ये बात उन सब पुरुषों के लिए है जो एक महिला के साथ खड़े रहे. ये उस खीझ का जवाब हैजो कई बार महिला-पुरुष के बीच के फर्क से पैदा होते हैं. जो सार्वजनिक जगहों परमहिलाओं को मिलने वाली छोटी-मोटी छूट से पैदा होती है. लेकिन इन्हीं पुरुषों नेमहिलाओं के लिए बहुत कुछ किया है. अपनी बहन को आगे बढ़ने में मदद की. मां का हाथबंटाया. दोस्त के साथ हमसफर बने. गर्लफ्रेंड या पत्नी का साथ पकड़ आगे बढ़े. ये उनसब पुरुषों को थैंक यू है