The Lallantop
Advertisement

एलन मस्क दिमाग में छेद करेंगे, चिप डालेंगे, ये हो गया तो दुनिया देखती रह जाएगी!

दिमाग चिप से चलेगा? अमेरिकी सरकार ने बड़ा अप्रूवल दे दिया है...

Advertisement
Elon Musk's brain-implant company Neuralink on Thursday said the U.S. Food and Drug Administration (FDA) had given the green light to its first-in-human clinical trial
मस्क की चिप अब आपका दिमाग पढ़ेगी (तस्वीर साभार: बिजनेस टुडे/Neuralink)
26 मई 2023 (Updated: 26 मई 2023, 16:54 IST)
Updated: 26 मई 2023 16:54 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

एलन मस्क को लोगों के दिमाग में होल करने का अप्रूवल मिल गया है. पढ़कर आपको पक्का लगा होगा- ये क्या बवाल है? तो ये बवाल नहीं बल्कि मस्क का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसका इरादा दिमाग पर कंट्रोल करके कई तरह की गंभीर बीमारियों से निजात पाना है. हम बात कर रहे हैं Neuralink की. टेस्ला और ट्विटर के मालिक की एक और कंपनी जो इंसान के दिमाग को समझने में लगी हुई है. इसी कंपनी को अब अमेरिका के Food and Drug Administration (FDA) से इंसानी खोपड़ी में चिप लगाने और स्टडी करने का मंजूरी मिली है. क्या है ये Neuralink. चलिए जानते हैं और चिप करने क्या वाली है, वो समझते हैं. 

Neuralink (मस्क का मस्त प्रोजेक्ट)

तकनीक की भाषा में इसको 'ब्रेन कम्प्यूटर इंटरफेस' कहते हैं. साफ-साफ कहें तो मस्क की ये कंपनी इंसानी दिमाग को समझने (understanding the brain), Interfacing with the brain और Engineering with the brain के सिद्धांत पर काम कर रही है. वैसे Neuralink अकेली कंपनी नहीं है इस क्षेत्र में. जैसे Kernel जिसने तो अपना प्रोडक्ट मार्केट में उतार दिया है, लेकिन आज बात सिर्फ मस्क की कंपनी की.

मस्क और उनकी कंपनी पिछले कई सालों से इस पर काम कर रहे हैं. पिछले साल उन्होंने दुनिया को बताया था कि अब रिसर्च एडवांस स्टेज में है और चिप (Neuralink Chip) के ट्रायल में छह महीने लगेंगे. उन्होंने अमेरिकी सरकार से इसके इंसानी ट्रायल की अनुमति भी मांगी थी जो अब उनको मिल गई है. माने कि अब मस्क हमारे दिमाग को पढ़ने वाले हैं. लेकिन इसके पहले वो लंगूर के ऊपर इसका ट्रायल कर देख चुके हैं.

मस्क भैया ने एक अफ्रीकी लंगूर (मेल मकाक) के दिमाग में एक चिप लगाई और बाकायदा वीडियो दिखाया कि कैसे वो 'माइंड पॉन्ग' प्ले कर रहा है. माइंड पॉन्ग दरअसल में एक वीडियो गेम है. अभी सब कुछ शुरुआती दौर में है तो ऐसा भी नहीं है कि चिप ने सब कंट्रोल कर लिया. लंगूर को वीडियो गेम खेलने के लिए थोड़ा ट्रेन भी किया गया. मतलब ये कि स्क्रीन के सामने कैसे बैठना है, जॉयस्टिक कैसे पकड़ना है वगैरह-वगैरह. जॉयस्टिक तो आप समझते ही होंगे. वीडियो गेम की स्टीयरिंग. कितना भी ट्रेन कर लो लंगूर तो इंसान है नहीं. मस्क भैया अब क्या ही कर लेंगे. ऐसे में रोल प्ले किया चिप ने. लंगूर को लगा कि वो तो जॉयस्टिक की मदद से वीडियो गेम खेल रहा है लेकिन कंट्रोल तो दिमाग कर रहा था.

चिप कैसी होगी और करेगी क्या? 

लंगूर और इंसान के बारे में जान लिया. अब चिप को थोड़ा समझते हैं. बहुत छोटी सी चिप होगी. सर्जरी करके इंसान के दिमाग़ में डाली जाएगी. चिप में ढेर सारे छोटे-छोटे तार होंगे. एक तार इंसान के बाल के मुक़ाबले 20 गुना पतला होगा. इन तारों में 1024 इलेक्ट्रोड्स होंगे, जो दिमाग़ की हर हरकत पर नजर रखेंगे. और, दिमाग़ की फ़िज़ियोलॉजिकल और नर्वस गतिविधियों को उत्तेजित करेंगे. एक काम ये भी होगा कि जो डेटा चिप में इकट्ठा होगा, उसे कंप्यूटर में डाला जाएगा. जिसका इस्तेमाल भविष्य में होने वाली रिसर्च में किया जाएगा. कंपनी का तो दावा ये भी है कि आप क्या सोच रहे हैं, चिप ये पढ़ सकती है. स्मार्टफ़ोन और कंप्यूटर जैसे बेसिक डिवाइसेज़ के कंट्रोल की बात तो है ही. इसके अलावा चिप के जरिए मशीनों से बात करने का दावा भी किया गया है.

क्या दिमाग को मशीन कंट्रोल करने वाली है?

अब आपको लग रहा हो कि क्या भविष्य में सब कुछ चिप से कंट्रोल होगा. दिमाग में लगी चिप सारे काम करेगी. अगर चिप में वायरस आ गया तो क्या होगा. चिंता मत करिए चिप तो दिमाग में जरूर लगेगी लेकिन उसका कंट्रोल सिर्फ आपके पास होगा. मस्क कोई हॉलीवुड की फंतासी फिल्म नहीं बना रहे बल्कि उनका उद्देश्य तो दिमाग को कंट्रोल करने का है. अब इसको ऐसे समझते हैं. मान लीजिए कोई विकलांग है. सारा शरीर निष्क्रिय है, लेकिन दिमाग काम कर रहा है. अब मेडिकल साइंस इतनी तरक्की कर लिया है कि ऐसे व्यक्ति के लिए तमाम फीचर्स वाली व्हील चेयर उपलब्ध कराई जा सकती है. सारे फीचर्स हैं लेकिन उनको चलाएगा कौन. अब ऐसे में एक चिप जो दिमाग में फिट है उसको व्हील चेयर के साथ जोड़ दिया जाए तो. होगा क्या. वही जो ऊपर बताया है. विकलांग व्यक्ति अपने दिमाग से कोई इशारा करेगा, जैसे पानी पिलाने का और व्हील चेयर में लगी रोबोटिक बांह वो काम कर देगी. दूसरा उदाहरण लेते हैं लैपटॉप के कर्सर का. अब कोई इंसान शारीरिक रूप से अक्षम है लेकिन आर्ट का जीनियस है तो ये चिप उसके लिए वरदान साबित होगी. जैसे-जैसे दिमाग सोचता जाएगा वैसे-वैसे चिप कर्सर को ड्रॉइंग करने के निर्देश देती जाएगी. खैर, ये अभी बहुत शुरुआती दौर में है. आगे क्या होता है, कितना सफल होता है ये प्रयोग. वक्त बताएगा.

वीडियो: एलन मस्क को 80 हज़ार करोड़ का नुकसान, दुनिया का सबसे ताकतवर स्टारशिप रॉकेट हवा में ब्लास्ट हो गया

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement