अपनी स्पीड से स्टंप उड़ाकर गिल्लियां बाउंड्री लाइन तक पहुंचाने वाले बोलर का क़िस्सा!
इतनी तेज गेंदे कि गिल्लियां लगभग 62 मीटर तक उड़ गईं.

‘यार.. अख़्तर का ओवर अभी बाकी है.’
साल 1997 से 2010 तक. जब तक शोएब अख्तर ने इंटनेशनल क्रिकेट खेला. उनकी गेंदबाज़ी का खौफ़ बरकरार रहा. इंडियन फ़ैन्स हों या किसी और देश के. सबके मुंह से यही लाइन निकलती थी, जो हमने आपको ऊपर बताई. शोएब की स्पीड से हर कोई डरता था. लेकिन, जैसा कि सब जानते हैं, शोएब से पहले भी ऐसे कई गेंदबाज रह चुके हैं, जो गेंदबाजी करने आते तो बल्लेबाज से ज्यादा कीपर डरते थे. कि कहीं गिल्ली उड़कर उन्हें ना लग जाए. और इन पेसर्स के साथ कई ऐसे दिग्गज भी हुए हैं. जिनकी गेंद स्टंप पर लगने के बाद गिल्ली वाला डर बाउंड्री पर खड़े लोगों में घुस जाता था. क्योंकि इनकी गेंदों से गिल्लियां उड़ती थीं तो बाउंड्री से पहले रुकती ही नहीं थीं.
अब इससे पहले कि आप कमेंट्स में लिखें, ‘दीदी क्यों इतनी लंबी फेंक रही?’ मैं क्लियर कर दूं कि ये बात एकदम सच है. और ऐसे एक से ज्यादा बोलर हुए हैं, जिनकी गेंद ने गिल्लियों को स्टंप से उठाकर सीधे बाउंड्री पर पहुंचाया है. और आज हम आपको उस बोलर का क़िस्सा सुनाएंगे जिसने पहली बार ये कारनामा किया था. इस बोलर का नाम रॉबर्ट बरोस (Robert Burrows) था. इंग्लैंड से आने वाले रॉबर्ट ने साल 1911 में ऐसी गेंद डाली कि गिल्लियां उड़ती हुई 67 यार्ड (61 से ज्यादा मीटर) पार कर बाउंड्री के बाहर गिरीं.
#ये कैसी गेंद थी?साल 1911 में लैंकशा और वुस्टशा के बीच मैच खेला जा रहा था. ये मुकाबला लैंकशा के घर, यानी ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम, मैनचेस्टर में हो रहा था. यहां पर मेजबान टीम ने शुरुआत बढ़िया की. टीम के ओपनर हैरी मेकपीस (Harry makepeace) ने 46 और जॉनी टिडेस्ली (Johnny Tyldesley) ने 49 रन की पारी खेली.
लेकिन ये दोनों ही बल्लेबाज़ अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर पाए. और फिर बैटिंग के लिए आए तीसरे नंबर के बल्लेबाज़ विलियम हडलस्टन (William Huddleston) ने अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की. उन्होंने 55 रन की शानदार पारी खेली. लेकिन स्टोरी ये नहीं है. स्टोरी तो उनकी पारी खत्म होने के तरीके से बनी. क्योंकि उनके विकेट के लिए वुस्टशा के मुख्य गेंदबाज रॉबर्ट बरोस ने ऐसी गेंद फेंकी, जिसको अब तक याद किया जाता है.
हडलस्टन को आउट करने के लिए रॉबर्ट ने सीधा स्टंप्स को अटैक किया. और वो बोल्ड हो गए. इस बोल्ड में ही गेंदबाज़ की करामात थी. गेंद ने स्टंप्स को इतनी स्पीड से ठोकर मारी, कि गिल्लियां उड़ती हुई बाउंड्री लाइन तक पहुंच गईं. इस दौरान गिल्लियों ने 67 यार्ड और छह इंच तक का सफर तय किया. ओवरऑल इस मैच में रॉबर्ट ने 89 रन देते हुए तीन विकेट निकाले थे. लेकिन उनके इन विकेट्स से ज्यादा चर्चा उस एक गेंद की हुई.
रॉबर्ट शानदार फास्ट बोलिंग के साथ बल्लेबाज़ी भी करते थे. काफी लम्बे समय तक वो अपनी टीम के प्राइम गेंदबाज़ रहे. क्रिकेट कंट्री के अनुसार, उन्होंने साल 1923 से अगले नौ साल तक फर्स्ट क्लास अंपायरिंग भी की.
#अब तक टूटा है ये चौंकाने वाला रिकॉर्ड?हालांकि बाद में उनके इस रिकॉर्ड की बराबरी भी की गई. नॉथैम्पटनशा और इंग्लैंड को रिप्रेसेंट कर चुके हैरल्ड लॉरवुड (Harold Larwood) ने यह कारनामा दोहराया. साल 1928–29 में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गई थी. यहां टीम ने तस्मानिया के साथ एक टूर मैच खेला. इस मैच में हैरल्ड ने तस्मानिया के बल्लेबाज़ ज्योफ्री मार्टिन (Geoffrey Martin) को बोल्ड कर गिल्लियों को 67 यार्ड छह इंच तक पहुंचाया.
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