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गूगल फ़ोटोज़ अरुणाचल प्रदेश के इलाके को चीन में दिखा रहा है!

जियो-टैग सही है, पर हाईलाइट्स में चीन लिखा है!

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गूगल फ़ोटोज़ अरुणाचल प्रदेश को चाइना में दिखा रहा है.
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अभय शर्मा
30 नवंबर 2020 (Updated: 30 नवंबर 2020, 11:29 AM IST) कॉमेंट्स
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गूगल फ़ोटोज़ (Google Photos) में एक फ़ीचर है हाइलाइट्स का जहां ये आपको साल, दो साल, चार साल या उससे भी पुरानी पिक्चर्स दिखाता रहता है. ये पिक्चर्स आपको याद दिलाती हैं कि इसी दिन या इसी हफ़्ते पिछले साल आप कहां थे और क्या कर रहे थे. ये हाईलाइट्स इंस्टाग्राम की स्टोरीज़ की तरह दिखती हैं मगर हर पिक्चर पर ऊपर फ़ोटो की तारीख और फ़ोटो की लोकेशन लिखी रहती है. नीचे लगे हुए स्क्रीनशॉट में देखिए:
Noida Location
ये पिक्चर नवंबर 2018 में नोएडा में खींची गई थी, जिसे गूगल फ़ोटोज़ ने हमारी हाईलाइट में दिखाया.

ये फीचर नॉस्टैल्जिया (nostalgia) पर खेलता है. पुरानी यादें ताज़ा करता है. मगर अभी हाल ही में जब गूगल फ़ोटोज़ ने हमारे एक साथी को नॉस्टैल्जिक फ़ील कराने की कोशिश की तो पता चला कि ये अरुणाचल प्रदेश में खींची हुई पिक्चर्स को चाइना की बता रहा है. अरुणाचल प्रदेश चीन की सीमा से सटा हुआ एक भारतीय राज्य है और इधर भी इंडिया-चाइना का बॉर्डर डिस्प्यूट है.
नीचे लगी हुई पिक्चर्स को देखिए. इसमें सारी इमेजेस की लोकेशन को गूगल शन्नान, तिब्बत, चाइना दिखा रहा है. मगर ये सारी पिक्चर्स अरुणाचल प्रदेश में खींची गई हैं.
Shannan Collage
गूगल फ़ोटोज़ की हाईलाइट्स.

23 नवम्बर वाली पिक्चर को अरुणाचल प्रदेश के ज़िरो (Ziro) टाउन में क्लिक किया गया है. ये अपतानी ट्राइब का घर है और प्रदेश के सबसे पुराने कस्बों में से एक है. अपतानी कल्चर के लैन्डएस्केप की वजह से ज़िरो को UNESCO वर्ल्ड हेरिटिज साइट की टेनटेटिव लिस्ट में भी शामिल गया है.
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अरुणाचल प्रदेश के ज़िरो क़स्बे में खींची हुई फ़ोटो.

26 नवम्बर वाली पिक्चर्स को इसी ज़िले के दपोरिजो कस्बे में क्लिक किया गया है. इसी साल अप्रैल में यहां भारतीय सेना के इस्तेमाल के लिए एक ब्रिज भी बनाया गया था. दपोरिजो में जिस जगह से ये पिक्चर क्लिक की गई है वो एक सरकारी गेस्ट हाउस है.
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अरुणाचल प्रदेश के दपोरिजो क़स्बे में खींची हुई फ़ोटो.

21 नवम्बर वाली पिक्चर को अरुणाचल प्रदेश में मौजूद राजीव गांधी यूनिवर्सिटी में क्लिक किया गया है. पिक्चर पर्सनल है इसलिए हम इसे ब्लर कर रहे हैं. आप इसके ऊपर चाइना की लोकेशन लिखी देख सकते हैं.
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अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी में खींची हुई फ़ोटो.

इस जियो-टैग के लिए कौन ज़िम्मेदार?
हाईलाइट्स में अरुणाचल प्रदेश की जगह पर तिब्बत, चाइना लिखा देख कर पहले तो हमें लगा कि दिक्कत जियो-टैगिंग (geo-tagging) में है. ये क्या है? जब आप कोई पिक्चर क्लिक करते हैं तो आपका फ़ोन या कैमरा आपकी लोकेशन को फ़ोटो में मार्क कर देता है, इसे ही जियो-टैग कहते हैं.
मगर इन पिक्चर्स की अबाउट इन्फॉर्मैशन देखने पर पता चला कि जियो-टैग तो बिल्कुल सही हैं. नीचे लगे गए स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं कि दोपरिजो में खींची गई पिक्चर्स की लोकेशन अरुणाचल प्रदेश ही दिखा रहा है.
Arunachal Pradesh Original Location
पिक्चर्स की लोकेशन अरुणाचल प्रदेश में ही रेजिस्टर्ड दिखा रहा है.

इसका मतलब ये हुआ कि गूगल फ़ोटोज़ अपने आप ही अरुणाचल प्रदेश वाली पिक्चर्स को तिब्बत के शन्नान में दिखा रहा है. तो फ़िलहाल तो यहां पर पूरी कारस्तानी गूगल फोटोज़ की नज़र आ रही है.  हमने इस मामले में गूगल को कुछ सवाल भेजे हैं, मगर अभी तक कंपनी की तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया है.
पहले भी हो चुका है ऐसा!
गलवान वैली में बॉर्डर एरिया को लेकर इंडिया और चाइना के बीच में महीनों से तनाव बना हुआ है. ऐसे में बॉर्डर इशू और भी ज़्यादा सेन्सिटिव है. मगर ये पहला मौका नहीं है जब किसी टेक कंपनी ने इंडियन टेरिटरी को चाइना में दिखाया हो.
अक्टूबर के महीने में ट्विटर ने जम्मू और कश्मीर को चाइना में दिखाया था. नैशनल सिक्योरिटी ऐनलिस्ट नितिन गोखले ने लेह के हॉल ऑफ़ फ़ेम मेमोरियल से एक ट्विटर लाइव किया मगर लोकेशन में ट्विटर ने जम्मू एण्ड कश्मीर, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना दिखा दिया. नीचे लगा हुआ ट्वीट देखिए: बहरहाल तब ट्विटर ने अपनी गलती मानी थी और जियो-टैग एरर को सही कर दिया था.
वीडियो: देसी ट्विटर कहे जा रहे टूटर पर PM मोदी का ये अकाउंट वेरिफाइड नहीं है

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