डिंको बिना तैश में आए बड़े से बड़े बॉक्सर को ध्वस्त करने का ज़िगरा रखते थे. और उन्होंने ये बातें वर्ल्ड नंबर तीन और वर्ल्ड नंबर पांच बॉक्सर्स को हराकर एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीतने के बाद कही थीं. यह 1982 के बाद एशियन गेम्स में भारत का पहला बॉक्सिंग गोल्ड मेडल था. और मुझे आज भी यकीन है कि इसे डिंको के अलावा कोई और नहीं ला सकता था. वही डिंको, जिन्हें शुरुआती टीम में चुना ही नहीं गया था. क्योंकि भारत में बॉक्सिंग के रहनुमाओं का मानना था कि हल्के भारतीय बॉक्सर किसी काम के नहीं हैं. देखिए वीडियो.