1983 वर्ल्ड कप जीत तब हुई जब लोगों के पास टीवी नहीं था और 90s की नस्ल पैदा भी नहीं हुई थी. क्रिकेट की दीवानी पीढ़ी के लिए शारजाह में सचिन की बैटिंग के बाद कुछ खास न था. रही-सही कसर तब मैच फिक्सिंग ने पूरी कर दी. कुछ लोगों ने इस दौर को भारतीय क्रिकेट की मौत तक कह दिया था. फिर आई VVS की वो पारी. VVS लक्ष्मण ने 281 रन बनाए और नए ज़माने में भारतीय क्रिकेट ने एक अलग ही मोड़ लिया. एक बहुत बड़ा तबका इसे पिछले 50 साल की सबसे अच्छी पारी मानता है. VVS ने वैसी भगीरथी पारी फिर नहीं खेली. लेकिन इसके बाद भी ऐसे-ऐसे हालात में और ऐसी-ऐसी धाकड़ टीमों के खिलाफ मैच जीताएं हैं उन्होंने, जहां से जीतने की कोई सोच भी नहीं सकता था.
हो सकता है VVS के 48, 42, 76 जैसे मैच जिताऊ और मैच बचाऊ स्कोर उन्हें महानतम बल्लेबाज़ों की पहली लिस्ट में न ला पाएं. लेकिन एकदम विपरित हालात में, चौथी पारी में मैच फिनिश करने की काबिलियत वाली अगर कोई लिस्ट है, तो वो पहले नंबर पर होंगे. उनकी एक महानता इस बात में भी है कि वो न केवल खुद खेल जाते थे, बल्कि गेंदबाज़ों से भी बैटिंग करवा लेते थे.
पेश हैं VVS की 5 ऐसी पारियां जब जीत की उम्मीद मर जाती थी, VVS संकटमोचक बनकर आते थे और गेंदबाज़ों के साथ बैटिंग कर मैच जिता देते थे.
1. VVS 73* बनाम ऑस्ट्रलिया, मोहाली 2010
VVS की ये पारी कोलकाता जितनी भगीरथी नहीं थी. कोलकाता की 281 वाली पारी धीरे-धीरे आई थी, उसका खुमार धीरे-धीरे चढ़ा था और उस मैच के दिन VVS फिट थे, साथ में द्रविड थे. लेकिन मोहाली में VVS ने खाक से लाख का निर्माण किया था. 216 रनों का पीछा करते हुए भारत का स्कोर था 124-8. जीत की कोई उम्मीद नहीं. पहली पारी में पीठ दर्द के कारण VVS नंबर 10 पर बैटिंग करने आए थे. दूसरी पारी में भी यही परेशानी, रैना को रनर लिया गया और ईशांत शर्मा के साथ लिख दी जीत. ईशांत एक छोर पर जमे रहे और दूसरे छोर पर VVS अपनी कलाईयों से टनाटन खेला कर रहे थे. जब लगा कि जीत तो हो ही गई ईशांत शर्मा 31 रन पर आउट हो गए भारत 205-9. भारत को जब 6 रन की ज़रूरत थी तब रनर रैना और ओझा के तालमेल में घालमेल हो गया, स्ट्राइकर एंड पर खड़े VVS को लगा सारी मेहनत बर्बाद, सांस अटक गई. खैर जैसे-तैसे रन आउट होते-होते बच गए पर सदा शांत रहने वाले VVS भी ओझा पर चिल्ला कर बोले ‘भागना चाहिए था.’ दर्द में भी ऐसा जज़्बा दिखाने वाले VVS की मेहनत रंग लाई और आखिरी खिलाड़ी ओझा के साथ भारत के ये रन भी बन गए.

2. VVS 96 बनाम दक्षिण अफ्रीका, डरबन 2010
VVS को ज़िम्बाव्बे और बांग्लादेश की बजाय ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के गेंदबाज़ ज़्यादा पसंद थे. डरबन का तेज़ और पहेली पूछता विकेट. पहली पारी में भारत 205 पर ऑल आउट, लक्ष्मण 38 रन के साथ टॉप स्कोरर रहे. भारत ने भी अफ्रीका को 131 पर ऑल आउट कर दिया. VVS जब दूसरी पारी में आए स्कोर था 56-4. एक छोर पर VVS खड़े रहे और छोटी-छोटी पार्टनरशिप्स से स्कोर पहुंच गया 148-8. अब लगा कि पारी सिमटी ही जाएगी. लेकिन VVS के इरादे कुछ और थे. VVS ने आखिरी तीन बल्लेबाज़ों के साथ 80 रन जोड़ दिए और भारत का स्कोर हो गया 228. दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 303 रन बनाने थे और यही 80 रन भारी पड़ गए. भारत 87 रन भारत मैच जीच गया.
3. VVS 79 बनाम ऑस्ट्रेलिया, पर्थ 2008
सिडनी के कुख्यात टेस्ट मैच के बाद, अनिल कुंबले की कप्तानी में अगला पड़ाव था पर्थ. ऑस्ट्रेलियन मीडिया भारत के बारे में अंट-शंट छाप रहा था. उन सबको जवाब देने का एक ही तरीका था जीत. पर्थ की अग्नि-पिच पर जीत. दूसरी पारी में भारत के पास 118 रन की बढ़त थी और भारत का स्कोर था 125-5. अपनी प्रिय विरोधी टीम ऑस्ट्रलिया के खिलाफ नंबर 6 पर आकर VVS ने पहले सचिन और फिर धोनी के साथ पार्टनरशिप्स लगाई, लेकिन स्कोर अभी भी जीत के लिए नाकाफी 235-8 था. VVS ने आखिरी 2 बल्लेबाज़ों रूद्र प्रताप सिंह और ईशांत शर्मा के साथ 59 रन जोड़ दिए. भारत ये मैच सिर्फ 72 रन से जीता था.
4. VVS 73 बनाम साउथ अफ्रीका, जोहांसबर्ग 2006
सीरीज़ में पहला टेस्ट खेलने उतरी भारतीय टीम के लिए इतिहास और हालात दोनों खिलाफ थे. पहली पारी में भारत ने शानदार गेंदबाज़ी के दम पर दक्षिण अफ्रीका को 84 पर ऑल आउट कर 165 रन की बढ़त बना ली. लेकिन दूसरी पारी में जब VVS आए स्कोर था 41-3. दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे और VVS को फिर से पुछल्ले बैटिंग ऑर्डर के साथ छोड़ दिया गया. इसी मुकाम पर VVS ने ज़हीर खान के साथ 70 रन जोड़ दिए. जिस समय VVS आउट हुए, भारत का स्कोर था 218-8. भारत ने कुल 236 रन बनाए और आसानी से 123 रन से दक्षिण अफ्रीका की सरज़मीं पर पहला टेस्ट जीत लिया.
5. VVS 51 बनाम साउथ अफ्रीका, अहमदाबाद 1996
अपने पहले ही मैच में VVS ने दिखा दिया था कि वो क्या चीज़ हैं. दोनों टीमों की पहली पारी खत्म होने के बाद प्रस्तावना में दक्षिण अफ्रीका के पास 21 रन की बढ़त थी. दूसरी पारी में भारत का स्कोर था 38-3. फिर आए VVS लक्ष्मण. 125 गेंदों तक एलन डॉनल्ड, पैट सिमकॉक्स का सामना कर VVS ने 51 रन बनाए. कुंबले की गेंद पर VVS का स्लिप में कैच आम बात थी. VVS ने कुल कैचों में 20% कुंबले की गेंदों पर लिए हैं. लेकिन इस मैच मेें दोनों ने बैटिंग में जौहर दिखाने का फैसला किया और भारत का स्कोर 124-7 से 180-8 तक खींच ले गए. भारत की पारी खत्म हुई 190 पर और जीत के लिए 170 रन का पीछा करते हुए अंतर बनी लक्ष्मण की लॉअर ऑर्डर के साथ पार्टनरशिप और दक्षिण अफ्रीका 64 रन से हार गया.
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