लेकिन भारत में खेलप्रेमी हैं ही कितने? यहां तो ऐसे लोग रहते हैं जो पहली फुर्सत में खेल (क्रिकेट) प्रेम का लबादा फेंक ट्रोल हो जाते हैं. प्लेयर्स को उनके खेल से इतर तमाम चीजों के लिए ट्रोल करते हैं. ऐसे प्लेयर्स को भी जिनके खेल से उन्हें रत्ती भर भी मतलब नहीं होता. ऐसे ही लोगों ने ज्वाला गुट्टा को जीवनभर परेशान किया है. कोरोना काल में ज्वाला ने अपना दर्द इंडियन एक्सप्रेस के जरिए शेयर किया है.