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गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज की भिड़ंत में मोज़िला फायरफॉक्स का बैंड बज रहा है

एज ऊपर चढ़ रहा, फ़ायरफ़ॉक्स फिसल रहा.

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(फ़ोटो: सांकेतिक)
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अभय शर्मा
4 अगस्त 2020 (Updated: 4 अगस्त 2020, 11:49 AM IST) कॉमेंट्स
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माइक्रोसॉफ़्ट का इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्राउज़र दुनिया के तंज और मीम झेलते-झेलते दुनिया से विदा हो लिया. ऐसा कहा जाता था कि इंटरनेट एक्सप्लोरर का सिर्फ़ इतना सा काम है कि क्रोम या फ़ायरफ़ॉक्स को डाउनलोड कर दे. मगर बूढ़े एक्सप्लोरर की जगह लेने वाले माइक्रोसॉफ़्ट एज (Microsoft Edge) ब्राउज़र की पॉपुलैरिटी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इतनी कि मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स (Mozilla Firefox) पिछड़ गया है.
जुलाई के आख़िर तक कम्प्यूटर वेब ब्राउज़र की कैटेगरी में माइक्रोसॉफ़्ट एज दूसरे नम्बर पर आ गया है और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स फिसल कर तीसरे नम्बर पर पहुंच गया है. हालांकि मार्केट लीडर गूगल क्रोम (Google Chrome) के मुक़ाबले दोनों अभी भी पानी ही भर रहे हैं. नेटमार्केट शेयर की जुलाई रिपोर्ट के मुताबिक़, क्रोम के पास मार्केट की 71.11% हिस्सेदारी है. वहीं एज के पास 8.09% मार्केट शेयर है. मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के पास 7.36% शेयर है.

एज चल रहा क्रोमीयम पर

इंटरनेट एक्सप्लोरर की छुट्टी कर के माइक्रोसॉफ़्ट ने एज ब्राउज़र बनाया. ब्राउज़र का लुक और फ़ील काफ़ी माडर्न था. लेकिन ये EdgeHTML (एज एचटीएमएल) प्लैटफॉर्म पर चलता था. फिर पिछले साल माइक्रोसॉफ़्ट ने एज को क्रोमीयम प्लैटफॉर्म पर अपडेट कर दिया.
Chrome 700
गूगल क्रोम. (फ़ोटो: गूगल)

क्रोमीयम क्या है? ये गूगल का बनाया हुआ एक ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर प्रोजेक्ट है, जो फ़्री में अवेलेबल है. इसको इस्तेमाल कर के आप अपना ख़ुद का एक इंटरनेट ब्राउज़र बना सकते हैं. इसको इंटरनेट ब्राउज़र के ब्लूप्रिंट की तरह समझिए. क्रोमीयम के सोर्स कोड पर ही गूगल का क्रोम ब्राउज़र भी बना हुआ है.
क्रोमीयम पर शिफ़्ट होने के बाद से माइक्रोसॉफ़्ट एज अब विंडोज़ 10 और विंडोज़ 7 के साथ-साथ, मैक ओएस (macOS), ऐंड्रॉयड, आइओएस (iOS), और आइपैड (iPad) पर भी मौजूद है. एज को एक बड़ा पुश तब मिला जब माइक्रोसॉफ़्ट ने विंडोज़ 10 और विंडोज़ 7 पर एक अपडेट भेजी. और अपडेट के साथ आया माइक्रोसॉफ़्ट एज.

क्रोम और एज की टक्कर में फ़ायरफ़ॉक्स पिस रहा

Firefox 700
मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स. (फ़ोटो: मोज़िला)

दिसम्बर 2018 में माइक्रोसॉफ़्ट ने अनाउन्स किया था कि ये क्रोमीयम पर शिफ़्ट हो जाएगा. तब मोज़िला ने माइक्रोसॉफ़्ट पर इल्ज़ाम लगाया कि ये गूगल की पोज़ीशन और मज़बूत कर रहा है. माइक्रोसॉफ़्ट ने भी पलटवार करते हुए कहा कि अब फ़िलासफ़ी के टावर से उतरने का वक़्त आ गया है. वेब अब क्रोमीयम पर चलता है. अलग रहकर एक पैरलेल यूनिवर्स बनाने से बेहतर है आगे बढ़कर हाथ मिलाना.
लेकिन माइक्रोसॉफ़्ट एज का मार्केट शेयर धड़ल्ले से नहीं बढ़ रहा. मई-जून-जुलाई में इसकी हिस्सेदारी 7.86%, 8.07%, और 8.09% रही है. लेकिन उसी टाइम में गूगल क्रोम का मार्केट शेयर 69.81%, 70.19%, और 71.11% रहा है. जिसके पास सबसे ज़्यादा मार्केट शेयर है वही सबसे तेज़ी से बढ़ भी रहा है.


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