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लोगों को कॉन्टेंट... ग्रेटर नोएडा स्टेडियम के मैनेजर ने किए चौंकाने वाले दावे!

बारिश और गीली आउटफ़ील्ड के चलते अफ़ग़ानिस्तान-न्यूज़ीलैंड के बीच होने वाले टेस्ट के पहले चार दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. ग्रेटर नोएडा स्टेडियम के मैनेजमेंट पर कई सवाल उठ रहे हैं. और अब एक मैनेजर ने इनका जवाब दिया है.

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Jonathan Trott, Tim Southee
ग्रेटर नोएडा के स्टेडियम में चर्चा करते अफ़ग़ानिस्तान के हेड कोच जोनाथन ट्रॉट और टिम साउदी (AP)
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सूरज पांडेय
12 सितंबर 2024 (Updated: 14 सितंबर 2024, 08:17 AM IST)
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शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम. बीते कई दिनों से दुनिया का सबसे चर्चित क्रिकेट स्टेडियम बना हुआ है. 9 सितंबर से यहां अफ़ग़ानिस्तान बनाम न्यूज़ीलैंड टेस्ट मैच खेला जाना था. लेकिन पहले चार दिन यहां एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी. थोड़ी-बहुत बारिश ने भी यहां का हाल खराब कर दिया.

ग्राउंड के कई एरियाज़ में हालात बहुत खराब थे. ग्राउंडस्टाफ़ तमाम कोशिशों के बाद भी मैदान को खेलने लायक नहीं बना पाया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां पूरे ग्राउंड को कवर करने भर के कवर्स भी नहीं थे. अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ग्राउंड की सुविधाओं से नाखुश है.

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लेकिन अब इस मामले पर एक नई अपडेट आई है. रेडियो चैनल 93.5 रेड एफ़एम से बात करते हुए एक स्टेडियम मैनेजर ने किसी भी अव्यवस्था से इनकार किया है. नाम जाहिर ना करने की शर्त पर इस व्यक्ति ने कहा कि लोगों को कंटेंट चाहिए. इन्होंने कहा,

'अफ़ग़ानिस्तान की टीम 30 अगस्त को आई थी. उन्होंने तीन दिन का इंट्रा स्क्वॉड मैच भी खेला. जहां उन्होंने तीन सौ से ज्यादा रन बनाए. हमने कोच जोनाथन ट्रॉट की मांग के मुताबिक पिच डिलिवर की थी. बारिश से ज्यादा समस्या हो रही है और ये हमारे हाथ में नहीं है. यहां से सबसे नजदीक स्टेडियम दिल्ली का अरुण जेटली स्टेडियम है. जहां बारिश के चलते DPL 2024 के मैच रद्द हुए.

बारिश इतनी तेज थी कि पूरे ग्राउंड को कवर करने के बावजूद पानी अंदर तक घुस गया. ऐसा नहीं है कि अफ़ग़ानिस्तान को इस ग्राउंड के बारे में पता नहीं है. यह तीन साल तक उनका होम वेन्यू था और उन्होंने निश्चित तौर पर बारिश के दिनों में ट्रेनिंग की थी. अगर उनके बोर्ड को अंदाजा नहीं होता, तो उन्होंने इस वेन्यू को अप्रूव ही नहीं किया होता.'

इसके बाद आरजे ने कहा,

'इतना तो हमारी टीम नहीं खेली, जितना इन्होंने खेला है.'

इस पर मैनेजर बोला,

'कुछ लोगों को कंटेंट चाहिए होता है, उनको रियलिटी नहीं जाननी.'

बता दें कि इस स्टेडियम को लेकर बहुत विवाद चल रहे हैं. बारिश के चलते पहले चारों दिन इस ग्राउंड पर बस ग्राउंड्समेन काम करते दिखे. इस बदइंतजामी पर खूब चर्चा हुई. पहले दो दिन गीली आउटफ़ील्ड के चलते मैच नहीं हो पाया. जबकि तीसरे और चौथे दिन बारिश ने काम खराब किया. इस स्टेडियम की आउटफ़ील्ड बारिश के बिना भी खराब हालत में थी. और फिर जब बारिश हुई तो काम पूरी तरह से बिगड़ गया. मैच के पांचवें दिन का खेल हो पना भी बहुत मुश्किल लग रहा है.

और अगर ऐसा हुआ, तो टेस्ट इतिहास में ऐसा सिर्फ़ आठवीं बार होगा. आखिरी बार ऐसा हुआ था, तो भी दूसरी टीम न्यूज़ीलैंड ही थी. साल 1998 में डुनेडिन में भारत के साथ का इनका टेस्ट पूरी तरह से धुल गया था. इसी साल पाकिस्तान और ज़िम्बाब्वे के बीच भी एक टेस्ट मैच बारिश ने पूरी तरह से धो दिया था. जबकि वेस्ट इंडीज़ और इंग्लैंड के बीच 1990 का एक टेस्ट भी बारिश से धुला था. 1989 में न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान एक पूरी तरह से धुले मैच का हिस्सा थे. बचे हुए तीनों मैच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए थे.

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