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Google ने बड्डे पर भारतीय यूजर्स को दिया सीरियस रिटर्न गिफ्ट, मामला भूकंप से जुड़ा है

गूगल ने Earthquake alerts on Android in India वॉर्निंग सिस्टम को नेशनल डिजास्टर मैनजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर (NSC) की साझेदारी में बनाया है. ये सिस्टम अगले कुछ हफ्तों में काम करने लगेगा.

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Google has announced the launch of its earthquake alert system for Android devices in India. The system uses smartphone sensors such as accelerators, which can act as small seismometers to detect tremors.
Google का भूकंप अलर्ट. (तस्वीर: गूगल)
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सूर्यकांत मिश्रा
28 सितंबर 2023 (Published: 03:35 PM IST) कॉमेंट्स
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कल यानी 27 सितंबर को Google का 25वां जन्मदिन था. हमने भी गूगल को हैप्पी बड्डे गूगल बोला और गूगल ने हमें दिया रिटर्न गिफ्ट. उसने भारत के लिए लॉन्च किया है ‘एंड्रॉयड अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम’(earthquake alerts on Android in India). मतलब अब अगर धरती थरथराई तो मोबाइल पर वाइब्रेशन होगा. ये सिस्टम एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर भूकंप आने से पहले ही उसकी इन्टेन्सिटी को डिटेक्ट कर वॉर्निंग का नोटिफिकेशन भेजेगा. एंड्रॉयड यूजर्स को भूकंप आने से कुछ सेकंड पहले अलर्ट मिल जाएगा. 

टेक दिग्गज गूगल ने इस वॉर्निंग सिस्टम को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) और नेशनल सीस्मोलॉजी सेंटर (NSC) की साझेदारी में बनाया है. ये सिस्टम अगले कुछ हफ्तों में काम करने लगेगा. कंपनी ने इसके लॉन्च की जानकारी एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए दी है. गूगल ने कहा, 'इंटरनेट सिग्नल लाइट की स्पीड से चलता है, जो भूकंप के झटकों की तुलना में काफी तेज होता है.

गूगल का ये सिस्टम कई देशों में पहले से इस्तेमाल किया जा जा रहा है. जिसका मकसद समय से पहले भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा का पता करना और जान-माल के नुकसान को कम करना है. यह सिस्टम आपके फोन को एक मिनी अर्थक्वेक डिटेक्टर में बदल देता है. अर्थक्वेक अलर्ट सिस्टम फोन में मौजूद एक्सेलेरोमीटर का सीस्मोग्राफ की तरह इस्तेमाल करता है. एक तरह से कहें तो मिनी सीस्मोमीटर (कंपन मापने वाली मशीन) के जैसे. इतना ही नहीं, अगर फोन चार्जिंग पर ना लगा हो और हिल-डुल ना रहा हो, तो भी भूकंप के शुरुआती संकेतों को ये पहचान सकता है. अगर कई फोन एकसाथ भूकंप के झटके की पहचान करते हैं तो गूगल के सर्वर को पता लग जाएगा. सिस्टम दो तरीके के अलर्ट भेजेगा. भूकंप के मैग्नीट्यूड या कहें उसकी तीव्रता के आधार पर अलर्ट को दो तरह से बांटा गया है.

# 4.5 या ज्यादा मैग्नीट्यूड के दौरान MMI 3 और 4 झटके के लिए Be Aware Alert जाएगा.

# 4.5 या ज्यादा मैग्नीट्यूड के दौरान MMI 5+ झटकों के लिए Take Action Alert भेजा जाएगा.

संकेतों को भांपकर गूगल पता लगाने की कोशिश करेगा कि भूकंप कहां आ सकता है, और इसकी कितनी तीव्रता होगी. इसके बाद गूगल उस एरिया के आसपास के फोन पर अलर्ट भेजेगा. पावरफुल भूकंप की स्थिति में ‘Do Not Disturb’ इनेबल होने के बावजूद भी अलर्ट आएगा, और तेज सायरन सुनाई देगा. ये सिस्टम इंडिया में एंड्रॉयड यूजर्स के लिए जारी किया जाएगा. हालांकि, केवल एंड्रॉयड 5 या इससे हाई वर्जन चलाने वाले लोगों को ही भूकंप का अलर्ट मिलेगा.  

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार भी पैन-इंडिया इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम डेवलप कर रही है. जिसका मकसद तूफान से लेकर तेज बारिश, भूकंप, सुनामी और बाढ़ जैसी आपदाओं के समय पब्लिक को समय रहते सचेत करना है. पिछले कुछ महीनों से इसके सैम्पल अलर्ट कई यूजर्स को भेजे जा रहे हैं. आप इससे जुड़ी जानकारी और तकनीक यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.  

वीडियो: गूगल मैप्स ने ऐसा क्या किया कि सबकी पर्सनल जानकारी बड़े ख़तरे में आ गई?

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