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एक कमजोर पासवर्ड और हैकर्स ने बंद करा दी 158 साल पुरानी कंपनी, 700 कर्मचारी सड़क पर

महज एक कमजोर पासवर्ड के चलते 158 साल पुरानी कंपनी बंद हो गई. 700 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है. महज एक कमजोर पासवर्ड और हैकर्स ने पूरी कंपनी डुबो दी. ध्यान से पढ़ लीजिए.

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KNP, formerly known as Knights of Old, had insurance and believed it had met IT security standards. But that wasn’t enough.
एक कमजोर पासवर्ड ने 158 साल पुरानी कंपनी बंद करवा दी
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सूर्यकांत मिश्रा
23 जुलाई 2025 (Published: 03:50 PM IST) कॉमेंट्स
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आज स्टोरी का मीटर नहीं बिठाने वाले. कोई ओपनिंग नहीं लिखने वाले. बल्कि सीधे-सीधे आपको चेतावनी देने वाले हैं. अगर आप भी अपने स्मार्टफोन से लेकर ईमेल और बैंकिंग ऐप्स तक में कमजोर पासवर्ड रखते हैं तो यकीन जानिए आप बहुत बड़े रिस्क में हैं. कितने बड़े, पर्सनल जानकारी लीक होने और बैंक अकाउंट खाली होने से भी बड़ा रिस्क. जीवन भर की मेहनत खत्म हो जाने जितना बड़ा जोखिम है जो आज भी आप ‘बाबू-सोना’, ‘Love88’ और पासवर्ड की जगह ‘Password’ का इस्तेमाल करते हैं तो. शायद आप कहोगे- हुआ क्या है. कोई बड़ा नुकसान हुआ क्या? कंपनी बंद हो गई क्या?

एकदम ऐसा ही हुआ है. महज एक कमजोर पासवर्ड के चलते 158 साल पुरानी कंपनी बंद हो गई. 700 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा है. महज एक कमजोर पासवर्ड और हैकर्स ने पूरी कंपनी डुबो दी. ध्यान से पढ़ लीजिए.

Ransomware का सबसे बड़ा केस

मामला ब्रिटेन की सबसे पुरानी लॉजिस्टिक्स कंपनी Knights of Old से जुड़ा हुआ है. कंपनी को अपने सारे ऑपरेशन बंद करने पड़े हैं और 700 से ज्यादा कर्मचारियों को बाहर निकालना पड़ा. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने रैंसमवेयर गैंग Akira की करोड़ों पॉन्ड की फिरौती की मांग को मानने से इनकार कर दिया था. नतीजतन, अब कंपनी बंद हो चुकी है. गैंग ने कंपनी के किसी एक कर्मचारी के कमजोर पासवर्ड का पता किया और फिर उसके सहारे पूरे नेटवर्क पर कब्जा कर लिया.

रैंसमवेयर भी एक किस्म का साइबर अपराध होता है जिसमें आपके सिस्टम पर कब्जा करके आपसे पैसे मांगे जाते हैं. मतलब इसमें आपके बैंक अकाउंट से पैसे नहीं उड़ाए जाते, आपकी निजी जानकारी पब्लिक नहीं की जाती है, बल्कि आपके सिस्टम पर कब्जा किया जाता है. ऐसे अपराध का शिकार अक्सर बड़ी कंपनियां ही होती हैं. सिस्टम पर कब्जे के बाद सब कुछ होल्ड पर चला जाता है. स्क्रीन पर फिरौती का संदेश नमूदार होता है. अमेरिकी Colonial Pipeline कंपनी से लेकर ऑस्ट्रेलिया की MediSecure जैसी बड़ी कंपनियां ऐसी साइबर ठगी का शिकार हो चुकी हैं. 

ransomware
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ये भी पढ़ें: कल दिनभर आपने बैंकों पर जिस रैनसमवेयर अटैक की खबरें सुनी, वो होता क्या है?

इस केस में भी यही हुआ. साल 2023 में KNP के सिस्टम पर कथित तौर पर KNP गैंग ने कब्जा किया और फिर करोड़ों की डिमांड कर दी. हालांकि कितना पैसा मांगा गया वो साफ नहीं है, मगर रिपोर्ट के मुताबिक ये रकम 5 मिलियन पॉन्ड यानी 55 करोड़ रुपये तक हो सकती है. KNP ने हैकर्स मांग नहीं मानी क्योंकि उसको लगा कि उसके पास तो बीमा है. मगर उनका बीमा IT स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करता था.

आगे क्या हुआ, वो हमने आपको आगे ही बता दिया. इसके आगे कंपनी क्या करेगी, वो शायद हमारे काम का भी नहीं. मतलब कानूनी लड़ाई से लेकर नेटवर्क सेफ्टी तक. लेकिन आपके काम की है वो चेतावनी जो हमने आपको सबसे पहले दी.

पासवर्ड आज की तारीख में आपकी तिजोरी की चाबी है. जैसे चाबी को सहेज कर रखा जाता है, वैसे पासवर्ड को भी सेफ रखिए. हमेशा बड़े और कठिन पासवर्ड ही बनाइए. गूगल पासवर्ड मैनेजर जैसी सर्विस की मदद लीजिए. ये कमजोर पासवर्ड को पकड़ते भी हैं और मजबूत पासवर्ड भी सुझाते हैं. जन्म की तारीख, शादी की सालगिरह को पासवर्ड नहीं बनाना है.

एक टिप लेते जाइए: बड़े पासवर्ड के लिए अपने पसंद के गाने या वाक्य की मदद लीजिए. जैसे Hamen tumse pyar kitna, ye ham nahi jante, इसमें से सब पहले अक्षर निकाल कर उनमें कुछ नंबर जोड़ कर पासवर्ड बना लीजिए. जैसे HTPKYHNJ1988. इसे याद रखना भी मुश्किल नहीं और ये आसानी से पकड़ में भी नहीं आएगा. 

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