मराठी सिनेमा को समर्पित सीरीज़ ‘चला चित्रपट बघूया’. आज की फिल्म ‘कट्यार काळजातघुसली’. यानी कटार कलेजे में घुस गई. पुरुषोत्तम दारव्हेकर की कलम और पंडितजितेंद्र अभिषेकी के संगीत की शानदार जुगलबंदी. ज़बरदस्त कामयाबी मिली थी इस नाटकको. 2015 में इस पर इसी नाम से एक फिल्म बनी. आज बात इसी फिल्म की.