बजरंग पूनिया ने ओलंपिक क्वालिफायर्स में हारने के बाद डोप टेस्ट क्यों नहीं दिया
Bajrang Punia और Ravi Dahiya नेशनल ट्रायल्स में अपने-अपने मैच हार गए हैं. बजरंग को रोहित कुमार से जबकि रवि दहिया को उदित ने हरा दिया.

ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और रवि दहिया (Ravi Dahiya) को बड़ा झटका लगा है. टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने वाले दोनों रेसलर नेशनल ट्रायल्स में अपने अपने मैच हार गए हैं. बजरंग को 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भारवर्ग के सेमीफाइनल में रोहित कुमार से हार का सामना करना पड़ा. जबकि रवि दहिया को 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल भार वर्ग में उदित ने हरा दिया. ट्रायल्स का आयोजन सोनीपत के स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) एकेडमी में हुआ था.
65 किलोग्राम भारवर्ग के पहले राउंड में बजरंग पूनिया का सामना रविंदर से हुआ. ये मुकाबला 3-3 से ड्रॉ रहा. हालांकि मैच के दौरान रविंदर को वॉर्निंग मिली थी. इस वजह से बजरंग को विजेता घोषित किया गया. सेमीफाइनल में बजरंग का सामना रोहित कुमार से हुआ. ये मुकाबला बिल्कुल एकतरफा रहा. मुकाबले में रोहित ने 9-1 से बजरंग को हरा दिया. इसके साथ ही बजरंग क्वालिफिकेशन की रेस से बाहर हो गए. मैच हारने के बाद पूनिया तुरंत ही एकेडमी से बाहर चले गए. उन्होंने तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले में भी हिस्सा नहीं लिया. साथ ही वो नेशनल डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) को डोप सैम्पल दिए बिना ही बाहर चले गए.
मैच के बाद रोहित ने कहा कि बजरंग पूनिया में इस बार वो ताकत नहीं नजर आ रही थी. उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मेरा बजरंग पूनिया के खिलाफ मुकाबला हुआ था, तब वो काफी मजबूत और फास्ट नजर आ रहे थे. लेकिन इस बार ऐसा नहीं था.
वही 57 किलोग्राम कैटेगरी के मुकाबले रवि दहिया की टक्कर दूसरे राउंड में अमन सहरावत से हुई. नॉर्डिक फॉर्मेट के आधार पर खेले गए रोमांचक मुकाबले में अमन सेहरावत ने रवि दहिया को 14-13 से हरा दिया. इसके बाद रवि दहिया का सामना अंडर 20 एशियन चैंपियन उदित से हुआ. इस मुकाबले में भी रवि दहिया को हार का सामना करना पड़ा. वो इस मुकाबले को 8-10 से हार गए. इस हार के बाद रवि दहिया भी पेरिस ओलंपिक की रेस से बाहर हो गए हैं.
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नॉर्डिक फॉर्मेट क्या है?नॉर्डिक फॉर्मेट की बात करें तो इस फॉर्मेट का इस्तेमाल तब होता है, जब किसी कैटेगरी में छह से कम खिलाड़ी होते हैं. ऐसे में हर खिलाड़ी रॉबिन राउंड में एक-दूसरे का सामना करते हैं. टॉप तीन खिलाड़ियों को रैंक के आधार पर विजेता चुना जाता है. अगर दो खिलाड़ियों के अंक बराबर होते हैं, तो फैसला इस आधार पर किया जाता है कि उन दोनों के बीच हुए मुकाबले में विजेता कौन था.
बजरंग की हो चुकी है आलोचनाबजरंग पूनिया की बात करें तो पिछले साल हुए एशियन गेम्स के सेमीफाइनल मैच में उन्हें हार मिली थी. जबकि ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में बजरंग को जापानी पहलवान के हाथों 10-0 से हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना हुई थी. बजरंग बिना किसी ट्रायल के भारतीय दल में शामिल हुए थे.
सेलेक्शन ट्रायल्स के विजेता57 किग्रा- अमन सहरावत
65 किग्रा- सुजीत कलकल
74 किग्रा- जयदीप
86 किग्रा- दीपक पूनिया
97 किग्रा- दीपक
125 किग्रा-सुमित
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