रहा.

लेकिन इतनी मशक्कत करने के बाद भी आपकी जेब खाली हो सकती है. इसका ताल्लुक गाड़ी की कंडीशन से नहीं बल्कि इसके पुराने मालिक और डॉक्यूमेंट्स से जुड़ा है. दरअसल, पुरानी गाड़ी, जो 2-3 साल पुरानी हो और ठीक-ठाक दाम में भी मिल जाए, तो हमें मुनाफे का सौदा लगती है. पर एक गलती से आपको बड़ा चूना भी लग सकता है. हम बात कर रहे हैं, गाड़ी के तीन डॉक्यूमेंट्स की, जिन्हें पैसे देने से पहले देखना जरूरी है.

पुरानी गाड़ी खरीदते समय नंबर प्लेट तो पहले से मिलेगी और ये ही प्लेट आपको भारी जेब खर्च से भी बचा सकती है. आप बस जो गाड़ी खरीद रहे हैं, उसके नंबर को https://www.digitalpolicecitizenservices.gov.in/centercitizen/login.htm पर डाल दीजिए. इससे आपको पता लग जाएगा कि गाड़ी से जुड़ा कोई कोर्ट केस तो नहीं चल रहा है. अगर ऐसा है, तो आप इसे खरीदने के लिए मना कर सकते हैं.
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चालानचालान-चालान और चालान. इनसे जितना ही बच लो. लेकिन ये पीछा ही नहीं छोड़ते. मतलब कि कितनी ही सावधानी से गाड़ी चला लीजिए, एक गलती तो कभी न कभी हो ही जाती है और गाड़ियों के चालान कट जाते हैं. अब ये तो नॉर्मल है. लेकिन जो पुरानी गाड़ी आप खरीद रहे हैं, उसके कितने चालान ऐसे हैं, जिन्हें भरा नहीं गया, इन सभी का जवाब आपको मिलेगा https://echallan.parivahan.gov.in वेबसाइट पर. आपको बस गाड़ी का नंबर प्लेट इस वेबसाइट पर डालना है. इससे पता चल जाएगा कि गाड़ी पर कहीं हजारों-लाखों के चालान पेंडिंग तो नहीं.
RC और बैंकपुरानी गाड़ी खरीदते RC लेना तो जरूरी है ही. इस पर क्योंकि सारी डिटेल्स लिखी होती है. लेकिन RC पर किसी बैंक का नाम लिखा है, तो वाहन मालिक से सीधे बैंक की NOC मांग लीजिए. अगर उसने NOC नहीं दी, तो समझ जाइए कि इस गाड़ी पर अब भी लोन चल रहा है. अगर वाहन मालिक NOC दे देता है लेकिन RC पर बैंक का नाम लिखा है, तो उसे भी हटवाने के लिए कहिए. क्योंकि बाद में इस रिमूव कराने के लिए आपको पैसे देने पड़ जाएंगे. दरअसल, जब कोई व्यक्ति गाड़ी खरीदते समय बैंक से लोन लेता है, तो उसकी RC पर ये मेंशन होता है. इसलिए RC ये बैंक का नाम देखना जरूरी है. ताकि बाद में आपकी जेब से एक्स्ट्रा पैसे खर्च न हो.
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