हमारी ये स्पिनर नई बॉल से वो कहर ढहाती है जो बड़े-बड़े धुरंधर नहीं कर पाते
फंसे हुए मैच में इसी का नाम याद आता है कप्तान को.
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फोटो - thelallantop
पांच फुट की हाइट. औसत डील-डौल. कैमरा देखते ही अपनी कैप में फेस छुपा लेती है. न कोई ट्विटर अकांउट, न ही इंस्टाग्राम पर. और न ही कोई फेसबुक प्रोफाइल. नई गेंद से लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स र्ऑफ-स्पिन करवाना ही इसकी असली पहचान है. नाम है एकता बिष्ट. उत्तराखंड के अल्मोड़ा की पहाड़ियों से निकली एकता दुनिया भर में अपने हुनर के झंडे बुलंद कर चुकी है. एक टाइम पर जहां इसके आसपास एक सपाट मैदान तक नहीं था, वही आज दुनिया के 6 देशों की हरी पिचों पर अपनी बॉलिंग से लोगों को हैरान कर चुकी है. उत्तराखंड से आने वाली इस पहली महिला इंटरनेशनल क्रिकेटर ने पाकिस्तान को एक बार फिर चकमा दिया और 18 रन देकर 5 विकेट लिए. जानिए कौन है एकता बिष्ट...
पाकिस्तान खास टारगेट
वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 169 रन बनाकर टीम इंडिया ऑलआउट हो गई. लगा कि वीमन्स टीम का हश्र भी चैंपियंस ट्रॉफी में कोहली की टीम जैसा होगा. मगर मैदान पर उतरते ही हार में भी जीत ढूंढ ली इंडियन लड़कियों ने. मोर्चा संभाला एकता बिष्ट ने. नई गेंद से ऑफ-स्पिन. पाकिस्तान की आइशा जफर आउट. स्कोर 1/1. फिर अगले 15 ओवरों में स्कोर 26/6 हो गया. इसमें तीन विकेट इस लड़की ने लिए. पूरी टीम 74 रन पर सिमट गई. इसमें एकता ने 5 विकेट झटके. 10 ओवर, 18 रन और 5 विकेट. इंडिया ने अपने 169 रन का स्कोर डिफेंड करते हुए मैच 95 रन से जीत लिया. पाकिस्तान के लिए खिलाफ इसी साल ये दूसरा मौका है जब एकता बिष्ट ने 5 विकेट लिए हैं. इसी साल फरवरी में श्रीलंका में वर्ल्डकप 2017 के लिए क्ववालिफायर्स हुए थे. इसके फाइनल में इंडिया का मुकाबला पाकिस्तान से था. पहले बैटिंग करते हुए पाकिस्तान की टीम 67 रन पर ऑल आउट हो गई थी. एकता बिष्ट ने 8 रन देकर 5 विकेट लिए और इंडिया 7 विकेट से ये मैच जीत गया था. क्वालिफायर्स में बिना कोई मैच हारे टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में अपनी जगह बनाई थी.
नींव का पत्थर बनी
2011 में डेब्यू करने वाली एकता को शुरुआत में क्रिकेट की कोई स्पेशल ट्रेनिंग नहीं मिली थी. और न ही ढंग की कोई पिच, जिस पर वो प्रैक्टिस कर सके. अपने इलाके के ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों पर टेनिस बॉल से बॉलिंग सीखती रही. एकता को कोचिंग लियाक़त अली खान ने दी. 2005 में मैसूर में अंडर-21 कैंप में शामिल हुई और पाकिस्तान के टूर पर जाने का मौका भी मिल गया. वहां इंग्लैंड से क्रिकेट कोच जॉन पॉवेल से गेंदबाजी की बारीकियां सीखीं. जॉन लेवल थ्री कोच हैं. एक इंटरव्यू में एकता ने बताया है कि उन्हें यहीं से पता चला कि असल में दुनिया का क्रिकेट कितना एडवांस है और बॉलिंग की कौन सी तकनीक सही है. साल 2006 में जब बीसीसीआई ने देश में महिला क्रिकेट की शुरुआत की तो एकता ने उत्तर प्रदेश के लिए खेला. यहां उन्हें बतौर स्पिनर अपनी पहचान बनाने में खासी मेहनत करनी पड़ी. भारत के लिए 141 वनडे खेली चुकी स्पिनर नीतू डेविड यूपी से ही आती हैं. यही नहीं महिला टीम के प्लेयिंग XI में तीन-तीन खिलाड़ी यूपी से हैं. मगर इन सबके बीच एकता ने अपनी अलग तरह की बॉलिंग स्टाइल और परफॉर्मेंस के बूते टीम में जगह बनाई.अनोखा बॉलिंग स्टाइल

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