नई कार के अपने मजे हैं. लेकिन एक टाइम आता है जब हमें दूसरी कार की जरूरत होती है. अब इसकी वजह कुछ भी हो सकती है. जैसे परिवार बढ़ने पर कार छोटी पड़ने लगे. कार बोरिंग लगने लगी क्योंकि उसमें अब नए फीचर्स नहीं हैं. या फिर नए मॉडल के ऊपर दिल आ गया. वजह कुछ भी हो सकती है. ऐसे में मन करता है कि पुरानी कार को बेच दिया जाए. ताकि नई कार घर आ सके. लेकिन इसमें एक दिक्कत पुरानी कार के सही दाम न (maximum resale value of your car) मिलने की आती है.
पुरानी कार भी देगी मोटा पैसा, अगर बेचने से पहले ये काम कर लिए तो
कार बेचते समय अपनी गाड़ी के इंटीरियर और एक्सटीरियर पर ध्यान दें. कहीं से पेंट हटा हुआ है, तो उसे ठीक करवा लें. इन चीजों में पैसा लग सकता है. लेकिन इससे आपको कार की रीसेल वैल्यू (maximum resale value of your car) अच्छी मिलेगी.
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पुरानी कार को देखकर ग्राहक अक्सर कहते हैं, ‘ये कार तो पुरानी है, इसलिए कीमत थोड़ी सही लगा लो.’
जबकि कार बेचने वाला व्यक्ति ये ही सोचता है कि बस उसकी कार का सही-सही दाम मिल जाए.
ऐसे में अगर आप अपनी कार बेचने का मन बना रहे हैं, वो भी बढ़िया दाम पर, तो हमारी कुछ बातें मान लीजिए. इससे आपकी पुरानी गाड़ी भी मुनाफे का सौदा बनेगी.

एक व्यक्ति जब कोई पुराना सामान खरीदने जाता है, तो उम्मीद करता है कि उसे वो चीज सही हालत में मिले. ऐसे में एक बायर भी आपकी पुरानी कार को तब ही अपनाएगा, जब वो अच्छी कंडीशन में होगी. इसलिए अपनी गाड़ी के इंटीरियर और एक्सटीरियर पर ध्यान दें. कहीं से पेंट हटा हुआ है, तो उसे ठीक करवा लें. इन चीजों में पैसा लग सकता है. लेकिन इससे आपको कार की रीसेल वैल्यू अच्छी मिलेगी.
सर्विसकार की परफॉर्मेंस में कोई कमी न आए, इसलिए जरूरी है कि समय-समय पर गाड़ी की सर्विस कराते रहें. कार की सर्विस आमतौर पर 12 महीने या 10,000 किलोमीटर चलने पर करवानी चाहिए. इसके अलावा सर्विस रिकॉर्ड भी अपने साथ रखें. इससे ग्राहक को कंडीशन का सही अंदाजा मिलता है और आपको कार का सही-सही दाम.

गए वो जमाने जब गैराज वाले भईया आकार गाड़ी का दाम बताते थे. आजकल ऑनलाइन सब चेक हो जाता है. किसी भी वेबसाइट पर जाकर अपने मॉडल का प्राइस देखिए. लगे हाथ ये भी देख लीजिए कि दूसरे लोग इसे कितने दाम पर बेच रहे हैं. इससे आपको पता लग जाएगा कि मार्केट में आपकी कार की सही वैल्यू क्या है.
साफ बोलना-खुश रहनापुरानी कार को बिल्कुल चकाचक रखें. लेकिन कार में अगर कोई कमी है या कार का पहले एक्सीडेंट हुआ है, तो ग्राहक को इसकी सूचना दें. आजकल PDI जैसी कई सर्विस उपलब्ध हैं तो झूठ जल्दी पकड़ा जाएगा. इसलिए फजीहत से बचने के लिए पहले ही सब खुल्ला-खाता रखें. कार से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज संभाल कर रखें. ताकि कार बेचते समय कोई दिक्कत नहीं हो.

कार सही दाम पर निकल जाए, इसके लिए जरूरी है उसे सही समय पर बेचना. कार भी पुरानी होने पर साथ छोड़ने लगती है. मतलब कि इसकी परफॉर्मेंस में वो बात नहीं रहती. इसलिए कार बेचने का अगर सोच रहे हैं तो इसे 5 साल इस्तेमाल करने के बाद बेच देना बेहतर है. इससे ज्यादा समय लगाने पर इसकी रीसेल वैल्यू अच्छी नहीं मिलेगी.
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