रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ और टीम मैनेजमेंट. हाल के दिनों में इनकी इतनी आलोचनाहुई है कि अब अगर इनके बारे में कुछ नया भी कहा जाता है, तो उसके बारे में पहले सेही अंदाजा हो जाता है. बिल्कुल वैसे ही, जैसे अब इंडियन टीम की हार के बारे में भीअंदाजा रहता है.जब से रोहित और राहुल स्क्वेयर (यानी राहुल द्रविड़ और केएल राहुल) को सीनियरपोजिशन पर रखा गया है, तभी से टीम इंडिया की परफॉर्मेंस के उल्टे दिन शुरू हो गएहै. इसके ऊपर से उनको एक ऐसे हेड कोच मिल गए हैं, जो टीम की हर गलती पर खुलकर बोलनेसे ज्यादा सेफ खेलते हुए नज़र आते हैं.एशिया कप से लेकर T20 वर्ल्ड कप के बीच, हमने राहुल द्रविड़ के कई अजीब बयान सुने.अब उन्होंने इसी तरह का एक और बयान दिया है. बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज़ गंवाने केबाद द्रविड़ ने कहा,‘बीते कुछ सालों में हमने T20 को ज्यादा महत्व दिया है क्योंकि इस बीच दो T20वर्ल्ड कप खेले जाने थे. अगले 8-10 महीनों के लिए हम वनडे क्रिकेट को महत्व देंगे.तीनों प्रारुपों में तालमेल बिठाना आसान नहीं है.’बिल्कुल आसान नहीं है. लेकिन आगे बढ़ने से पहले हमारा बस एक छोटा सा सवाल है. क्याइन दो वर्ल्ड कप के बीच टीम इंडिया ने वनडे मुकाबले नहीं खेले हैं? अगर खेले हैं,तो उसमें परफॉर्म करने वाले खिलाड़ियों को इस स्कॉवड में शामिल क्यों नहीं कियागया? अगर ऐसा हुआ होता, तो कम से कम राहुल द्रविड़ का बयान बेतुका तो नहीं लगता.राहुल द्रविड़ जिस तरीके से टीम इंडिया के सीनियर प्लेयर्स को बचा रहे हैं, ये टीमपर बहुत भारी पड़ने वाला है. और हम इसी पर चर्चा करेंगे.और शुरू से बात करें, तो इस वनडे सीरीज़ के लिए टीम में सीनियर खिलाड़ियों की वापसीहुई थी. इस सीरीज़ के लिए रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली वापस टीम के साथजुड़े. और तीनों ही रेस्ट कर के आ रहे थे. वर्ल्ड कप के बाद न्यूज़ीलैंड से हुईसीरीज़ में तीनों ही खिलाड़ी नहीं थे.यानी की टीम के साथ एकदम फ्रैश होकर जुड़े. ऐसे में इनसे परफॉर्मेंस की उम्मीद करनाकोई गलत बात नहीं है, लेकिन वो नहीं आई. रोहित ने दोनों मैच में कुछ रन जरूर बनाए,लेकिन बाकी? राहुल की पहले मैच की पारी को अगर आप जस्टिफाई कर रहे हैं, तो ऐसीएक-दो मैच वाली पारी उन्होंने T20 वर्ल्ड कप 2022 में भी दी थी.और उस टूर्नामेंट में क्या हुआ था.. ये याद दिलाकर हम आपके पुराने घाव याद नहींदिलाएंगे. इनके साथ ज़िक्र थोड़ा सा शिखर धवन का भी होना चाहिए. इंग्लैंड की टीमटेस्ट को वनडे की तरह खेल रही है. और हमारे खिलाड़ी वनडे को टेस्ट की तरह. शिखर धवनजिस स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हैं .. उसका जवाब मैनेजमेंट कब देगा?आखिर ये टीम चुनने का फैसला तो कप्तान और कोच का ही होता है ना? मीटिंग होती है, तयकिया जाता है कि हम इन खिलाड़ियों को लेंगे या उन खिलाड़ियों को, इसमें हमारीकप्तान – कोच की जोड़ी हाल में हुई वनडे सीरीज़ में परफॉर्म करने वाले खिलाड़ियोंको कैसे भूल जाती है?यहां तो ऐसा लगता है कि मैनेजमेंट और उनके साथ बैठकर टीम चुनने वाले लोगों ने ये तयही कर लिया है कि... आप कितना ही अच्छा खेलें. बड़े मुकाबलों में हम लगातार सीनियरखिलाड़ियों को ही खिलाएंगे. अब चाहें उनके बल्ले से रन आएं या नहीं. इन शॉर्ट रोहितशर्मा की भाषा में कहें, तो अपने को तो एक्सपीरियंस मांगता है!