जालंधर के इस सरदार को 'टर्बनेटर' बनने के लिए बस तीन गेंदें काफी थीं
ऑस्ट्रेलिया का बुरा सपना.
Advertisement
साल 1998 में सचिन तेंडुलकर की शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली 134 रन की पारी. सौरव गांगुली की 1999 वर्ल्ड कप में खेली श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की पारी. 2004 में वीरेंद्र सहवाग के पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान टेस्ट में 309 रन. या फिर दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर अनिल कुंबले के पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच की एक ही पारी में 10 विकेट. हर बड़े प्लेयर का एक दिन होता है. एक बेहतरीन परफॉर्मेंस उस खास दिन उनके बल्ले या गेंद से निकलती है.
2001 में ऐसा ही एक दिन था हरभजन सिंह के लिए. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए कोलकाता टेस्ट में हरभजन सिंह ने भारत के टेस्ट इतिहास की पहली हैटट्रिक ली थी. रिकी पॉटिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न को लगातार तीन गेंदों पर पविलियन लौटा दिया था. इस ऐतिहासिक मैच में ऑस्ट्रेलिया को करारी शिकस्त मिली.
कंगारू 171 रन से टेस्ट हार गए. 11 मार्च 2001 को शुरू हुए इस टेस्ट में पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाए. कप्तान स्टीव वॉ ने 110 रन की पारी खेली. हरभजन सिंह ने 37.5 ओवर्स में आठ मेडेन फेंके और हैट्रिक समेत सात विकेट लीं.
https://www.youtube.com/watch?v=6MxLpz1lH9c
इसके बाद इंडिया ने पहली पारी में महज 171 रन बनाए और फॉलोऑन भी नहीं बचा. मगर यहां वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने जो किया वो क्रिकेट इतिहास का एक सुनहरा क़िस्सा बन गया. लक्ष्मण ने 281 और द्रविड़ ने 180 रन की पारियां खेल 657 रन का पहाड़ ऑस्ट्रेलिया के सिर पर रख दिया.
गेंद फिर से भज्जी के हाथ में आ गई. 30.3 ओवर में फिर 8 मेडन और 6 विकेट लिए. इंडिया के टेस्ट इतिहास की सबसे बेहतरीन जीत. वो भी उस दौर के नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ. ये वो मैच था जिसने हरभजन सिंह को अगले 16 सालों के लिए क्रिकेट के मानचित्र पर टर्बनेटर के रूप में पेश किया.
हरभजन सिंह ने आगे चलकर अनिल कुंबले का खूब साथ दिया. और भारत के स्पिन अटैक को बेहद धारदार बना दिया. इस जोड़ी ने दुनिया की कई पिचों पर मजबूत से मजबूत बैंटिंग ऑर्डर को भेदा. भज्जी लगभग पांच साल तक भारत के लिए टेस्ट हैटट्रिक लेने वाले इकलौते बोलर रहे. इरफान पठान ने 2006 में कराची टेस्ट में उनका खास क्लब जॉइन किया और वो टेस्ट में हैटट्रिक लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए.
अपने पहले टेस्ट मैच में करियर की पहली विकेट कुछ इस तरह ली थी हरभजन सिंह ने...
https://www.youtube.com/watch?v=UMo4eCQAUeQ
भज्जी का टेस्ट डेब्यू 25 मार्च 1998 के ऑस्ट्रेलिया खिलाफ ही हुआ. इसमें भी दो विकेट लिए. आगे चलकर भज्जी ने अपने टेस्ट करियर में 103 टेस्ट की 190 पारियों में 417 विकेट लिए. 84 रन पर 8 विकेट उनकी बेस्ट परफॉर्मेस रही. वहीं वनडे मैचों में भी हरभजन खूब चले. 1998 में ही न्यूजीलैंड के खिलाफ शारजाह में डेब्यू करने वाले भज्जी ने करियर के 236 ODI में 269 विकेट अपने नाम किए.
ये भी पढ़ें:हमारी ये स्पिनर नई बॉल से वो कहर ढहाती है जो बड़े-बड़े धुरंधर नहीं कर पातेइंडियन महिला क्रिकेट का सबसे जबर नाम बन रही है ये लड़कीमहिला क्रिकेट टीम की कूल कैप्टन, जिसका खेल जाबड़ है और बातें तेज़ाबी