प्रवीण कुमार. मेरठ का क्रिकेटर. पहलवानों के घर से आने वाला एक स्विंग बॉलर. टीम इंडिया का पीके. इंग्लैंड में ऐसी स्विंग करवाता था कि बैट्समैन नाच जाए. अचानक यू-टर्न ले लिया. बिना इंडिकेटर दिए. पॉलिटिक्स ज्वाइन कर ली.
29 साल के प्रवीण कुमार ने सन्डे को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कई सीनियर लीडर्स से मुलाक़ात की और उन्हें पार्टी में भर्ती कर लिया गया. 2017 में इलेक्शन आने ही वाले हैं. ऐसे में प्रवीण कुमार पार्टी के लिए काम आ सकते हैं. मेरठ और आस पास के इलाकों में प्रवीण कुमार का भौकाल है और उनके चेहरे को पार्टी जम के कैश करना चाहेगी.
प्रवीण कुमार ने कहा, "मैंने मुख्मंत्री अखिलेश यादव के काम को देखा है और वो बेहतरीन काम कर रहे हैं. यही सब सोच के मैंने पार्टी ज्वाइन करने की सोची."
प्रवीण कुमार ने 2007 में इंडिया के लिए अपना पहला मैच खेला था. वैसे देखा जाए तो उनकी बीते कुछ वक़्त में जैसी मनोस्थिति रही है, उन्होंने सही फ़ैसला लिया है. उन्हें कई बार फ़ील्ड पर गैर-ज़िम्मेदाराना रवैये की वजह से बातें सुनाई गयी हैं. 2013 में विजय हज़ारे ट्रॉफी से उन्हें बाहर कर दिया गया था क्यूंकि वो बल्लेबाज को गालियां दे रहे थे. इसी साल क्रिकेट अंपायर्स ने ऑन रिकॉर्ड ये कहा था कि प्रवीण कुमार क्रिकेट खेलने के मेंटल स्टेट में नहीं हैं. उनकी टीम के ही साथियों ने उनसे बात करनी बंद कर दी थी. और उनसे दूरी बना ली थी.
2008 में उन्होंने मेरठ में ही किसी डॉक्टर को सड़क पर पीटा था. 2011 में इंडिया के इंग्लैंड टूर के दौरान उन्होंने अंपायर से बेअदबी से बात की थी, जिसके लिए उनपर फाइन भी लगा था. साथ ही उन्होंने फैन्स के साथ भी कुछ कहा-सुनी की थी. प्रवीण कुमार ने आखिरी बार इंडिया के लिए 2012 में क्रिकेट खेला था. और अगले आने वाले समय में भी उनके इंडिया के लिए क्रिकेट खेलने की गुंजाइश कम ही दिख रही थी.