कल दिनभर आपने बैंकों पर जिस रैनसमवेयर अटैक की खबरें सुनी, वो होता क्या है?
देश के तकरीबन 200 को-ऑपरेटिव और रीजनल रुरल बैंकों पर Ransomware अटैक हुआ. NPCI यानी National Payments Corporation of India ने पोस्ट करके इसकी जानकारी दी. तो अगर आपको भी कल अपने बैंक में कोई दिक्कत हुई तो वो इस Ransomware की वजह से. चलिए जानते हैं कैसे वसूली जाती है डिजिटल फिरौती.
अगर आप दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में रहते हैं तो मुमकिन है कल आपको कोई दिक्कत नहीं हुई हो. लेकिन जो आप मझोले और छोटे शहरों या फिर गांव में रहते हैं तो रहते हैं तो मुमकिन है आपको ये वाली दिक्कत हुई हो. अगर इतना पढ़कर आपको लग रहा है कि अपन बारिश से जुड़ी कोई बात करने वाले हैं तो बिल्कुल नहीं. बारिश तो पूरे देश में ही कोहराम मचा रही इसलिए हम बात करने वाले हैं बैंकिंग की. कल यानी जुलाई के आखरी दिन देश के 150-200 बैंकों पर अटैक हुआ. बंदूकों वाला नहीं, डिजिटल फिरौती वाला.
सीधे-सपाट तरीके से कहें तो देश के तकरीबन 200 को-ऑपरेटिव और रीजनल रुरल बैंकों पर Ransomware अटैक हुआ. NPCI यानी National Payments Corporation of India ने पोस्ट करके इसकी जानकारी दी. तो अगर आपको भी कल अपने बैंक में कोई दिक्कत हुई तो वो इस Ransomware की वजह से. चलिए जानते हैं, कैसे वसूली जाती है डिजिटल फिरौती.
क्या होता है Ransomware?एक किस्म की हैकिंग मगर इसका मकसद कुछ अलग होता है. माने जैसे कोई वायरस, मालवेयर आपके डिवाइस में घुस जाता है तो वो आमतौर पर आपके डेटा में सेंध लगाता है. आपकी फोटो गैलरी में झांकता है तो बैंकिंग से लेकर दूसरी निजी जानकारी को चुराता है. इसके लिए लिंक से लेकर एसएमएस और कॉल का सहारा लिया जाता है. कई फर्जी ऐप्स भी ऐसा काम करते हैं. मतलब आपने उनको डाउनलोड किया और वो अपना काम कर गए. ये मालवेयर आपका डेटा चुराते हैं और फिर उसको बेचते हैं या फिर आपको ब्लैकमेल करते हैं.
Ransomware भी इस बिरादरी से आता है और सिस्टम में घुसने का तरीका भी वही है. माने आपने सिस्टम पर गंजे सिर पर तीन दिन में बाल उगाने वाली लिंक पर क्लिक किया या फिर करोड़ों की लॉटरी वाले ईमेल पर. इसके बाद सिस्टम इनके कब्जे में. मगर ये डेटा नहीं चुराते बल्कि फिरौती मांगते हैं. जब तक वसूली नहीं हो जाती, तब तक सिस्टम पर आप कोई काम नहीं कर सकते. सीधे-सीधे स्क्रीन पर लिखा दिखता है.
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इतना पैसा मांगता. पैसा लिया जाता है किसी छोटे से देश के अकाउंट में या फिर क्रिप्टो में. मतलब पकड़ पाने का कोई जुगाड़ नहीं. ऐसा ही कुछ हुआ कल इन बैंकों के साथ. टारगेट कौन था.
C-Edge TechnologiesTata Consultancy Services Ltd. (TCS) और एसबीआई का जॉइन्ट वेंचर जो बैंकों का कामकाज संभालता है. इसी कंपनी पर कल ये अटैक हुआ. NPCI के मुताबिक C-Edge से जुड़े बैंकों और सर्वर को कुछ समय के लिए पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया है. मतलब पूरे सिस्टम को बंद नहीं किया गया बल्कि सिर्फ प्रभावित बैंकों को नेटवर्क से अलग किया गया है.
अब एक्सपर्ट मिलकर इस समस्या से निपटने का रास्ता खोज रहे हैं.
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