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टोक्यो 2020 ओलंपिक वाले साल में आए इस बजट से देश के एथलीट निश्चित तौर पर निराश होंगे

पिछले साल से बढ़ा बजट लेकिन फिर भी पर्याप्त नहीं.

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बाईं तरफ Tokyo 2020 Olympics का Gold Meda (फोटो टोक्यो 2020 से साभार)l और दाईं तरफ वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman और Anurag Thakur
1 फ़रवरी 2020 (Updated: 1 फ़रवरी 2020, 15:18 IST)
Updated: 1 फ़रवरी 2020 15:18 IST
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टोक्यो 2020. इस बार के ओलंपिक को शॉर्ट में टोक्यो 2020 के नाम से पुकारा जा रहा है.  दुनिया के इस सबसे बड़े खेल आयोजन में भाग लेना हर एथलीट का सपना होता है. हर एथलीट चाहता है कि वह ओलंपिक में खेलकर अपने देश के लिए मेडल जीते. दुनिया के सारे देश भी यही चाहते हैं कि उनके एथलीट ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतें. चार साल में एक बार होने वाले इस आयोजन के लिए एथलीट्स के साथ-साथ उनके देश भी खूब तैयारियां करते हैं. किसी भी चीज की तैयारी में सबसे जरूरी क्या होता है? पैसा.
अब आप कहेंगे कि बिना पैसों के भी लोग आगे बढ़े हैं. लेकिन फिर मैं कहना चाहूंगा कि एकदम शून्य पैसे से कुछ नहीं होता. कहीं से आए लेकिन पैसा आना ही चाहिए. पैसा कहां से आता है? सीधे तौर पर देखें तो अपनी जेब के अलावा पैसा सरकार के बजट से आता है.
शनिवार, 1 फरवरी को केंद्र सरकार का बजट आ चुका है. इसमें खेल और युवा मंत्रालय को 2826.92 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सुनने में यह रकम शायद बड़ी लग रही हो लेकिन ऐसा है नहीं.
Tokyo 2020
Tokyo 2020 Olympics के साल में बजट का ये हाल!

यह रकम पिछले साल के संशोधित अनुमान से 50 करोड़ ज्यादा है, लेकिन ओलंपिक के साल में यह बढ़ोतरी कुछ नहीं है. हम आपको बताएंगे कि क्यों यह रकम कम है. लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि किस मद में कितने रुपयों का प्रावधान किया गया है.

# किसे कितना मिला?

केंद्र सरकार ने साल 2018 में एक प्रोग्राम शुरू किया था. खेलो इंडिया स्कूल गेम्स. इस प्रोग्राम को बाद में खेलो इंडिया यूथ गेम्स कर दिया गया. इस बजट में सबसे ज्यादा फायदा इसी प्रोग्राम का हुआ है. पिछली बार खेलो इंडिया को 578 करोड़ रुपये दिए गए थे. इस साल इसमें 312.42 करोड़ बढ़ाए गए हैं, अब यह 890.42 करोड़ होगा. खेलो इंडिया के इस फायदे ने बाकियों का काफी नुकसान किया है.
इस मामले में नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस का बड़ा नुकसान हुआ है. इस बजट में उनके लिए कुल 245 करोड़ का प्रावधान किया गया है. पिछली बार यह रकम 300.85 करोड़ थी. एथलीट्स को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी कटौती हुई. पिछली बार जहां यह 111 करोड़ थी वहीं इस बार इसे 70 करोड़ कर दिया गया है. नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फंड का 77.15 करोड़ का बजट भी घटकर 50 करोड़ हो गया है. इस फंड के जरिए ओलंपिक में खेलने के संभावित एथलीट्स की मदद की जाती है. हालांकि इस फंड को बाकी जगहों से भी सपोर्ट मिलता है. इसे सपोर्ट करने वालों में प्राइवेट संस्थाएं और पब्लिक सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं.

# इसमें SAI का घाटा

देश के खेलों को चलाने वाली संस्था स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के बजट को करारा झटका लगा है. पिछली बार जहां इसे 615 करोड़ मिले थे वहीं इस बार सिर्फ 500 करोड़ मिले हैं. SAI को नेशनल कैंप के आयोजन से लेकर खेलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, उपकरण लेने और एथलीट्स के लिए बाकी लॉजिस्टिक्स को मैनेज करने का काम करना होता है.
SAI के अंडर आने वाले स्टेडियमों के रेनोवेशन के लिए पिछली बार 96 करोड़ दिए गए थे. इस बार इस रकम को घटाकर 75 करोड़ कर दिया गया है. खिलाड़ियों के लिए बने नेशनल वेलफेयर फंड को इस बार भी 2 करोड़ रुपये ही मिलेंगे. इधर जम्मू और कश्मीर में खेल सुविधाओं को बढ़ाने के लिए इस साल भी 50 करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ है. इस बजट में लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन का फायदा हुआ है. इस बार इस संस्था को पिछली बार के मुकाबले पांच करोड़ ज्यादा यानी कुल 55 करोड़ रुपये मिलेंगे. पिछले साल शुरुआती बजट 2216.92 करोड़ था जिसे बाद में संशोधित कर 1776.91 करोड़ कर दिया गया था.

# मेरा बजट कितना कम है...

2826 करोड़ रुपयों को डॉलर में बदलें तो यह रकम होती है 39 करोड़, 52 लाख, 50 हजार और 266 अमेरिकी डॉलर. अब हर चीज में चाइना से कंपेयर करते हैं तो यहां भी कर ही लेते हैं. फरवरी, 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना का साल का स्पोर्ट्स बजट 48 अरब, 43 करोड़ 80 लाख, 15 हजार 360 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का है. और चाइना हर साल इसमें कम से कम 6 प्रतिशत बढ़ाता है.
आंकड़े फिर से पढ़िएगा. चाइना के कुल बजट से 48 अरब डॉलर निकाल दें तो भी वह स्पोर्ट्स पर हमसे 4 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च करता है. अब थोड़ी पुरानी बात.
साल 2016 में भारत के इकलौते ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने एक ट्वीट किया था. ट्वीट काफी चर्चा में रहा था. लोगों ने उस पर काफी बात की थी. लेकिन नतीजा निकला- नथिंग, जीरो, शून्य. बिंद्रा के उस ट्वीट के मुताबिक, ब्रिटेन हर मेडल पर 72 लाख 62 हजार 524 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है. ब्रिटेन के स्पोर्ट्स बजट की बात करें तो उसी साल आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन हर साल 9000 करोड़ रुपये या फिर डेढ़ अरब डॉलर स्पोर्ट्स पर खर्च करता है. इसके अलावा दो ओलंपिक के बीच ओलंपिक की तैयारियों पर ब्रिटेन हर चार साल में 35 करोड़ डॉलर खर्च करता है.
तथ्य हमने दे दिए, अब फैसला आप कीजिए कि इस ओलंपिक में हम कितने मेडल्स जीत सकते हैं!


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