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आपके घर में रखी ये चीज़ें कभी भी फट सकती हैं, तुरंत ये काम करिए

ये गलतियां आप भी तो नहीं कर रहे?

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what is the reason behind led blast in Ghaziabad
एलईडी टीवी ब्लास्ट (सांकेतिक इमेज)
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सूर्यकांत मिश्रा
6 अक्तूबर 2022 (Updated: 6 अक्तूबर 2022, 06:27 PM IST) कॉमेंट्स
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गाजियाबाद में LED टीवी (LED TV explodes Ghaziabad) में ब्लास्ट हुआ. 17 साल के एक लड़के की मौत हो गई. उसकी मां और दोस्त इस घटना में घायल हो गए. हम अक्सर मोबाइल फोन फटने और उसमें आग लगने की खबरों से दो-चार होते हैं. पर टीवी के ब्लास्ट होने की खबर कई लोगों को थोड़ी अटपटी लगी. पर केवल फोन या टीवी नहीं, हमारे-आपके घर में रखी कई और इलेक्ट्रॉनिक चीज़ें हैं, जिनमें ब्लास्ट हो सकता है. पर ये सामान फटते क्यों हैं और ब्लास्ट से बचने का तरीका क्या है? आज इसी पर बात करेंगे.

बात चाहे टीवी की हो या फिर किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट की. सभी में एक चीज कॉमन है. करेंट का लगातार बहना. ऐसा माना जाता है कि किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट में करेंट के फ़्लो में कुछ ऊपर नीचे हो तो उनके बिगड़ने या फट जाने के चांस होते हैं. घर में रखे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान में ब्लास्ट हो सकता है. फिर चाहे वो टीवी हो या फ्रिज, एयर कंडीशनर हो या माइक्रोवेव, प्रेस हो या मिक्सर. कुछ मामलों में सामान में डिफेक्ट होता है, पर ज्यादातर मामलों में ऐसे हादसे हमारी लापरवाही की वजह से होते हैं.

एक्सटेंशन कॉर्ड का गलत इस्तेमाल 

इलेक्ट्रॉनिक सामान के साथ आने वाले चार्जिंग केबल या वायर की एक बड़ी दिक्कत होती है कि वो बहुत छोटे होते हैं. इस चक्कर में हमें करना पड़ता है एक्सटेंशन कॉर्ड का इस्तेमाल. पर ये एक्सटेंशन कॉर्ड दुर्घटना का बड़ा कारण बन सकते हैं. इसलिए हमें ये पता होना ज़रूरी है कि एक्सटेंशन कॉर्ड कितना वोल्टेज झेल सकता है और उससे कौन-कौन सी मशीन चला सकते हैं. इसलिए जब एक्सटेंशन कॉर्ड खरीदें तो उसकी वोल्टेज कैपेसिटी ज़रूर देखें. दुकान वाला आपसे कहेगा कि टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, प्रेस सब चल जाएगा. अच्छी कैपेसिटी वाला होगा तो चल भी जाएगा. लेकिन सारी इलेक्ट्रॉनिक चीज़ें एक ही कॉर्ड से नहीं चलानी है. नहीं तो ब्लास्ट हो सकता है, क्योंकि एक्सटेंशन कॉर्ड्स में इतना पावर नहीं होता कि वो ज्यादा पावर वाली कई इलेक्ट्रॉनिक चीज़ों का लोड एक साथ उठा सके.

एक्सटेंशन कोर्ड
पुरानी इलेक्ट्रिकल वायरिंग 

घर में आने वाले प्रोडक्टस तो नई-नई तकनीक के साथ आते हैं लेकिन घरों में लगे प्लग और वायर पुराने होते हैं. ऐसा नहीं है कि इससे कोई परेशानी हो सकती है लेकिन तारों में जोड़, किसी भी किस्म की टूट-फूट को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है. ऐसी किसी दिक्कत को खुद से ठीक करना भी सही नहीं है. जब भी किसी किस्म की कोई गड़बड़ी हो सिर्फ एक्सपर्ट से ठीक करवाएं. खुद से तो कतई ठीक ना करें. आसान भाषा में कहें तो कभी ट्रेन के डब्बे पर नजर डालिए. लिखा मिलेगा ‘नॉट टू बी लूज शंटेड’. एक लूज कनेक्शन बड़े कांड करा सकता है.

Free Anonymous male travelers in local shop near pathway between old house walls and post with stickers Stock Photo
पुराने तार 
जुगाड़ वाला रिपेयर 

हम कई बार इसके बारे में बता चुके हैं. जब भी कोई प्रोडक्ट खराब हो तो सिर्फ आधिकारिक सर्विस सेंटर ही जाइए. कुछ पैसे बचाने और कुछ आलस के चक्कर में जो हम मोहल्ले के बाबू भैया से रिपेयर करा लेते हैं वो ठीक नहीं. ऐसा नहीं है कि उनका काम अच्छा नहीं होता लेकिन सर्विस सेंटर की अपनी एक तयशुदा प्रोसेस होती है. एक्सपर्ट होते हैं और जो सामान बदला जाता है वो भी असली. उदाहरण के लिए जैसे एक LED में 2 छोटे कंडेंसर होते हैं. हो सकता है कि लोकल रिपेयर में इनको बदलते समय उनकी क्षमता का ख्याल नहीं रखा जाए तो गड़बड़ हो जाएगी. आधिकारिक सर्विस सेंटर रिपेयर पर जो गारंटी देते है सो अलग. 

ऑन एण्ड ऑन एण्ड ऑन

 ये हम सभी के साथ होता है. अलेक्सा से लेकर दूसरे आटोमेशन डिवाइस की वजह से हम कंप्लीट स्विच ऑफ तो जैसे भूल ही गए हैं. कई बार महीनों हो जाते हैं जब हम टीवी या एयर कंडीशनर को बटन बटन से बंद करते हों. ऐसा न करना अच्छी आदत नहीं. भले दिन भर के लिए रिमोट का इस्तेमाल कीजिए लेकिन रात में, घर से बाहर जाते समय मेन स्विच से ऑफ करना सही रहेगा. वोल्टेज ऊपर नीचे अगर कुछ हुआ तो भी बात सिर्फ पावर सप्लाई तक सीमित रहेगी.

वोल्टेज का खेल 

मॉडर्न प्रोडक्टस आमतौर पर वोल्टेज को मैनेज करने में मास्टर होते हैं. कई सारे प्रोडक्टस तो इन बिल्ड स्टेबलाइजर के साथ भी आते हैं. फिर भी अगर आपके घर में, ऑफिस में वोल्टेज की कोई प्रॉब्लम है तो उसको अनदेखा नहीं करें. 

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वोल्टेज 

ब्लास्ट से जुड़े अधिकतर मामलों में वोल्टेज सबसे बड़ा कारण माना जाता है. गाजियाबाद वाले मामले में ऐसी ही आशंका जताई जा रही है. खैर असल वजह तो जांच के बाद ही पता चलेगी. एक बात और हमेशा असली और ब्रांडेड प्रोडक्ट ही लीजिए. ऑनलाइन के जमाने में ब्रांड और लोकल की कीमत में कोई खास फर्क रह नहीं गया है.

 

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