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6 मैच, 982 रन - सरफ़राज़ ने बताया कैसे बनाए इतने रन!

'मेरे जैसे अटैकिंग बल्लेबाज़ को कोई नहीं रोक सकता.'

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Sarfaraz Khan with his dad
अपने पिता के साथ मैन ऑफ द सीरीज़ सरफ़राज़ (Courtesy: Twitter)
26 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:10 IST)
Updated: 28 जून 2022 12:10 IST
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2019 छह मैच 928 रन. 2022 छह मैच 982 रन. इन दोनों सीज़न के बीच कोविड की वजह से रणजी ट्रॉफी नहीं खेला गया. ये आंकड़ें हैं पिछले दो रणजी ट्रॉफी सीज़न में खेले एक बल्लेबाज़ के. जिसका नाम है सरफराज़ खान. मुंबई के इस स्टार बल्लेबाज़ ने लगातार दूसरे सीज़न बल्ले से गर्दा उड़ाकर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया. मुंबई भले ही रणजी ट्रॉफी 2022 की ट्रॉफी हारी गई. लेकिन सरफ़राज़ ख़ान ने इस सीज़न रन्स का पहाड़ बनाकर प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब जीत लिया है. इस अवार्ड को जीतने के बाद सरफ़राज़ की जमकर तारीफ हो रही है. लगातार दूसरे साल इस बेमिसला प्रदर्शन के बाद सरफराज़ ने कहा कि वो हर दिन बेहतर होने की कोशिश करते हैं.

रणजी के प्लेयर ऑफ द सीरीज़ बनने के बाद सरफ़राज़ ने अपने पिता का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वो सिर्फ विकेट पर ज्यादा-से-ज्यादा वक्त बिताने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा,

'इसका श्रेय मैं अपने पापा को देता हूं जो वहां खड़े हैं (उनकी तरफ इशारा करते हुए). मैं सिर्फ विकेट पर वक्त बिताने की और ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की कोशिश कर रहा हूं. मैं ज्यादा-से-ज्यादा मैच खेलने की कोशिश करता हूं और मैदान पर रहकर उसी तरह से तैयारी करता हूं.'

दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने मुंबई के लिए फाइनल की पहली पारी में एक महत्वपूर्ण शतक बनाया. मुंबई की टीम मुश्किल में थी. तब सरफ़राज़ ने उसे संभाला. इस शतक के बाद सरफ़राज़ ने बताया भी कि मुंबई के लिए फाइनल में शतक बनाना उनका सपना था. सरफराज़ ने इस पर बात करते हुए कहा,

'आप सभी जानते हैं कि मेरा सफर रोलर-कोस्टर जैसा रहा है. अगर मेरे पिता नहीं होते, तो मैं यहां नहीं होता. जब हमारे पास कुछ नहीं हुआ करता था, तब मैं अपने पिता के साथ ट्रेन में यात्रा करता था. जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तब ही मैंने रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए शतक बनाने का सपना देखा था. अब वह पूरा हो गया.'

सरफ़राज़ ने आगे कहा -

'मैंने एक और सपना देखा. रणजी फाइनल में शतक बनाने का सपना. वो भी ऐसी परिस्थितियों में, जब मेरी टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो. इसलिए मैं अपने शतक के बाद भावुक हो गया और मेरी आंखों में आंसू आ गए. मेरे पिता ने इसके लिए बहुत मेहनत की है. मेरी सफलता का सारा श्रेय उन्हें ही जाता है. उनके बिना, मैं कुछ भी नहीं बन पाता. उन्होंने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा.'

सरफ़राज़ ने अपने खेल को बेहतर करने को लेकर हाल ही में ESPN क्रिकइन्फो से बात की थी. उस इंटरव्यू में सरफ़राज़ ने दावा किया कि वो हर दिन 600-700 गेंदें खेलते हैं. उन्होंने बताया था,

‘मैं क्रॉस मैदान और घर पर कुल मिलाकर रोज़ 600 से 700 बॉल खेलता हूं. ख़ासकर की स्विंग बॉल्स. अगर T20 आ रहे होते हैं तो मैं नेट्स में खुलकर बड़े शॉट्स खेलता हूं. जैसे की पुल और कट शॉट. अगर लंबे फॉर्मेट का गेम आ रहा होता है तो मैं बॉल छोड़ने पर फोकस करता हूं. पहला घंटा खेलने और सेटल होने के बाद फिर मेरे जैसे अटैकिंग  बल्लेबाज़ को कोई नहीं रोक सकता.’

सरफराज़ की अटैकिंग बल्लेबाज़ी देख क्रिकेट के कई जानकार उन्हें टीम इंडिया में देखते हैं. संजय मांजरेकर जैसे पूर्व क्रिकेटर्स ने सुझाव दिया है कि सरफ़राज़ को इंडियन टेस्ट टीम में बुलावा दिया जाना चाहिए. सरफ़राज़ ने लगातार दो रणजी सीजन में ढेर सारे रन्स बनाकर अपना काम कर दिया है. 
 

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