विराट कोहली. मौजूदा समय के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर. एक सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर सिर्फ बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी से नहीं बनता. वो बनता है, मैदान पर हर पल अपनी जागरुकता से. विराट कोहली ऐसे ही खिलाड़ी हैं कि जब भी मैच में होते हैं तो चर्चा उनसे आगे नहीं बढ़ पाती.
भारत-ऑस्ट्रेलिया डे-नाइट टेस्ट के दूसरे दिन भी ऐसा ही कुछ हुआ. दूसरे दिन भारतीय टीम पहली पारी में 244 रन बनाकर ऑल-आउट हुई. अब काम गेंदबाज़ों का था. भारतीय गेंदबाज़ों ने गेंदबाज़ी भी बढ़िया की और ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज़ों को बांधे रखा. लेकिन कुछ मौकों पर उन्हें फील्डर्स का साथ नहीं मिला. फिर चाहे वो गलती बाउंड्री लाइन पर जसप्रीत बुमराह की हो या फिर पृथ्वी शॉ की.
लेकिन कप्तान विराट कोहली ने कोई गलती नहीं की. वनडे और टी20 में जो गेंदें विराट के हाथों से निकल रही थीं, वो गेंद गुलाबी होते ही विराट के हाथों में चिपक गईं. पारी के 41वें ओवर में विराट कोहली ने कैमरन ग्रीन का शानदार डाइविंग कैच पकड़ा, और फिर आधी ऑस्ट्रेलियन टीम को वापस पवेलियन लौटा दिया.
बुमराह के हाथों बर्न्स और वेड के आउट होने के बाद मोर्चा अश्विन ने संभाल लिया. उन्होंने पहले स्मिथ और फिर ट्रेविस हेड को भी 35वें ओवर तक चलता कर दिया. अब क्रीज़ पर थे, डेब्यू मैच खेल रहे क्रिस ग्रीन और कप्तान टिम पेन.
पारी के 41वें ओवर में अश्विन ने कैमरन ग्रीन को गेंद फेंकी. कैमरन ने पुल शॉट खेलने की कोशिश की लेकिन मिडविकेट पर विराट कोहली थे. गेंद का उनके पास से पार जाना आसान नहीं होता. गेंद तेज़ी से उनके दाएं तरफ से जा रही थी, विराट कोहली ने डाइव लगाई और कैच को हवा में लपक लिया. इसके साथ ही उनकी डेब्यू पारी का अंत हो गया.
ग्रीन आसानी से बल्लेबाज़ी कर रहे थे और 24 गेंदों में 11 रन बना चुके थे. लेकिन विराट के इस शानदार कैच के बाद ऑस्ट्रेलियन टीम बुरी तरह से बिखर गई. लाबुशेन, कमिंस और स्टार्क जल्द-जल्दी आउट हुए, और फिर आखिर में ऑस्ट्रेलियाई टीम 191 रनों पर ढेर हो गई.
भारत को पहली पारी के आधार पर 53 रन की बढ़त मिली है, जो पहले टेस्ट में निर्णायक साबित हो सकती है.