सईद अजमल ने अब साइंस और ICC दोनों को चुनौती दे डाली है!
किसी को भी एक महीने में 'दूसरा' सिखाने की दे रहे हैं गारंटी.
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सईद अजमल. फोटो: Saeed Social Media
"यह बिल्कुल पॉसिबल है. मैं किसी भी यंगस्टर को एक महीने के अंदर 'दूसरा' फेंकना सिखा सकता हूँ. वो भी 15 डिग्री के अंदर. लेकिन ICC कहती है कि ये साइंस के हिसाब से मुमकिन नहीं है. मैं कहता हूँ क्या है साइंस? साइंस इज दी मैन. इंसान सब कुछ कर सकता है, साइंस नहीं."अजमल यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने आगे उस्मान से कहा
"साइंस सिर्फ समझा सकती है पर इंसान सब कुछ कर सकता है. इंसान प्लेन उड़ा सकता है, सब कुछ कर सकता है. सब कुछ मुमकिन है. दूसरा फेंकना भी मुमकिन है वो भी बिना कोहनी मोड़े."
आपको बता दें कि ICC का मानना हैSaeed Ajmal is just too much
‘I can bowl, I ready the guys like within a month any youngster can bowl doosra within 15 degrees but ICC ban straight away said no body can bowl, science said, why science fuckin man, what da scance, science is the man’ pic.twitter.com/7AO6pHSytb — Ghumman (@emclub77) June 15, 2021
किसी भी ऑफ स्पिनर के लिए यह मुमकिन नहीं है कि वह बिना अपनी कोहनी को 15 डिग्री से ज्यादा मोड़े दूसरा फेंक सके.रविचन्द्रन अश्विन पर भी किया था कमेंट: हाल में सईद अजमल ने रविचंद्रन अश्विन के बारे में भी कहा था कि अश्विन 15 डिग्री वाले नियम को हटवाना चाहते हैं. जिसके बाद अश्विन ने खुद सामने आकर इसे महज़ अफवाह बताया था. अश्विन ने कहा था,
"कृपया करके गलत अफवाहें न फैलाएं. मैं ऐसा कभी भी नहीं कहूंगा."दूसरा की शुरुआत कैसे हुई: 'दूसरा' शुरू से ही क्रिकेट के खेल में एक विवादित गेंद रही है. इंटरनेशनल क्रिकेट में इसकी शुरुआत पाकिस्तान के दिग्गज़ ऑफ स्पिनर सक़लैन मुश्ताक ने दो दशक पहले की थी. कॉमेंटेटर टोनी ग्रेग ने स्टम्प माइक में यह शब्द सुन लिया और इसे अपनी कॉमेट्री में इस्तेमाल करने लगे. तब से यह दूसरा शब्द क्रिकेट से जुड़ गया. उनके बाद मुरलीथरन के साथ हुई कंट्रोवर्सी में ये शब्द क्रिकेट के इतिहास में ही दर्ज़ हो गया. बहुत से एक्सपर्ट ये मानते हैं कि जायज़ तरीके से 'दूसरा' गेंद डालना मुमकिन ही नहीं है.