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122 से ज्यादा की ऐवरेज से रन बनाकर भी रणजी के बेस्ट बैटर्स में शामिल नहीं हो पाए सरफ़राज़!

जानिए सरफ़राज़ से भी बेहतर रणजी सीजन ऐवरेज वाले दिग्गजों को.

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Sarfaraz khan
शतक सेलिब्रेट करते सरफ़राज़ खान (फोटो - PTI)
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गरिमा भारद्वाज
27 जून 2022 (Updated: 28 जून 2022, 12:06 PM IST) कॉमेंट्स
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मुंबई का लोकल हैरिस शील्ड इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट. रिज़वी स्प्रिंगफील्ड और इंडियन एडुकेशन सोसायटी के बीच मैच खेला जा रहा है. रिज़वी स्प्रिंगफील्ड के लिए एक 12 साल का लड़का बल्लेबाजी करने के लिए उतरता है. और आते ही विपक्षी बोलर्स को धोना शुरू कर देता है.

सरफ़राज़ खान नाम के इस बालक के तीन कैच भी गिरते हैं. पहले 25 फिर 253 और फिर 302 के निजी स्कोर पर. और यह बालक हर गिरे कैच के साथ और खतरनाक बैटिंग शुरू कर देता है. अपनी पारी में 12 छक्के और 56 चौके लगाते हुए इस लड़के ने आर. नागदेव द्वारा बनाए गए 427 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 439 रन बना डाले.

और नागदेव से पहले इसने महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर के 346 रन के रिकॉर्ड को भी तोड़ डाला था. सचिन का रिकॉर्ड इसी टूर्नामेंट में बना था. दरअसल इस बच्चे ने पहले से ही सचिन का रिकॉर्ड तोड़ने का मन बनाया था. क्योंकि उसके पिताजी चाहते थे कि ये ऐसा करे. अपनी इस पारी पर इंडियन एक्सप्रैस से बात करते हुए सरफ़राज़ ने एक बार कहा था,

‘मेरे पिता मुझसे कह रहे थे कि मुझे कोशिश करनी चाहिए. और तेंडुलकर के स्कोर से बेहतर करना चाहिए. मैं वैसे ही 235 पर था. और क्रॉस मैदान की एक बाउंड्री छोटी थी, तो मुझे लगा कि ये हो सकता है.’

सरफ़राज़ अपनी इसी पारी से चर्चा में आए. इसके बाद उन्होंने मुंबई की अंडर-19 टीम में जगह बनाई. वो 2013 में अंडर-19 खिलाड़ियों की चार देशों के बीच हुई सीरीज़ का हिस्सा रहे. इन सब के अलावा उन्होंने साल 2014 और 2016 में अंडर-19 वर्ल्ड कप भी खेला. अब आप सोच रहे होंगे कि आज हम आपसे सरफ़राज़ पर इतनी लम्बी चर्चा क्यों कर रहे है? तो बात ये है कि रणजी ट्रॉफी खत्म हो चुकी है. और आप जानते ही होंगे कि इस सीजन सरफ़राज़ ने यहां कितना सही प्रदर्शन किया था. रणजी चैंपियन बने मध्य प्रदेश के खिलाफ़ हुए इस फाइनल की पहली पारी में सरफ़राज़ ने सेंचुरी लगाई.

इस सीज़न छह मैच की नौ पारियों में उन्होंने 122.75 की ऐवरेज से 982 रन बनाए. इसमें उन्होंने चार शतक भी लगाए हैं. अपनी इस फॉर्म के दम पर सरफ़राज़ ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल कर ली है. अब फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका ऐवरेज सेकंड बेस्ट है. सरफ़राज़ ने 25 मैच की 37 पारियों में 81.61 के ऐवरेज से रन बनाए हैं. इस मामले में वह बस डॉन ब्रैडमैन के 95.14 के ऐवरेज से पीछे हैं.

हालांकि इस कमाल की बैटिंग के बाद भी सरफ़राज़ एक रणजी सीजन में बेस्ट ऐवरेज रखने वाले दिग्गजों की टॉप-5 लिस्ट में नहीं आते. तो चलिए, आपको बताते हैं कि रणजी के इतिहास में एक सीजन में बेस्ट ऐवरेज रखने वाले दिग्गज कौन हैं.

#Ashok Mankad 

साल 1976–77 का रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट. इस सीज़न मुंबई की टीम फाइनल तक गई थी. और वहां उनका सामना हुआ था दिल्ली से. दिल्ली की टीम के पास उस समय बढ़िया फॉर्म में चल रहे चेतन चौहान थे. लेकिन मुंबई के पास भी टूर्नामेंट में चार शतक लगाने वाले अशोक मांकड थे. 

अशोक ने इस फाइनल मुकाबले में भी टीम के लिए परफॉर्म किया. पहली पारी में उन्होंने सबसे ज्यादा 73 रन और फिर दूसरी पारी में 45 रन बनाए. इन दो पारियों के साथ उन्होंने इस पूरे सीजन में सबसे ज्यादा 827 रन बनाए. और इन रन्स के लिए अशोक मांकड का एवरेज 206.75 का था.

#Rusi Modi 

अब चलते है थोड़े साल पीछे. साल 1944–45 के रणजी टूर्नामेंट में. हर बार की तरह एक बार फिर बॉम्बे रणजी के फाइनल में पहुंच गई थी. इस बार इनका सामना होल्कर से हो रहा था. बॉम्बे के लिए रुसी मोदी पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करते आए थे.

और इस फाइनल में भी उन्होंने ऐसा ही किया. पहली पारी में वो शतक लगाने से सिर्फ दो रन से चूक गए थे. फिर जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी की तो 151 रन बनाए. इस पूरे सीजन रुसी मोदी ने पांच मैच की सात पारियों में 1008 रन बनाए. इसके लिए उनका एवरेज 201. 60 का रहा.

#Bapu Nadkarni 

बापू नाडकर्णी. इनका इंटरनेशनल क्रिकेट में बड़ा नाम है. और उतना ही बड़ा नाम है इंडियन डॉमेस्टिक में. रणजी ट्रॉफी के एक सीज़न में इन्होंने खूब रन बनाए थे. साल 1960–61 के टूर्नामेंट में बॉम्बे की ओर से खेलते हुए ये अपनी टीम को फाइनल तक लेकर गए थे.

फाइनल मैच में भी इनके बल्ले से रन आए. पहली पारी में 96 और फिर दूसरी पारी में उन्होंने दो रन बनाए. ओवरऑल खेली छह मैच की पांच पारियों में उन्होंने 531 रन बनाए. इसमें उनका एवरेज 177 का रहा.

#Anshuman Gaekwad

साल 1982–83 में बड़ौदा के एक खिलाड़ी ने भी शानदार ऐवरेज से परफॉर्म किया था. इनका नाम अंशुमन गायकवाड़ है. अंशुमन ने पांच मैच की छह पारियों में 146.20 के एवरेज से 731 रन बनाए थे. हालांकि इनकी टीम क्वॉर्टर-फाइनल में कर्नाटक से हारकर बाहर हो गई थी.

#W.V Raman 

डब्लयू वी रमन. इन्होंने भी रणजी के एक सीज़न में शानदार एवरेज से बल्लेबाजी की थी. साल 1988-89 में तमिलनाडु के लिए खेले सात मैच की नौ पारियों में इनके बल्ले से 1018 रन आए थे. रमन ने ये रन 145.42 की एवरेज से बनाए थे.  लेकिन इनकी इस शानदार फॉर्म के बावजूद तमिलनाडु की टीम रणजी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाई थी.  उनकी टीम ने सेमी फाइनल मुकाबले में बंगाल के साथ ड्रॉ खेला था. जिसके बाद पहली इनिंग्स की लीड के दम पर बंगाल फाइनल में पहुंच गया था.

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