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क़िस्सा उस बोलर का, जो सचिन से डरकर भी उन्हें बड़ा दर्द दे गया!

'टूर मैच में देखा था, क्या कमाल खेलता है.'

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Sachin Tendulkar got out on 88 during IndvsNZ
सचिन तेंडुलकर (फोटो - Getty Images)
3 फ़रवरी 2023 (Updated: 3 फ़रवरी 2023, 17:58 IST)
Updated: 3 फ़रवरी 2023 17:58 IST
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क्रिकेट. बैट और बोल वाला गेम. इस गेम को खेलते हुए कई खिलाड़ियों ने दुनिया पर राज किया है. इसमें आप पाकिस्तान के इमरान खान से लेकर ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न तक के नाम गिन सकते हैं. मॉर्डन डे में गिनना चाहेंगे तो विराट कोहली से लेकर बेन स्टोक्स तक.

सबने जो जिम्मा उठाया, उसमें शानदार परफॉर्म किया. अपनी टीम्स के लिए खूब सारे और बड़े-बड़े मैच जीते. और इस लिस्ट में इन चार के अलावा भी कई सारे खिलाड़ी शामिल हैं. जिसमें शायद गॉड ऑफ क्रिकेट सचिन तेंडुलकर का नाम सबसे ऊपर होगा. सचिन के नाम वर्ल्ड क्रिकेट में जितने शतक हैं, उतने किसी और प्लेयर ने अब तक नहीं बनाए हैं.

इसके अलावा भी सचिन ने जाने कितने रिकॉर्ड्स अपने नाम के आगे दर्ज़ करवा रखे हैं. लेकिन एक रिकॉर्ड है, जिससे वो चूक गए. और आज हम आपको उसी रिकॉर्ड और उस गेंदबाज के बारे में बताएंगे जिसने ये रिकॉर्ड नहीं बनने दिया.

# Danny Morrison vs Sachin

चलिए फिर अपनी कहानी शुरू करते हैं. सबको याद है सचिन का डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ हुआ था. और 16 साल की उम्र में उन्होंने इंडिया के लिए पहला टेस्ट मैच खेला था. और इसके बाद वो टीम इंडिया के साथ न्यूज़ीलैंड के दौरे पर गए थे. ये क़िस्सा उसी दौरे का है.

न्यूज़ीलैंड पहुंची टीम इंडिया को मेहमान टीम के साथ तीन टेस्ट मैच की सीरीज़ खेलनी थी. इसकी शुरुआत क्राइस्टचर्च में हुए पहले टेस्ट से हुई, जिसको न्यूज़ीलैंड ने 10 विकेट से जीत लिया. इसके बाद यहां से दूसरे टेस्ट के लिए दोनों टीम्स नेपियर पहुंची. और यहीं डैनी मॉरिसन नाम के इस बोलर ने सचिन को सबसे कम उम्र में शतक लगाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम करने से रोका.

हालांकि, इससे पहले पूरी न्यूज़ीलैंड टीम सचिन के ख़ौफ में थी. उन्होंने सचिन को पाकिस्तान और टूर मुकाबलों में बल्लेबाजी करते हुए देखा था. और वो समझते की सचिन उनकी टीम के लिए कितना बड़ा खतरा है. इस बारे में विस्डन से बात करते हुए डैनी ने बताया था,

‘केन रदरफॉर्ड ने इंडिया के खिलाफ प्रेसिडेंट इलेवन के एक मैच में कप्तानी की थी. और सचिन ने टूर मैच खेले थे. और मुझे याद है रदरफॉर्ड टीम मीटिंग में डिस्कस कर रहे थे, ‘उस लड़के के पास बहुत सारा टाइम है और वो बहुत, बहुत स्पेशल टैलेंट है’. मुझे लगता है, एक तरीके से ये बहुत बकवास था. क्योंकि सचिन की उम्र बस इतनी थी कि वो उस समय कॉलेज के पहले साल में होते. वो 17 के होने वाले थे.’

सचिन के बारे में आगे बात करते हुए डैनी बोले,

‘वो यहां इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रहे हैं. और लाइन में आते हुए इतने सुंदर लग रहे हैं. और कई बार रिचर्ड हेडली की गेंदों को सुंदर शेप के साथ छोड़ रहे हैं. मेरा मतलब है, शुरुआत में, यह डराने वाला होने वाला है, जैसे हम सभी के लिए, आपका पहला टेस्ट मैच, पहली सीरीज़. मुझे लगता है उन्होंने एक टेस्ट पाकिस्तान के खिलाफ भी खेला है. यह उनकी पहली पूरी सीरीज़ है और इसमें वो हेडली के खिलाफ बल्लेबाजी करने वाले है, जो हां बिल्कुल, अपने करियर के अंत में है लेकिन अभी भी कमाल के गेंदबाज हैं.’

न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों में मची इस खलबली के बीच दूसरा मैच शुरू हुआ. पहले मैच में ज्यादा रन ना बना पाने वाले सचिन नंबर छह पर टीम के लिए बल्लेबाजी करने उतरे. और इस बार उन्होंने खूब रन बनाए. अपनी पारी में कई चौके लगाए. और 266 गेंदों में 88 रन की पारी खेली.

डैनी मॉरिसन ने उनका विकेट निकाला. सचिन सिर्फ़ 12 रन से सबसे कम उम्र में शतक लगाने से चूक गए. सचिन अगर ये 12 रन और जोड़ लेते तो वो 16 साल की उम्र में ही टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन जाते. अभी ये रिकॉर्ड बांग्लादेश के मोहम्मद अशरफुल के नाम है. अशरफुल अपने टेस्ट शतक के वक्त सिर्फ 17 साल 61 दिन के थे.

डैनी ने सचिन के इस बड़े रिकॉर्ड को मिस करने पर भी बात की. उन्होंने कहा,

‘जब मैं वो याद करता हूं, हां, कुछ शॉट्स. मुझे याद है जो उन्होंने 88 रन की पारी नेपियर में खेली थी. और वो बहुत जल्दबाजी में थे. मुझे लगता है कि उन्होंने मेरे एक ओवर में तीन चौके मारे थे. और आप युवाओं के उस तेजतर्रार रवैये को देख सकते थे. और वो इसको जारी रखना चाहते थे. लेकिन अंत में उनकी पारी मेरी गेंद पर जॉन राइट को गेंद थमाकर खत्म हो गई.

इतना ही था. और तेजतर्रार उनको इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि वो सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बन सकते थे. और आप देख सकते थे कि उनको मैदान से बाहर जाने में कितना समय लगा. ये ऐसा था कि जैसे कोई स्नोबॉल पहाड़ से नीचे आ रही है और बढ़ती ही जा रही है. और जब तक ये टूटी नहीं, तब तक ये रन बनाते रहे.

ऐसा कुछ कि पहाड़ों से नीचे आते हुए पेड़ से टकरा गई, जो कि इंडियन फ़ैन्स के लिए काफी दुखद था. क्योंकि वो इतने सुंदर तरीके से रन बना रहे थे. वो 88 रन पर आउट हो गए. लेकिन यही गेम है. वो उस शॉट को खेलते हुए मैच की दूसरी गेंद पर भी आउट हो सकते थे. लेकिन वो कमाल की लय में थे. टैलेंट, इस बारे में कोई शक नहीं है.’

सचिन को इस मैच की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. इस टेस्ट के साथ तीसरा टेस्ट मैच भी ड्रॉ हुआ. और सचिन के बल्ले से शतक का इंतजार थोड़ा बढ़ता रहा. हालांकि, बाद में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ़ अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा. और फिर उसके बाद जो हुआ, वो तो इतिहास है ही.

वीडियो: फास्ट बोलर जिसने सचिन, द्रविड़ के विकेट निकाले, लेकिन ऑफ-फील्ड हरकतों ने करियर खत्म कर दिया!

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