साल 2020 में आए भारी भरकम स्मार्टफ़ोन में क्या कमी रही?
70,000 रुपए के फोन में ऐड कौन दिखाता है भाई!
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साल 2020 में आए प्रीमियम फोन में कुछ तो दिक्कत है. (फ़ोटो: IndiaToday)
साल 2020 में भी बड़े-बड़े फोन लॉन्च हुए, मगर इनमें कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो खटकती हैं. यहां हम प्रीमियम फोन की उन्हीं दिक्कतों के बारे में बात कर रहे हैं.
5G ने फोन महंगा किया मगर 5G है ही नहीं

5G फ़ोन की 2020 में जरूरत नहीं थी (फ़ोटो: OnePlus)
साल 2020 के फ्लैगशिप फ़ोन 5G कनेक्टिविटी के साथ आए. लेकिन 5G का अपने यहां कोई नामो-निशान नहीं है. एक तरह से ये सारे डिवाइस फ्यूचर-रेडी हैं. मगर 5G मॉडम और पार्ट्स ने फ़ोन की कीमत को काफ़ी ज्यादा बढ़ा दिया और ऐसा मुमकिन नहीं लगता कि 2020 में खरीदे हुए फोन देश में सही तरीके से 5G चालू होने तक लोगों के पास सही सलामत बचे रहेंगे. तो एक तरह से 2020 में प्रीमियम 5G फोन की जरूरत नहीं थी. 2021 में आने वाले फोन का 5G होना ज़्यादा ज़रूरी है.
इत्ता बड़ा फ़ोन कि हाथ में न समाए

बड़े फ़ोन एक हाथ से आसानी से इस्तेमाल नहीं किये जा सकते (फ़ोटो: IndiaToday)
एक टाइम पर स्मार्टफ़ोन में 4-इंच की स्क्रीन काफ़ी बड़ी लगती थी. मगर उसके बाद से ही स्क्रीन का साइज़ बढ़ता जा रहा है. 2020 में आए प्रीमियम फ्लैगशिप फोन में तो आम तौर पर 6.5-इंच से ऊपर की स्क्रीन हैं और कुछ तो 6.7 और 6.8-इंच तक के हैं. वो बात अलग है कि फोन की चिन, हेड और साइड-बेज़ेल लगभग गायब हो गई हैं मगर फ़िर भी बड़ी स्क्रीन की वजह से फोन का साइज़ इतना बड़ा हो गया है कि अब हाथ में नहीं पकड़ा जाता. फ़ोन के स्क्रीन साइज़ में और 8-इंच वाले टैबलेट के साइज़ में अब ज़्यादा फ़र्क नहीं रह गया है.

आईफोन 12 मिनी का साइज़ छोटा है (फ़ोटो: IndiaToday)
सही पकड़ के लिए ऐस्पेक्ट रेशियो को 20:9 कर दिया गया है मगर फ़िर भी ये फोन एक हाथ से नहीं चलाए जा सकते. कोने में टच करने के लिए दूसरा हाथ लगाना ही पड़ता है. वो तो भला हो आईफोन 12 मिनी और गूगल पिक्सल 4a का जिन्होंने याद दिलाया कि मोबाइल फोन अगर हाथ में आसानी से आ जाए तो क्या ही मज़े की बात है.
हाई रीफ्रेश रेट डिस्प्ले मगर छोटी बैटरी

प्रीमियम फोन में अब 120Hz से 144Hz तक की डिस्प्ले देखने को मिलती है (फ़ोटो: IndiaToday)
प्रीमियम फोन में डिस्प्ले तो अव्वल दर्जे की होती हैं. साल 2020 के फ्लैगशिप फोन में हाई फ़ाई रेसोल्यूशन के साथ-साथ 90Hz से लेकर 120Hz और 144Hz रीफ्रेश रेट भी मिला. इतनी बड़ी-बड़ी डिस्प्ले में ब्राइट्नेस लेवल भी काफ़ी तगड़ा होता है ताकि धूप में भी फोन चलाने में कोई दिक्कत न हो. मगर ऐसी डिस्प्ले पावर भी ज्यादा खाती हैं. और यहीं पर प्रीमियम फोन बगलें झांकने लगते हैं. फोन ज्यादा इस्तेमाल करने पर इनकी 4,500mAh वाली बैटरी पूरा दिन नहीं चल पाती. और अगर रीफ्रेश रेट भी ज्यादा पर सेट कर दें तो बैटरी बैकअप और भी ज्यादा गिर जाता है. अगर फ़ास्ट चार्जर न हो तो इन फोन को चलना मुश्किल हो जाए. अगर इन फोन में बैटरी कपैसिटी थोड़ी ज्यादा होती तो बढ़िया रहता.
वायरलेस चार्जिंग और बैक कवर

आईफोन का MagSafe चार्जिंग टेक. (फ़ोटो: Apple)
प्रीमियम फोन वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट के साथ आते हैं और अब तो ज़्यादातर कंपनियां इन फोन में फ़ास्ट वायरलेस चार्जिंग का सपोर्ट दे रही हैं. मगर फ़िर भी वायरलेस चार्जिंग टेक के साथ एक गड़बड़ है. वायरलेस चार्जिंग के लिए फोन के बैक पर ग्लास का होना जरूरी है. मगर जैसा कि एक हिन्दी गाने में बताया गया है, “शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है” इसलिए इस शीशे को बचाने के लिए हम इस्तेमाल करते हैं बैक कवर. मगर इस कवर के ऊपर से वायरलेस चार्जिंग काम नहीं करती. चार्जिंग करने से पहले हर बार बैक कवर उतारना पड़ता है. खैर ऐपल ने इस ओर काम किया और MagSafe वाले बैक कवर बनाए हैं जिनके ऊपर से ही वायरलेस चार्जिंग काम करती है. इसके लिए बस MagSafe वायरलेस चार्जर चाहिए, आईफोन चाहिए और MagSafe बैक कवर.
इतने महंगे फ़ोन में भी ऐड

ये है सैमसंग का गैलक्सी S20 स्मार्टफ़ोन (फ़ोटो: IndiaToday)
बजट और मिड-रेंज सेगमेंट में कॉम्पटीशन बड़ा तगड़ा है. कंपनियां बस 1% से 3% प्रॉफ़िट मार्जिन पर ही स्मार्टफ़ोन बेचे दे रही हैं. और कमाई के लिए अपने फ़ोन में ऐड परोस रही हैं. इस काम के लिए शाओमी बदनाम थी मगर फ़िर रियलमी ने यही काम चालू कर दिया और फ़िर देखते ही देखते सैमसंग भी ऐड दिखाने लगा. मगर हद तो तब हो गई जब 2020 के प्रीमियम फोन भी ऐड दिखाने लग गए. हमारे एक मित्र हैं बिलाल अहमद. इन्होंने सैमसंग गैलक्सी S20 प्लस स्मार्टफ़ोन लिया है और इनका कहना है कि इसमें भर-भर कर ऐड पड़े हैं. फ़िर थोड़ा पता लगाया तो मालूम हुआ कि ये ऐड वाली कारस्तानी और भी बहुत से प्रीमियम डिवाइस में चल रही है जिनमें शाओमी का मी 10 स्मार्टफ़ोन भी शामिल है.