नशे की हालत में समंदर के बीच से बचाये गए फ़्लिंटॉफ़ और उनके बाकी के किस्से
एंड्रू फ़्लिंटॉफ़. दुनिया का सबसे बेहतरीन ऑल राउंडर. आज बड्डे है.
Advertisement

फोटो - thelallantop
फ़्लिंटॉफ़ के बारे में आने वाली नस्ल जब भी पढ़ेगी तो हमेशा उसके स्टैट्स देखकर सोचेगी कि इस प्लेयर में आखिर ऐसा क्या था. मगर फ्रेडी की मौजूदगी ही इंग्लिश टीम को कुछ से बहुत कुछ बना देती थी. फ़्लिंटॉफ़ गांव में रक्खी ब्लैक एंड व्हाइट टीवी के उस बूस्टर की तरह थे जो खराब सिग्नल को बढ़ाकर उसे देखने लायक बना देते थे. फ़्लिंटॉफ़ टीम को खेलने लायक नहीं बल्कि कड़ी चुनौती पेश करवाता बना देते थे.
इधर है फ़्लिंटॉफ़ के किस्से जिन्हें हमेशा याद रक्खा जाएगा:
1. खिड़कियां संभाल के टीनो!
वेस्ट इंडीज़ वर्सेज़ इंग्लैंड. जुलाई 2004. लॉर्ड्स. इंग्लैंड की टीम बॉलिंग कर रही थी. सामने वेस्ट इंडीज़ की पूंछ थी. इंग्लैंड जल्दी समेटना चाहती थी. वेस्ट इंडीज़ टीम के सामने टार्गेट 200 से कुछ ज़्यादा रन का था. वो किसी भी हालत में नहीं जीत सकते थे. ऐश्ले जाइल्स बैटिंग कर रहे थे. स्लिप में खड़े थे एंड्रू फ़्लिंटॉफ़. वो टीनो बेस्ट को उकसा रहे थे. टीनो रन बनाना चाहते थे मगर कुछ ख़ास सफल नहीं हो पा रहे थे. पीछे खड़े एंड्रू उन्हें मैदान की बालकनी में बनी खिड़कियों को बख्शने की सलाह देते हैं. कहते हैं, "Mind the windows, Tino!" टीनो अगली ही गेंद पर आगे बढ़के एक लंबा शॉट मारने की कोशिश करते हैं. गेंद टर्न हुई, बल्ले को मिस किया और पीछे खड़े गेरंट जोन्स ने स्टंप आउट कर दिया. बैट्समैन के पास खड़े सभी फील्डर्स हंसते हुए चल दिए. विकेट ऐश्ले जाइल्स का कम और फ़्लिंटॉफ़ का ज़्यादा लग रहा था.https://www.youtube.com/watch?v=fl1rHQj7P5c
2. बदला टीनो बेस्ट का
इस ऊपर लिखे वाकये के बाद इंग्लिश टीम वेस्ट इंडीज़ पहुंची. त्रिनिदाद में टेस्ट मैच चल रहा था. सामने फ्रेडी के आते ही बॉल टीनो के हाथ में दे दी गयी. खिड़कियों को बचाने की सलाह वाली बात पूरी दुनिया को मालूम चल चुकी थी. टीनो बेस्ट गेंद फेंकने दौड़ पड़े. फ़्लिंटॉफ़ सोच रहे थे कि टीनो बाउंसर फेंकेगा. टीनो ने गेंद फेंकने का ऐक्शन किया और फ़्लिंटॉफ़ बाउंसर की उम्मीद लिए उससे बचने के लिए नीचे झुक गए. मगर गेंद उन तक न पहुंची. मालूम पड़ा टीनो के हाथ में गेंद ही नहीं थी. सभी फ़्लिंटॉफ़ को देख कर हंस रहे थे. फ़्लिंटॉफ़ की किरकिरी हो चुकी थी.3. वानखेड़े में टीशर्ट लहराई, लॉर्ड्स में मार खाई
इंडिया वर्सेज़ इंग्लैंड. वानखेड़े में मैच चल रहा था. एक बहुत ही क्लोज़ मैच. इंग्लैंड टीम 20 पड़ गयी. फ़्लिंटॉफ़ ने आखिरी विकेट लिया. मैच जीतते ही फ़्लिंटॉफ़ दौड़ पड़े. अपनी टीशर्ट उतारी और लहराने लगे. कप्तान सौरव गंगुली ने देखा और खून का घूंट पीकर रह गए. मुड़े और पवेलियन में चले गए.2 महीने बाद नेटवेस्ट ट्रॉफी हुई. वही फाइनल जिसने मोहम्मद कैफ़ को हीरो बना दिया था. मैच जीतते ही सौरव गांगुली लॉर्ड्स की बालकनी में खड़े होकर अपनी टीशर्ट उतारकर लहराने लगे. दादा ने असल में पूरी टीम से ऐसा करने को कहा था. मगर सचिन, लक्ष्मण और सहवाग ने ऐसा करने से मना कर दिया. दादा ने ठान ली थी तो ठान ली थी. लहरा दी टीशर्ट.
https://www.youtube.com/watch?v=X-9qFFcK4zY
4. दारु पी, नाव उठाई और समंदर के बीच पहुंच गए
2007 वर्ल्ड कप. इंग्लैंड का पहला मैच. हार गए. इसके पहले ऐशेज़ में हारकर फ़्लिंटॉफ़ ने वर्ल्ड कप में एकदम कहर ढा देने की सोची थी. लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ पहली ही गेंद पर आउट हो जाने और मैच हार जाने का गम उन्हें सता रहा था. मैच खतम हुआ और वो अपने होटल रूम में पहुंचे. सोचा कि कहीं नहीं जायेंगे. लेकिन फिर अपने कमरे में तोड़-फोड़ मचाने के बाद फ्रेडी ने सोचा कि कहीं बाहर जाते हैं. रात के डेढ़ बजे के आस-पास उन्हें ये अहसास हुआ कि वो बहुत नशे में हैं, उन्हें होटल जाना चाहिए.होटल पहुंचने के लिए उन्हें एक बीच को पार करना था. वहीं नशे में उन्हें ऐसा ख्याल आया कि समंदर में जाने वाली एक बड़ी सी नाव में इयान बॉथम शराब पी रहे हैं, पार्टी कर रहे हैं. उन्हें बस ऐसा लगता था. और बस इसी लगने की सनक में उन्होंने तय किया कि उन्हें इयान बॉथम के पास जाना है. उन्हें कोई भी नाव नहीं मिली तो एक ऐसी नाव उठाई जिसे पैडल मारकर चलाया जा सकता था.
अगली सुबह जब फ़्लिंटॉफ़ की आंख खुली तो वो अपने होटल के कमरे में थे. उनके पांव में रेत फंसी हुई थी. सर दर्द हो रहा था. जैसे ही उठे, उनके कमरे के दरवाज़े पर आवाज़ हुई. कोच डंकन फ्लेचर थे. दरवाज़ा खुलते ही आदेश मिला, "मेरे कमरे में. अभी." अगले आधे घंटे के अन्दर फ़्लिंटॉफ़ शर्मिंदा होते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस में अपने कर्मों पर पछतावा ज़ाहिर कर रहे थे.

सुबह की प्रेस कांफ्रेंस