iPhone के ये 5 फीचर बताते हैं, नकल में भी 'अव्वल' है Apple!
आपको आज ऐसे कुछ आईफोन फीचर्स के बारे में बताएंगे जो एप्पल ने दूसरी कंपनियों से कॉपी (features iPhone copied from Android) मारे. मगर लॉन्च के समय उनको आईफोन में सबसे पहले कहकर आपको चिपका दिए.

स्मार्टफोन कंपनियां एक-दूसरे के फीचर्स कॉपी करती हैं, ये किसी से छिपा नहीं है. इस चक्कर में कई बार वो फीचर भी कॉपी हो जाते हैं जो किसी काम के नहीं होते हैं. हाल फिलहाल में इसका सबसे बड़ा उदाहरण iPhone 16 सीरीज वाला कैमरा बटन है. इस साइड बटन की बात अब एप्पल यूजर (features iPhone copied from Android) भी नहीं करते, मगर कई एंड्रॉयड मेकर्स ऐसा ही बटन अपने फोन में फिट किए जा रहे. कॉपी करना था सो कर दिया. लेकिन अगर वाकई में फीचर्स को कॉपी करने की बात होगी तो एप्पल वहां टॉप करेगा.
इसलिए हम आपको आज ऐसे कुछ आईफोन फीचर्स के बारे में बताएंगे जो एप्पल ने दूसरी कंपनियों से कॉपी मारे. मगर लॉन्च के समय उनको आईफोन में सबसे पहले कहकर आपको चिपका दिए. आईफोन यूजर्स, इतना पढ़कर नाराज मत होना. कारण आखिर में बताते.
फेस अनलॉकiPhone 10 के साथ एप्पल ने फेस अनलॉक लॉन्च किया और अंगूठा लगवाना बंद कर दिया. इस फीचर को लेकर एप्पल प्राउड फील कर सकता है. वाकई कमाल फीचर है. घुप अंधेरे में फोन खुल जाता है. एंड्रॉयड स्मार्टफोन मेकर्स पूरी कोशिश करके भी इस फीचर के आसपास भी नहीं पहुंच पाए हैं. मगर ये फीचर कोई एप्पल का अपना नहीं है. एप्पल से पहले सैमसंग में आ गया था और उससे भी पहले 2013 में Xbox के साथ विंडोज ने फेस आईडी लॉन्च कर दिया था. जबकि आईफोन 10 साल 2017 में आया. वैसे ये फीचर इतने अच्छे से कैसे काम करता है, वो आप लिंक पर क्लिक करके जान सकते हैं.
iPhone का वो फीचर जो एंड्रॉयड में पहले आया मगर सिर्फ एप्पल का होकर रह गया
Notch भी नोच लीiPhone 10 में फेस आईडी के साथ स्क्रीन पर Notch भी एप्पल ने लगा दी थी. वैसे तो इस फीचर को लेकर कंपनी का खूब मजाक बनाया गया, मगर एप्पल ने इसे अगले कई मॉडल में जस का तस बनाए रखा. यूजर्स को समझ आया कि इसी Notch की वजह से फेस आईडी से लेकर बाकी कई फीचर जैसे ऑटो ब्राइटनेस सेंसर सही से काम करते हैं. मगर असल बात तो ये है कि ये Notch भी एप्पल Essential Phone से नोच कर या कॉपी करके लाया था. इस फोन को एंड्रॉयड के को-फाउंडर Andy Rubin ने लॉन्च किया था. हालांकि फोन सिर्फ एक साल में बाजार से गायब हो गया.
हेडफोन का जैक यहां से लगाएप्पल ने आईफोन 7 से हैडफोन जैक उड़ाया और तब भी उसकी खूब छिछालेदर हुई. आम यूजर से लेकर टेक एक्सपर्ट तक ने इस निर्णय को गलत बताया. सभी ने एक स्वर में कहा कि कंपनी पैसे बचा रही है. अलग से जैक का कनेक्टर बेच कर करोड़ों छाप रही है. जो भी हो, कंपनी ने फिर कभी जैक नहीं लगाया और आगे चलकर एयरपॉड लॉन्च करके गेम ही बदल दिया. खैर अपन विषय पर वापस आते हैं. एप्पल से पहले Oppo Finder स्मार्टफोन साल 2012 में बिना हेडफोन जैक के रिलीज हुआ था. कंपनी ने इसके बाद 2014 में R5 के साथ भी ऐसा ही किया मगर खबर तो आईफोन से बनी.
वायरलेस चार्जिंग के तार यहां से जुड़ेआज की तारीख में एप्पल वायरलेस चार्जिंग को अलग लेवल पर ले गया है. MagSafe के साथ Qi2 वाली फास्ट चार्जिंग तक इस्तेमाल कर रहा है. खबरें तो ये भी आती हैं कि कंपनी वायर वाली चार्जिंग एकदम हटाने वाली है. एंड्रॉयड स्मार्टफोन इस मामले में काफी पीछे हैं. मगर ये फीचर भी एप्पल का अपना नहीं है. साल 2014 में Galaxy S5 के साथ सैमसंग ने वायरलेस चार्जिंग वाला फोन लॉन्च किया. साउथ कोरियन कंपनी वायरलेस चार्जिंग वाला पैड तो साल 2011 में ही मार्केट में उतार चुकी थी. आईफोन में वायरलेस चार्जिंग आईफोन 8 के साथ साल 2017 में आई.

आईफोन 16 में एप्पल ने साइड में कैमरा बटन लगा दिया. ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं कि इससे यूजलेस फीचर आईफोन में कभी नहीं आया. खुद आईफोन 16 का इस्तेमाल करने वालों से इसे आखिरी बार कब इस्तेमाल किया होगा, उनको भी याद नहीं. जब सारे काम स्क्रीन से हो जाने हैं तो फिर बटन का क्या काम. मगर ये भी कॉपी ही निकला. Sony Ericsson K800i में साल 2006 में ये बटन लगा हुआ था जो काम भी आता था. फोटो आसानी से क्लिक होते थे और फीचर भी खूब मिलते थे.

मतलब कॉपी में कंपनी सबसे आगे है. लेकिन ये भी सच है कि जब वो कॉपी करता है तो क्या कमाल करता है. ओरिजनल भी फीका लगता है. मसलन फेस आईडी और वायरलेस चार्जिंग. कहते हैं ना गुरु गुड़ ही रहा और चेला शक्कर हो गया. कुछ वैसा ही.
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