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शाहीन शाह अफरीदी को तोप बना रहे लोग ये पढ़कर कोना पकड़ लेंगे!

लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ कमाल हैं इन इंडियंस के आंकड़े.

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Suryakumar Yadav Shaheen Shah Afridi
सूर्यकुमार और हार्दिक जैसे बल्लेबाजों को खूब पता है कि लेफ्ट आर्म पेसर्स को कैसे खेलते हैं (एपी फाइल)
22 अगस्त 2022 (Updated: 22 अगस्त 2022, 19:45 IST)
Updated: 22 अगस्त 2022 19:45 IST
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शाहीन शाह अफरीदी. सोशल मीडिया के वीरों और वक़ार यूनुस की मानें तो बहुत बड़े तोप. इन लोगों के मुताबिक शाहीन का ख़ौफ ऐसा है कि उनकी चोट से भारतीय टॉप ऑर्डर बहुत खुश है. वो लोग ऐसा फील ले रहे जैसे जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द दूर हो गया हो. और इसके पीछे तर्क क्या हैं? तर्क हैं कि भारतीय टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज लेफ्ट आर्म पेसर को नहीं खेल पाते.

हां तो देवियों और सज्जनों. शाहीन की चोट इस वक्त क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा इशू है. ऐसा हम नहीं, तमाम ट्रेंड्स कह रहे हैं. और इन ट्रेंड्स रूपी नदियों का समंदर है भारतीय टॉप ऑर्डर. यहीं आकर ये चर्चाएं खत्म हो रही हैं. और इन सभी के मुताबिक शाहीन होते तो भारतीय टॉप ऑर्डर को ध्वस्त कर देते.

और आज हम इसी चर्चा पर चर्चा करेंगे. जी हां, पिछले सेंटेंस में हमने दो बार चर्चा का ज़िक्र किया क्योंकि एक बार वाली तो चल ही रही है. और इस बीच अब आगे बढ़ते हैं विषय की ओर. शाहीन शाह अफरीदी. बहुत सही बोलर हैं. उनकी रेस्पेक्ट है. अपने दिन पर वो किसी भी बैटिंग ऑर्डर को ध्वस्त कर सकते हैं. बीते T20 वर्ल्ड कप में हमने इसका नमूना भी देखा.

जब शाहीन ने अपने चार ओवर में 31 रन देकर रोहित शर्मा, केएल राहुल और विराट कोहली के बड़े विकेट लिए. भारत इस मैच को हार गया. लेकिन क्या हो अगर मैं आपसे कहूं कि शाहीन ने इस फॉर्मेट में भारत के खिलाफ़ सिर्फ यही एक मैच खेला है. यानी यह सैम्पल साइज इतना छोटा है कि क्या ही कहें. इसमें वनडे भी जोड़ लें तो कुल दो मैच हो जाते हैं. वनडे फॉर्मेट में शाहीन भारत के खिलाफ़ एशिया कप 2018 में खेले थे. जहां उनके छह ओवर में 42 रन कूटे गए थे. शाहीन को इस रोज कोई विकेट नहीं मिला था.

यानी कुल 10 ओवर में शाहीन ने भारत के खिलाफ 72 रन देकर तीन विकेट लिए हैं. ये हो गए बहुत छोटे से सैम्पल साइज वाले शाहीन. अब बात इस पूरी बहस के दूसरे सिरे, लेफ्ट आर्म पेसर्स वर्सेज भारतीय बल्लेबाजी.

# Indian Top Order vs Left Arm Pacers

क्रिकइंफो नाम की एक वेबसाइट है. हाल ही में इन लोगों ने अपनी वेबसाइट में एक मजेदार फीचर डाला है. इसमें कुछ भी पूछो, जिन्न की तरह ये फीचर तुरंत आपके सवाल का जवाब दे देता है. तो इस फीचर से हमने अपने बैटिंग ऑर्डर को लेकर कुछ सवाल पूछे. पहला सवाल तो यही था कि साल 2019 से अब तक हमारे धुरंधरों ने लेफ्ट आर्म पेसर्स के सामने कैसा प्रदर्शन किया है.

लिस्ट का पहला नाम कप्तान रोहित शर्मा. रोहित ने लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ 50 पारियों में 13 बार आउट होते हुए 348 रन बनाए हैं. यह रन लगभग 27 की ऐवरेज और 115 के स्ट्राइक रेट से आए हैं. जबकि हमारे दूसरे ओपनर राहुल ने इन पेसर्स के खिलाफ़ 33 पारियों में छह बार आउट होते हुए 68 की ऐवरेज से 408 रन बनाए हैं. यह रन 137 की स्ट्राइक रेट से आए हैं.

अब नंबर किंग कोहली का. कोहली तो 2019 से खराब फॉर्म में चल ही रहे हैं. ऐसा पूरी दुनिया को लगता है. तो इस दौर में उन्होंने लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ 25 से थोड़ी ज्यादा ऐवरेज के साथ 14 बार आउट होते हुए कुल 354 रन बनाए हैं. यानी ऐसे बोलर्स के खिलाफ़ रोहित और कोहली को समस्या तो होती ही है. लेकिन रुकिए जरा, हमारे पास यही दो बैटर थोड़े हैं.

अगला नंबर सूर्यकुमार यादव का. जिन्होंने T20I डेब्यू के बाद से ही कमाल कर रखा है. इन्होंने लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ 36 पारियों में 10 बार आउट होते हुए लगभग 148 के बेहतरीन स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. जबकि उनका ऐवरेज लगभग 29 का रहा है. लेकिन सूर्या के खेलने का तरीका समझने वालों को अच्छे से पता है कि उनके केस में ऐवरेज बहुत महत्व नहीं रखता. वह कूटकर खेलते हैं और यह कुटाई लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ भी जारी है.

बात ऋषभ पंत की करें तो लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ उनका ऐवरेज 34 का है. जो कि उनके करियर ऐवरेज लगभग 24 से कहीं ज्यादा है. लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ 133 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से खेलने वाले पंत 23 पारियों में चार बार ऐसे पेसर्स का शिकार हुए हैं. इनमें IPL के मैच भी शामिल हैं.

हार्दिक पंड्या के स्टैट्स देखें तो उन्होंने लेफ्ट आर्म पेसर्स के खिलाफ़ कुल 31 पारियों में लगभग 157 के स्ट्राइक रेट से 271 रन बनाए हैं. नौ बार ऐसे पेसर्स का शिकार हुए पंड्या का ऐवरेज 30 का रहा है.

ये तो हुई आंकड़ों की बात. और इन आंकड़ों में ट्रेंट बोल्ट, रीस टोपली और मोहम्मद आमिर समेत दुनियाभर के वो लेफ्ट आर्म पेसर शामिल हैं, जिन्होंने कभी ना कभी भारत के खिलाफ़ बोलिंग की है. इन तमाम लोगों ने किसी ना किसी मौके पर भारतीय बल्लेबाजों को परेशान भी किया है. इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन क्या इनके हर पूर्णमासी पर आए प्रदर्शन के चलते हम हजारों रन बना चुके अपने बैटिंग ऑर्डर को ही चुका हुआ मान लेंगे?

पाकिस्तान ने 2018 एशिया कप में आमिर और शाहीन से ही बोलिंग शुरू कराई. उन्हें लगा था कि दोनों एंड से लेफ्ट आर्म पेसर लगा देंगे तो काम बन जाएगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, रोहित शर्मा और शिखर धवन ने पूरे पाकिस्तानी बोलिंग अटैक की रेल बना दी. और यही दोनों लेफ्ट आर्म पेसर सबसे महंगे साबित हुए.

यानी तमाम लोगों की तरह हमारे बैटिंग ऑर्डर में भी कमियां हैं. लेकिन वो कमियां परमानेंट नहीं हैं. बात बस इतनी सी है कि जब हमारे बल्लेबाजों का दिन होता है तो उन्हें बोलर की आर्म से फ़र्क नहीं पड़ता, और अगर उनका दिन ना हो तो माइकल क्लार्क और जो रूट भी फाइव विकेट हॉल ले लेते हैं.

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