कहते हैं, इंसान पहले बंदर था. बंदरों से शुरू हुआ सफर इंसान बनने पर खत्म हुआ. फिरकिसी ने सवाल किया. कि इंसान अगर सच में बंदर था, तो हमने किसी बंदर को इंसान बनतेक्यों नहीं देखा. बात तो सही है. हमने इतने सारे बंदरों को देखा है. मगर किसी बंदरको इंसान बनते तो नहीं देखा है. मतलब वो इवॉल्यूशन जिसकी बात डार्विन ने की, वोक्या ऐसे एकाएक होने वाले बदलाव की बात थी. कि हमारी आंखों के सामने पेड़ पर चढ़करअमरूद खा रहा बंदर एकाएक इंसान बन सकता है? कि अगर ऐसा हो जाए, तो मान लेंगे किडार्विन का सिद्धांत सही था? सही-गलत के अंतर को पाटने के लिए आपको ये वीडियो देखनापड़ेगा.